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HCS परीक्षा में किरपान और कड़ा पहन शामिल हो सकते हैं सिख आवेदक-HC - etvbharat

हरियाणा सिविल सर्विसिस के 166 पदों के लिए 31 मार्च को होने जा रही परीक्षा में सिख आवेदकों को किरपान और कड़ा पहन परीक्षा में शामिल होने की हाई कोर्ट ने इजाजत दे दी है. इस परीक्षा के लिए धार्मिक चिह्न पहन कर परीक्षा देने पर जो पाबन्दी लगाई गई थी, उस पर हाई कोर्ट ने रोक लगाते हुए हरियाणा सरकार और एचपीएससी को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है.

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट
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Published : Mar 30, 2019, 11:59 PM IST

चंड़ीगढ़ः हरियाणा सिविल सर्विसिस के 166 पदों के लिए 31 मार्च को होने जा रही परीक्षा में सिख आवेदकों को किरपान और कड़ा पहन परीक्षा में शामिल होने की हाई कोर्ट ने इजाजत दे दी है. इस परीक्षा के लिए धार्मिक चिह्न पहन कर परीक्षा देने पर जो पाबन्दी लगाई गई थी, उस पर हाई कोर्ट ने रोक लगाते हुए हरियाणा सरकार और एचपीएससी को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है.

जस्टिस आरकेस जैन एवं जस्टिस हरनरेश सिंह गिल की खंडपीठ ने शनिवार को इस मामले को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दे दिए हैं. हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को आदेश दे दिए हैं कि इस परीक्षा के लिए हाईकोर्ट के इन आदेशों के बारे में सभी आवेदकों को सूचित किया जाए.

गुरसिख आवेदक जो सिख धर्म के पांचों ककार धारण करते हैं, उन्हें परीक्षा से एक घंटा पहले परीक्षा केंद्र में पहुँचने के आदेश दिए गए हैं जहाँ उनकी जाँच की जा सकती है. हाई कोर्ट ने कहा कि अगर धारण किये गए चिह्नों में अगर कुछ आपत्तिजनक या कोई डिवाइस मिलती है तो ही कार्यवाही की जाये अन्यथा जाँच के बाद परीक्षा दिए जाने की इन आवेदकों को इजाजत दी जाए.

गौरतलब है कि रविवार को होने जा रही इस एचसीएस परीक्षा के लिए एचपीएससी ने नियम बनाया था कि परीक्षा में शामिल होने वाले आवेदकों को किसी भी तरह के धार्मिक चिह्न पहने जाने पर पाबन्दी लगा दी गई थी. इस नियम को एडवोकेट चरणपाल सिंह बागड़ी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर चुनौती दे दी है. शनिवार को इस याचिका को दायर कर उन्होंने इस पर तत्काल सुनवाई किये जाने की मांग की उनकी इस मांग पर हाई कोर्ट ने जस्टिस आर.के.जैन एवं जस्टिस हरनरेश सिंह गिल की खंडपीठ का गठन कर सुनवाई शुरू की.

चंड़ीगढ़ः हरियाणा सिविल सर्विसिस के 166 पदों के लिए 31 मार्च को होने जा रही परीक्षा में सिख आवेदकों को किरपान और कड़ा पहन परीक्षा में शामिल होने की हाई कोर्ट ने इजाजत दे दी है. इस परीक्षा के लिए धार्मिक चिह्न पहन कर परीक्षा देने पर जो पाबन्दी लगाई गई थी, उस पर हाई कोर्ट ने रोक लगाते हुए हरियाणा सरकार और एचपीएससी को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है.

जस्टिस आरकेस जैन एवं जस्टिस हरनरेश सिंह गिल की खंडपीठ ने शनिवार को इस मामले को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दे दिए हैं. हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को आदेश दे दिए हैं कि इस परीक्षा के लिए हाईकोर्ट के इन आदेशों के बारे में सभी आवेदकों को सूचित किया जाए.

गुरसिख आवेदक जो सिख धर्म के पांचों ककार धारण करते हैं, उन्हें परीक्षा से एक घंटा पहले परीक्षा केंद्र में पहुँचने के आदेश दिए गए हैं जहाँ उनकी जाँच की जा सकती है. हाई कोर्ट ने कहा कि अगर धारण किये गए चिह्नों में अगर कुछ आपत्तिजनक या कोई डिवाइस मिलती है तो ही कार्यवाही की जाये अन्यथा जाँच के बाद परीक्षा दिए जाने की इन आवेदकों को इजाजत दी जाए.

