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11वीं और 9वीं की परीक्षाएं ऑनलाइन कराई जाएं- टीचर एसोसिएशन - 11वीं और 9वीं की परीक्षाएं चंडीगढ़

कोरोना से हालात कुछ सामान्य होने के बाद अब छात्रों की परीक्षा करवाने का समय है. लेकिन समस्या ये है कि परीक्षा कैसे करवाई जाए. हलांकि सरकार ने परीक्षाओं की तारीख का ऐलान कर दिया है. चंडीगढ़ टीचर एसोसिएशन 9वीं और 11वीं की परीक्षा ऑनलाइन करवाने की मांग कर रहा है.

चंडीगढ़ टीचर एसोसिएशन
चंडीगढ़ टीचर एसोसिएशन
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Published : Feb 25, 2021, 4:11 PM IST

Updated : Mar 2, 2021, 1:34 PM IST

चंडीगढ़: शिक्षा विभाग ने स्कूलों को 9वींऔर 11वीं कक्षाओं की परीक्षाएं मार्च महीने में करवाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी कहा गया है कि यह परीक्षाएं ऑफलाइन तरीके से होंगी। यानी बच्चों को स्कूल में आकर परीक्षा देनी होगी। विभाग के इन निर्देशों की वजह से स्कूल अध्यापक असमंजस की स्थिति में है। उनका कहना है कि स्कूलों में इस वक्त ऑफलाइन परीक्षाएं करवाना संभव नहीं है।

इस बारे में ईटीवी भारत ने चंडीगढ़ टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष स्वर्ण सिंह कंबोज से बात की. कंबोज के मुताबिक कोरोना काल में ऑफलाइन परीक्षा करवा पाना मुश्किल है. साथ ही बच्चों के साथ जोखिम भी. उन्होंने विस्तार से बताया क्या-क्या समस्याएं हैं.

11वीं और 9वीं की परीक्षाएं अनलाइन करवाई जाएं- टीचर एसोसिएशन

ये भी पढ़ें- कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर ने लॉन्च किया 'अपना भारत मोर्चा'

  1. कंबोज के मुताबिक कोविड का खतरा अभी टला नहीं है। बल्कि पिछले कुछ दिनों से कोविड के मामलों की संख्या भी बढ़ गई है। ऐसे में बच्चों को स्कूल बुलाकर परीक्षाएं आयोजित करना सही फैसला नहीं होगा। चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या काफी ज्यादा है एक क्लास के कई सेक्शन हैं और हर सेक्शन में करीब 70 बच्चे हैं।
    अगर करोना को ध्यान में रखते हुए स्कूल में परीक्षाएं करवाई जाती हैं तो एक क्लास में 10 या 12 बच्चों को ही बैठाया जा सकता है। इस तरह स्कूलों में इतने कमरे ही नहीं हैं कि सभी बच्चों की एक साथ परीक्षाएं करवाई जा सके
  2. दूसरी ओर चंडीगढ़ के एक निजी स्कूल का एक बच्चा परीक्षा के दौरान पॉजिटिव आ चुका है ऐसे में अगर सरकारी स्कूलों का कोई बच्चा भी पॉजिटिव आ जाता है तो यह बच्चों के लिए सही नहीं होगा साथ ही परीक्षा के दौरान अगर किसी बच्चे में सर्दी जुकाम दिखाई देता है तो ऐसे में टीचर के लिए समस्या खड़ी हो जाएगी कि वह बच्चे को अस्पताल कैसे पहुंचाएं। क्योंकि उस समय बच्चे का टेस्ट करवाना जरूरी होगा। इस तरह के लक्षणों के साथ बच्चे को क्लास रूम में नहीं बैठाया जा सकता।
  3. परीक्षाओं को लेकर माता पिता भी चिंता में है वह भी अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते क्योंकि उन्हें भी कोरोना का डर सता रहा है। साथ ही वे बच्चों की ओर ऑफलाइन परीक्षा के पक्ष में नहीं है वे चाहते हैं कि बच्चों की ऑनलाइन परीक्षा करवाई जाए माता पिता का कहना है कि बच्चों ने पूरा साल ऑनलाइन तरीके से ही पढ़ाई की है ऐसे में बच्चे ऑफलाइन तरीके से परीक्षा नहीं दे सकते क्योंकि दोनों तरह की बढ़ाई में काफी फर्क होता है। इसलिए विभाग बच्चों की परीक्षा ऑनलाइन करवाएं।
  4. स्वर्ण सिंह कंबोज ने कहा केंद्र सरकार के आदेशों के अनुसार आठवीं कक्षा तक किसी भी बच्चे को फेल नहीं किया जाएगा. 10वीं और 12वीं क्लास के बच्चों की ऑनलाइन परीक्षाएं होंगी इसलिए विभाग को 9वीं और 11वीं क्लास की परीक्षाओं को लेकर कोई खतरा नहीं उठाना चाहिए. इन दोनों कक्षाओं की परीक्षाएं भी ऑनलाइन ही कर देनी चाहिए. क्योंकि कोरोना का खतरा अभी भी बरकरार है. बच्चों को कोरोना से बचा कर रखना हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है।

