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बजट बनाते वक्त सरकार की क्या होती है प्राथमिकता? जानें एक्सपर्ट की राय - हरियाणा में बजट

28 फरवरी को हरियाणा सरकार बजट पेश करने जा रही है, ऐसे में ईटीवी भारत ने वित्तिय मामलों के जानकार डॉ. सुच्चा सिंह ये जाना कि एक आदर्श बजट बनाने के लिए हरियाणा सरकार को क्या करना चाहिए और कौन-सी ऐसी बिंदू हैं जिन्हें अक्सर सरकार भूल जाने की भूल कर जाती है, विस्तार से पढ़ें.

report on basics of toughest terms of financial budget
डॉ. सुच्चा सिंह गिल, वित्त विशेषज्ञ
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Published : Feb 25, 2020, 3:29 PM IST

Updated : Feb 25, 2020, 4:37 PM IST

चंडीगढ़: खट्टर सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश कर रही है. इस बार जेजेपी गठबंधन भी साथ है. विधानसभा में बजट सत्र जारी है. ऐसे में हरियाणा की जनता को ये समझना भी जरूरी हो जाता है कि सूबे के बजट में क्या होना चाहिए और ऐसी कौन सी बड़ी चीजें हैं जो सरकार अक्सर चूक जाती है.

वित्तिय मामलों के जानकार डॉक्टर सुच्चा सिंह गिल ने बेहद आसान भाषा में बताया कि कैसे सरकार को बजट को अलग-अलग विभागों में बांटना होता है और बजट बनाते हुए किन मुख्य बिंदुओं का ध्यान रखना जरूरी होता है.

देखिए हरियाणा बजट को लेकर वित्त विशेषज्ञ ने क्या कहा, रिपोर्ट देखें

हमने डॉक्टर सुच्चा सिंह गिल से पूछा कि अलग-अलग विभागों को कितना पैसा देना है, ये सरकार कैसे तय करती है, तो उन्होंने बताया कि जब एक बजट को तैयार किया जाता है सबसे पहले अलग अलग विभागों से प्रपोजल मंगाए जाते हैं. ताकि बजट को लेकर प्राथमिकताओं को तय किया जा सके. इसके बाद वित्त सचिव सभी प्रपोजल और बजट को लेकर असेसमेंट करते हैं. जिसके बाद यह तय किया जाता है कि किस क्षेत्र में कितना पैसा खर्च किया जाना चाहिए और इसके बाद बजट को तैयार किया जाता है. उसके बाद तैयार बजट को पेश किया जाता है.

हर बार हरियाणा की बजट में कहां कमीं रह जाती है?

सुच्चा सिंह गिल ने कहा कि प्रति व्यक्ति आय के मामले में हरियाणा देश का सबसे उन्नत राज्य है. आर्थिक तौर पर मजबूत होने की वजह से हरियाणा में सातवां वेतन आयोग भी लागू कर दिया गया है. जबकि बहुत से राज्यों में अभी तक इसे लागू नहीं किया जा सका है, लेकिन इसके बावजूद हरियाणा ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स (एचडीआई), स्वास्थ्य, शिक्षा, साफ पानी आदि कई क्षेत्रों में दूसरे राज्यों से पीछे है.

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बजट ज्ञान

बजट में फोकस क्या होना चाहिए?

आइडियल बजट बनाने के लिए सरकार को करना क्या चाहिए? तो डॉक्टर गिल ने बताया कि एक तरफ जीटी रोड के साथ लगते हरियाणा के जिले काफी प्रगतिशील माने जाते हैं. जबकि सबसे पिछड़े हुए जिले भी हरियाणा में ही आते हैं जैसे मेवात आदि. खासकर हरियाणा के पश्चिमी जिलों में आज भी स्वास्थ्य रोजगार शिक्षा जैसी सुविधाएं बेहतर नहीं हो पाई है. सरकार को विकसित जिलों के साथ-साथ इन पिछड़े जिलों में भी आवश्यक योजनाएं चलानी चाहिए ताकि इन जिलों का भी विकास किया जा सके.

ये भी पढ़ें- हरियाणा बजट: एक्सपर्ट से जानें कैसे राज्य सरकार बनाती है बजट

किसानों की स्तिथि कैसे सुधर सकती है?

प्रति व्यक्ति आय में आगे होने के बावजूद खेती के मामले में हरियाणा पंजाब से पीछे है. इसलिए सरकार को खेती में खास काम करने की जरूरत है. हरियाणा में पानी को बचाने के लिए भी योजनाएं चलाई जानी चाहिए और इसके लिए अच्छा खासा पैसा खर्च किया जाना चाहिए, ताकि पानी की हर एक बूंद को कृषि के लिए इस्तेमाल किया जा सके और पानी को व्यर्थ होने से बचाया जा सके. इसके अलावा गेहूं चावल को छोड़कर किसानों को उन फसलों के प्रति भी आकर्षित किया जाना चाहिए. जिससे किसान ज्यादा आए कमा सकते हैं. साथ ही राज्य का मंडीकरण भी किया जाना चाहिए.