गौरतलब है कि रविवार को होने जा रही इस एचसीएस परीक्षा के लिए एचपीएससी ने नियम बनाया था कि परीक्षा में शामिल होने वाले आवेदकों को किसी भी तरह के धार्मिक चिह्न पहने जाने पर पाबन्दी लगा दी गई थी. इस नियम को एडवोकेट चरणपाल सिंह बागड़ी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर चुनौती दे दी है. शनिवार को इस याचिका को दायर कर उन्होंने इस पर तत्काल सुनवाई किये जाने की मांग की उनकी इस मांग पर हाई कोर्ट ने जस्टिस आर.के.जैन एवं जस्टिस हरनरेश सिंह गिल की खंडपीठ का गठन कर सुनवाई शुरू की.

Intro:एचसीएस परीक्षा में सिख आवेदकों को किरपान और कड़ा पहन परीक्षा में शामिल होने की हाई कोर्ट ने दी  इजाजत
- एचपीएससी व हरियाणा सरकार को नोटिस


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चंड़ीगढ़
हरियाणा सिविल सर्विसिस  के 166 पदों के लिए रविवार 31 मार्च को होने जा रही परीक्षा में सिख आवेदकों को किरपान और कड़ा पहन परीक्षा में शामिल होने की हाई कोर्ट ने इजाजत दे दी है और इस परीक्षा के लिए धार्मिक चिह्न पहन या धारण कर परीक्षा देने पर जो पाबन्दी लगाई गई थी  उस पर हाई कोर्ट ने रोक लगाते हुए हरियाणा सरकार और एच.पी.एस.सी. को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है ।
जस्टिस आर.के. जैन एवं जस्टिस हरनरेश सिंह गिल की खंडपीठ ने शनिवार को इस मामले को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दे दिए हैं । हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को आदेश दे दिए हैं कि रविवार सुबह होने वाली इस परीक्षा के लिए हाईकोर्ट के इन आदेशों के बारे में सभी आवेदकों को सूचित किया जाये ।



Conclusion:गुरसिख आवेदक जो सिख धर्म के पांचों ककार धारण करते हैं उन्हें परीक्षा से एक घंटा पहले परीक्षा केंद्र में पहुँचने के आदेश दिए गए हैं जहाँ उनकी जाँच की जा सकती है।  हाई कोर्ट ने कहा कि अगर धारण किये गए चिह्नों में अगर कुछ आपत्तिजनक या कोई डिवाइस मिलती है तो ही कार्यवाही की जाये अन्यथा जाँच के बाद परीक्षा दिए जाने की इन आवेदकों को इजाजत दी जाये।
गौरतलब है कि रविवार को होने जा रही इस एच.सी.एस. परीक्षा के लिए एच.पी.एस.सी. ने नियम बनाया था कि परीक्षा में शामिल होने वाले आवेदकों को किसी भी तरह के धार्मिक चिह्न पहने जाने पर पाबन्दी लगा दी गई थी।  इस नियम को एडवोकेट चरणपाल सिंह बागड़ी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर चुनौती दे दी है । शनिवार को इस याचिका को दायर कर उन्होंने इस पर तत्काल सुनवाई किये जाने की मांग की उनकी इस मांग पर हाई कोर्ट ने जस्टिस आर.के.जैन एवं जस्टिस हरनरेश सिंह गिल की खंडपीठ का गठन कर सुनवाई शुरू की ।
याचिकाकर्ता ने इन नियम पर आपत्ति जताते हुए कहा कि धार्मिक चिह्न सिर्फ सिख धर्म के लोग ही पहनते हैं  ऐसे में उन्हें किरपान, कड़ा और कंघा अदि को साथ ले जाए जाने पर पाबन्दी लगा दी गई है । जोकि सीधे तौर पर आवेदक की धार्मिक भावनाओं और अधिकारों का उलंघन है।  सुप्रीम कोर्ट भी अपन फैसले में तय कर चूका है कि सिख आवेदक अपने धार्मिक प्रतीकों के साथ परीक्षा दे सकते हैं  । ऐसे में एच.पी.एस.सी. का यह नियम न सिर्फ असंवैधानिक है बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का भी उलंघन है । ऐसे में इस पर रोक लगाई जाए क्योंकि इस नियम के चलते कई सिख आवेदक जो किरपान, कड़ा और कंघा अदि पांच ककार धारण करते हैं वह इस परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे  इसके अलावा भविष्य में भी इस तरह के नियम बनाये जाने पर रोक लगाए जाने की हाई कोर्ट से मांग की है  ।
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