चंडीगढ़: चंडीगढ़ में रोज फेस्टिवल शुक्रवार से शुरू हो (Rose Festival Chandigarh) चुका है. ये 50फेस्टिवल चंडीगढ़ नगर निगम और चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. रोज फेस्टिवल का आयोजन सेक्टर 16 स्थित जाकिर हुसैन रोज गार्डन में किया जाता है. यह एक ऐसा आयोजन है, जिसमें गुलाबों की 1,600 किस्में प्रदर्शित की जाती हैं. जो देश में शायद ही किसी दूसरी जगह पर दिखाई देती होंगी. बता दें कि यह फेस्टिवल केवल चंडीगढ़ ही नहीं बल्कि आसपास के पड़ोसी राज्यों में भी काफी मशहूर है. इसीलिए पड़ोसी राज्यों से भी बड़ी संख्या में लोग इस फेस्टिवल को देखने के लिए आते हैं.
इस मौके पर ईटीवी भारत की टीम ने रोज फेस्टिवल (Rose Festival function Chandigarh) में पहुंचे कुछ सैलानियों से बात की. इन लोगों ने बताया कि यह फेस्टिवल हमें प्रकृति की सुंदरता का एहसास कराता है. यहां आकर हमें इस बात का आभास होता है कि प्रकृति द्वारा बनाए गए पेड़, पौधे, फूल कितने खूबसूरत है. सैलानियों ने कहा कि आजकल बढ़ते शहरीकरण की वजह से हम प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं और शहरों में इस तरह की चीजें कम ही देखने को मिलती है.
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर से आई प्रभलीन ने बताया कि रोज फेस्टिवल में आने के बाद ना सिर्फ हमें सुंदर गुलाब के फूल देखने को मिलते हैं, बल्कि यह फेस्टिवल हमें प्रकृति से भी जोड़ता है. प्रभलीन ने कहा कि रोज फेस्टिवल हमें इस बात का एहसास कराता है कि प्रकृति को बचाना हमारी जिम्मेदारी है और हमें इसके लिए लगातार प्रयास करने चाहिए. प्रभलीन ने कहा कि वे पहली बार रोज फेस्टिवल में आई है. हालांकि उन्होंने कई बार इसके बारे में सुना जरूर था लेकिन देखा पहली बार है और यहां आकर उन्हें यह समझ में आया कि इस फेस्टिवल की इतनी तारीफ क्यों की जाती है.
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चंडीगढ़ की रहने वाली सूफिया ने बताया कि वह कई सालों से हर साल फेस्टिवल में आती हैं. हालांकि पिछले साल कोरोना की वजह से रोज फेस्टिवल नहीं हो सका था, लेकिन इस साल फिर से इसे धूमधाम से मनाया जा रहा है. सूफिया ने कहा कि हर साल वह फेस्टिवल का बेसब्री से इंतजार करती हैं, क्योंकि यहां आना एक अलग ही अनुभव होता है. सूफिया ने कहा की पहले रोज फेस्टिवल के दौरान हेलीकॉप्टर राइड होती थी और उन्होंने भी हेलीकॉप्टर राइड ली है.
गौरतलब है कि रोज फेस्टिवल में पंचकूला से भी कुछ महिलाएं आई थी. जिन्होंने फेस्टिवल में आने के लिए खास तौर पर एक ड्रेस कोड चुना और सब महिलाएं उस ही ड्रेस कोड को पहनकर इस फेस्टिवल को देखने पहुंची. इन महिलाओं ने कहा कि वह पिछले काफी सालों से रोज फेस्टिवल में आ रही हैं और यह एक ऐसा आयोजन है जिसे देखे बिना नहीं रहा जा सकता. महिलाओं ने कहा कि यहां का माहौल बेहद खुशनुमा होता है. उनका कहना था कि यह 50वां समारोह है औक घर में भी हम 50वीं एनिवर्सरी या जन्मदिन बेहद धूमधाम से मनाते हैं, तो 50वें रोज फेस्टिवल को भी धूमधाम से मनाया जाना चाहिए और इसलिए हम यहां पर एंजॉय करने के लिए पहुंचे.
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बता दें कि रोज फेस्टिवल पहले से ही चंडीगढ़ का एक मुख्य आकर्षण रहा है, लेकिन कोरोना महामारी के बाद इस फेस्टिवल के आयोजन से लोगों में नई ऊर्जा संचारित होती दिखाई दे रही है. यहां आने वाले लोग बेहद खुश दिखाई दे रहे हैं. जैसे बड़े समय के बाद उन्होंने प्रकृति को इतने करीब से देखा है. साथ ही फेस्टिवल में आए लोगों के दिलों में प्रकृति के लिए बढ़ता हुआ प्रेम भी दिखाई दे रहा है.
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