चंडीगढ़: खट्टर सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश कर रही है. इस बार जेजेपी गठबंधन भी साथ है. विधानसभा में बजट सत्र जारी है. ऐसे में हरियाणा की जनता को ये समझना भी जरूरी हो जाता है कि सूबे के बजट में क्या होना चाहिए और ऐसी कौन सी बड़ी चीजें हैं जो सरकार अक्सर चूक जाती है.

वित्तिय मामलों के जानकार डॉक्टर सुच्चा सिंह गिल ने बेहद आसान भाषा में बताया कि कैसे सरकार को बजट को अलग-अलग विभागों में बांटना होता है और बजट बनाते हुए किन मुख्य बिंदुओं का ध्यान रखना जरूरी होता है.

देखिए हरियाणा बजट को लेकर वित्त विशेषज्ञ ने क्या कहा, रिपोर्ट देखें

हमने डॉक्टर सुच्चा सिंह गिल से पूछा कि अलग-अलग विभागों को कितना पैसा देना है, ये सरकार कैसे तय करती है, तो उन्होंने बताया कि जब एक बजट को तैयार किया जाता है सबसे पहले अलग अलग विभागों से प्रपोजल मंगाए जाते हैं. ताकि बजट को लेकर प्राथमिकताओं को तय किया जा सके. इसके बाद वित्त सचिव सभी प्रपोजल और बजट को लेकर असेसमेंट करते हैं. जिसके बाद यह तय किया जाता है कि किस क्षेत्र में कितना पैसा खर्च किया जाना चाहिए और इसके बाद बजट को तैयार किया जाता है. उसके बाद तैयार बजट को पेश किया जाता है.

हर बार हरियाणा की बजट में कहां कमीं रह जाती है?

सुच्चा सिंह गिल ने कहा कि प्रति व्यक्ति आय के मामले में हरियाणा देश का सबसे उन्नत राज्य है. आर्थिक तौर पर मजबूत होने की वजह से हरियाणा में सातवां वेतन आयोग भी लागू कर दिया गया है. जबकि बहुत से राज्यों में अभी तक इसे लागू नहीं किया जा सका है, लेकिन इसके बावजूद हरियाणा ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स (एचडीआई), स्वास्थ्य, शिक्षा, साफ पानी आदि कई क्षेत्रों में दूसरे राज्यों से पीछे है.

report on basics of toughest terms of financial budget
बजट ज्ञान

बजट में फोकस क्या होना चाहिए?

आइडियल बजट बनाने के लिए सरकार को करना क्या चाहिए? तो डॉक्टर गिल ने बताया कि एक तरफ जीटी रोड के साथ लगते हरियाणा के जिले काफी प्रगतिशील माने जाते हैं. जबकि सबसे पिछड़े हुए जिले भी हरियाणा में ही आते हैं जैसे मेवात आदि. खासकर हरियाणा के पश्चिमी जिलों में आज भी स्वास्थ्य रोजगार शिक्षा जैसी सुविधाएं बेहतर नहीं हो पाई है. सरकार को विकसित जिलों के साथ-साथ इन पिछड़े जिलों में भी आवश्यक योजनाएं चलानी चाहिए ताकि इन जिलों का भी विकास किया जा सके.

ये भी पढ़ें- हरियाणा बजट: एक्सपर्ट से जानें कैसे राज्य सरकार बनाती है बजट

किसानों की स्तिथि कैसे सुधर सकती है?

प्रति व्यक्ति आय में आगे होने के बावजूद खेती के मामले में हरियाणा पंजाब से पीछे है. इसलिए सरकार को खेती में खास काम करने की जरूरत है. हरियाणा में पानी को बचाने के लिए भी योजनाएं चलाई जानी चाहिए और इसके लिए अच्छा खासा पैसा खर्च किया जाना चाहिए, ताकि पानी की हर एक बूंद को कृषि के लिए इस्तेमाल किया जा सके और पानी को व्यर्थ होने से बचाया जा सके. इसके अलावा गेहूं चावल को छोड़कर किसानों को उन फसलों के प्रति भी आकर्षित किया जाना चाहिए. जिससे किसान ज्यादा आए कमा सकते हैं. साथ ही राज्य का मंडीकरण भी किया जाना चाहिए.

Last Updated : Feb 25, 2020, 4:37 PM IST
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