चंडीगढ़: पिछले कई सालों से भारतीय शूटर्स शूटिंग में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं. भारतीय शूटर्स ने कई अंतरराष्ट्रीय पदक अपने नाम किए हैं. इन्हीं में से हैं एक अंजुम मोदगिल, जिनका नाम भारत की स्टार शूटर्स में गिना जाता है. अंजुम ने टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है और वो फिलहाल ओलंपिक की तैयारियों में लगी हैं. ईटीवी भारत ने भारतीय शूटर अंजुम मोदगिल से खास बातचीत की.
सवाल: आपने टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है. इस समय ओलंपिक को लेकर किस तरह से तैयारियां जारी हैं?
अंजुम मोदगिल: मैंने साल 2018 में टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया था. उसके बाद से लगातार ओलंपिक की तैयारियां जारी है. मेरी सारी तैयारी हो चुकी है. तैयारी अब अपने अंतिम चरण में है. ओलंपिक से पहले शूटिंग वर्ल्ड कप का आयोजन भी होना है. उसको लेकर भी तैयारी चल रही है. शूटिंग टीम के सभी खिलाड़ी जी जान से ओलंपिक की तैयारियों में जुटे हुए हैं.
सवाल: आपको क्या लगता है कि भारत और विदेश में दी जाने वाली ट्रेनिंग में फर्क है? अगर है तो कितना ?
अंजुम मोदगिल: भारत और विदेश में दी जाने वाली ट्रेनिंग में इस वक्त कोई फर्क नहीं है, लेकिन ये खिलाड़ी पर निर्भर करता है कि वो ट्रेनिंग के बारे में क्या सोचता है. कोई खिलाड़ी विदेश में ट्रेनिंग लेना चाहता है तो कोई भारत में ही ट्रेनिंग लेता है. व्यक्तिगत तौर पर मुझे तो दोनों के बीच ज्यादा फर्क नजर नहीं आता. वैसे भी इस वक्त ज्यादातर खिलाड़ी भारत में ही ट्रेनिंग ले रहे हैं. देश में ट्रेनिंग लेने का ये भी फायदा है कि पूरी टीम एक साथ ट्रेनिंग लेती है, जिससे टीम के बीच में टीम भावना भी बढ़ती है. सभी खिलाड़ियों के कोच भारतीय हैं और हमारे पास पूरी टीम के लिए एक विदेशी कोच भी है. जिन से खिलाड़ी को काफी सपोर्ट मिल रहा है.
सवाल: ओलंपिक पदक के लिए क्या कोई दबाव महसूस कर रही हैं?
अंजुम मोदगिल: पदक के लिए कोई दबाव महसूस नहीं कर रही हूं, लेकिन हमने काफी मेहनत करके ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है और हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम देश को पदक जीत कर दें. इसके अलावा हमारी तैयारी अच्छी तरह से चल रही है और हमें उम्मीद है कि हम पदक जीत कर लाएंगे.
सवाल: कई बार किसी खेल में ओलंपिक पदक आने के बाद ही युवा उस खेल की तरफ आकर्षित होते हैं. शूटिंग को लेकर युवाओं में आप कैसा माहौल देखती हैं?
अंजुम मोदगिल: साल 2008 में अभिनव बिंद्रा ने जब ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था. उसके बाद काफी युवा इस खेल से जुड़ गए थे. अभी भी युवाओं में इस खेल को लेकर काफी जोश देखा जा रहा है. पिछले कुछ सालों में हमारे खिलाड़ियों ने देश के लिए काफी अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं. जिसके बाद बहुत से युवा लगातार इस खेल से जुड़ रहे हैं.
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सवाल: अगर नए खिलाड़ियों की बात की जाए तो उनके लिए भारतीय शूटिंग रेंज का क्या स्टैंडर्ड है और खिलाड़ियों की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाला सामान भारत में उपलब्ध है या विदेशों से मंगवाना पड़ता है?
अंजुम मोदगिल: हालांकि शूटिंग में इस्तेमाल होने वाली ज्यादातर बंदूकें विदेशों से मंगवानी पड़ती हैं, लेकिन फिलहाल भारत में कई अन्य उपकरण अब बनने शुरू हो गए हैं. जिन्हें भारत के साथ-साथ विदेशी खिलाड़ी भी इस्तेमाल कर रहे हैं. कुछ साल पहले तक सारा सामान विदेशों से मंगवाना पड़ता था जो बहुत महंगा था, लेकिन अब बहुत सा सामान भारत में ही बनना शुरू हो गया है. इसके अलावा सरकार भी भारत में इंपोर्ट किए जाने वाले सामान को लेकर कई तरह की सुविधाएं दे रही है.
सवाल: युवा शूटर्स के लिए आप एक रोल मॉडल हैं, उन्हें इस खेल को लेकर क्या कहना चाहेंगी?
अंजुम मोदगिल: मैं सिर्फ यही कहना चाहूंगी कि जो भी करो उसे अपने मन से करो किसी के दबाव में आकर मत करो. जो भी करो उसे खुशी से करो और पूरी लगन से करो, क्योंकि जब आप किसी काम को खुशी से करेंगे तबतक उस काम में आपको सफलता नहीं मिल सकती है.