ये भी पढ़ें- सरकार से समर्थन वापस लेने वाले विधायक के 30 ठिकानों पर आईटी का छापा

चंडीगढ़: शिक्षा विभाग ने स्कूलों को 9वींऔर 11वीं कक्षाओं की परीक्षाएं मार्च महीने में करवाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी कहा गया है कि यह परीक्षाएं ऑफलाइन तरीके से होंगी। यानी बच्चों को स्कूल में आकर परीक्षा देनी होगी। विभाग के इन निर्देशों की वजह से स्कूल अध्यापक असमंजस की स्थिति में है। उनका कहना है कि स्कूलों में इस वक्त ऑफलाइन परीक्षाएं करवाना संभव नहीं है।

इस बारे में ईटीवी भारत ने चंडीगढ़ टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष स्वर्ण सिंह कंबोज से बात की. कंबोज के मुताबिक कोरोना काल में ऑफलाइन परीक्षा करवा पाना मुश्किल है. साथ ही बच्चों के साथ जोखिम भी. उन्होंने विस्तार से बताया क्या-क्या समस्याएं हैं.

11वीं और 9वीं की परीक्षाएं अनलाइन करवाई जाएं- टीचर एसोसिएशन

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  1. कंबोज के मुताबिक कोविड का खतरा अभी टला नहीं है। बल्कि पिछले कुछ दिनों से कोविड के मामलों की संख्या भी बढ़ गई है। ऐसे में बच्चों को स्कूल बुलाकर परीक्षाएं आयोजित करना सही फैसला नहीं होगा। चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या काफी ज्यादा है एक क्लास के कई सेक्शन हैं और हर सेक्शन में करीब 70 बच्चे हैं।
    अगर करोना को ध्यान में रखते हुए स्कूल में परीक्षाएं करवाई जाती हैं तो एक क्लास में 10 या 12 बच्चों को ही बैठाया जा सकता है। इस तरह स्कूलों में इतने कमरे ही नहीं हैं कि सभी बच्चों की एक साथ परीक्षाएं करवाई जा सके
  2. दूसरी ओर चंडीगढ़ के एक निजी स्कूल का एक बच्चा परीक्षा के दौरान पॉजिटिव आ चुका है ऐसे में अगर सरकारी स्कूलों का कोई बच्चा भी पॉजिटिव आ जाता है तो यह बच्चों के लिए सही नहीं होगा साथ ही परीक्षा के दौरान अगर किसी बच्चे में सर्दी जुकाम दिखाई देता है तो ऐसे में टीचर के लिए समस्या खड़ी हो जाएगी कि वह बच्चे को अस्पताल कैसे पहुंचाएं। क्योंकि उस समय बच्चे का टेस्ट करवाना जरूरी होगा। इस तरह के लक्षणों के साथ बच्चे को क्लास रूम में नहीं बैठाया जा सकता।
  3. परीक्षाओं को लेकर माता पिता भी चिंता में है वह भी अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते क्योंकि उन्हें भी कोरोना का डर सता रहा है। साथ ही वे बच्चों की ओर ऑफलाइन परीक्षा के पक्ष में नहीं है वे चाहते हैं कि बच्चों की ऑनलाइन परीक्षा करवाई जाए माता पिता का कहना है कि बच्चों ने पूरा साल ऑनलाइन तरीके से ही पढ़ाई की है ऐसे में बच्चे ऑफलाइन तरीके से परीक्षा नहीं दे सकते क्योंकि दोनों तरह की बढ़ाई में काफी फर्क होता है। इसलिए विभाग बच्चों की परीक्षा ऑनलाइन करवाएं।
  4. स्वर्ण सिंह कंबोज ने कहा केंद्र सरकार के आदेशों के अनुसार आठवीं कक्षा तक किसी भी बच्चे को फेल नहीं किया जाएगा. 10वीं और 12वीं क्लास के बच्चों की ऑनलाइन परीक्षाएं होंगी इसलिए विभाग को 9वीं और 11वीं क्लास की परीक्षाओं को लेकर कोई खतरा नहीं उठाना चाहिए. इन दोनों कक्षाओं की परीक्षाएं भी ऑनलाइन ही कर देनी चाहिए. क्योंकि कोरोना का खतरा अभी भी बरकरार है. बच्चों को कोरोना से बचा कर रखना हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है।

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Last Updated : Mar 2, 2021, 1:34 PM IST
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