चंड़ीगढ़ः हरियाणा सिविल सर्विसिस के 166 पदों के लिए 31 मार्च को होने जा रही परीक्षा में सिख आवेदकों को किरपान और कड़ा पहन परीक्षा में शामिल होने की हाई कोर्ट ने इजाजत दे दी है. इस परीक्षा के लिए धार्मिक चिह्न पहन कर परीक्षा देने पर जो पाबन्दी लगाई गई थी, उस पर हाई कोर्ट ने रोक लगाते हुए हरियाणा सरकार और एचपीएससी को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है.
जस्टिस आरकेस जैन एवं जस्टिस हरनरेश सिंह गिल की खंडपीठ ने शनिवार को इस मामले को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दे दिए हैं. हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को आदेश दे दिए हैं कि इस परीक्षा के लिए हाईकोर्ट के इन आदेशों के बारे में सभी आवेदकों को सूचित किया जाए.
गुरसिख आवेदक जो सिख धर्म के पांचों ककार धारण करते हैं, उन्हें परीक्षा से एक घंटा पहले परीक्षा केंद्र में पहुँचने के आदेश दिए गए हैं जहाँ उनकी जाँच की जा सकती है. हाई कोर्ट ने कहा कि अगर धारण किये गए चिह्नों में अगर कुछ आपत्तिजनक या कोई डिवाइस मिलती है तो ही कार्यवाही की जाये अन्यथा जाँच के बाद परीक्षा दिए जाने की इन आवेदकों को इजाजत दी जाए.
गौरतलब है कि रविवार को होने जा रही इस एचसीएस परीक्षा के लिए एचपीएससी ने नियम बनाया था कि परीक्षा में शामिल होने वाले आवेदकों को किसी भी तरह के धार्मिक चिह्न पहने जाने पर पाबन्दी लगा दी गई थी. इस नियम को एडवोकेट चरणपाल सिंह बागड़ी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर चुनौती दे दी है. शनिवार को इस याचिका को दायर कर उन्होंने इस पर तत्काल सुनवाई किये जाने की मांग की उनकी इस मांग पर हाई कोर्ट ने जस्टिस आर.के.जैन एवं जस्टिस हरनरेश सिंह गिल की खंडपीठ का गठन कर सुनवाई शुरू की.