चंडीगढ़ः गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जी.एम.सी.एच.)-32 के पोस्ट ग्रेजुएट एम.एस./एम.डी कोर्स में दाखिले का विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. मामले में हाई कोर्ट ने जी.एम.सी.एच को कोर्स में दाखिले के लिए ओरिजिनल सर्टिफिकेट जमा करवाए जाने की शर्त में थोड़ी ढील दिए जाने के आदेश दिए हैं.
जस्टिस महेश ग्रोवर एवं जस्टिस ललित बत्रा की खंडपीठ ने कहा कि योग्य आवेदकों का दाखिला बिना ओरिजिनल सर्टिफिकेट किया प्रिवीजनल तौर पर किया जा सकता है और आवेदक को ओरिजिनल सर्टिफिकेट जमा करवाए जाने के लिए कुछ समय दिया जा सकता है. हाई कोर्ट ने ये आदेश इस मामले को लेकर डॉ यशिका कपूर द्वारा दायर एक याचिका का निपटारा करते हुए दिए हैं.
दायर याचिका में याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट को बताया था कि उसने पी.जी. कोर्स में दाखिले के लिए आवेदन किया था. पी.जी कोर्स में दाखिले के लिए एक शर्त तय की गई है कि जिसके तहत लगभग 21 अलग-अलग दस्तावेज की ओरिजिनल कॉपी जमा करवानी अनिवार्य की गई है. याचिकाकर्ता का कहना है कि उसने जिस कॉलेज से एम.बी.बी.एस की है उसके अधिकतर ओरिजनल सर्टिफिकेट वहीं जमा हैं. ऐसे में इन सर्टिफिकेट को वो बाद में जमा करवा सकती है इस आधार पर उसे दाखिला दिए जाने से इंकार नहीं किया जाना चाहिए.
हाई कोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि इस नियम को इतना सख्त नहीं बनाया जाना चाहिए जब आवेदक के ओरिजिनल सर्टिफिकेट अन्य कॉलेज में जमा हैं तो उसे अपने सर्टिफिकेट को वहां से मंगवाए जाने के लिए कुछ समय दिया जाए. हाई कोर्ट ने कहा कि जब तक ओरजिनल सर्टिफिकेट नहीं आते हैं तब तक याचिकाकर्ता को प्रोवीजनल एडमीशन दी जा सकती है.