चंडीगढ़: रजिस्ट्री को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का बड़ा बयान सामना आया है. मुख्यमत्री मनोहर लाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कई विभागों के सॉफ्टवेयर जिनकी रजिस्ट्री के समय आवश्यकता होती है. इन सभी विभागों को इंट्रीग्रेट करके रजिस्ट्रियां होंगी. जिसके लिए 15 दिन का समय चाहिए. जो 22 जुलाई से 7 अगस्त तक है. जिसकी वो रिव्यू मीटिंग लेंगे.
उन्होंने कहा कि अगर इन सभी विभागों की तैयारियां हो गई होंगी तो ठीक अन्यथा उनको 2-4 दिन का समय और दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि अर्बन लोकल बॉडी, टाउन कंट्री प्लानिंग, रेवेन्यू डिपार्टमेंट, कोर्ट का लिट्टीगेशन, एफआईआर इन सभी विभागों को कंसोलिडेट तरीके से इंटीग्रेट किया गया है, ताकि कहीं भी कोई गड़बड़ ना सके.
साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि ये जो गड़बड़ों की शिकायतें आती थीं. जिसको देखते हुए उन्होंने ई-रजिस्ट्रेशन को 2015 में ही शुरू कर दिया था. उसमें कोई कठिनाई नहीं थी. इसका फायदा ये होता था कि लोगों को धक्के नहीं खाने पड़ते थे. लोगों की समय से रजिस्ट्रियां हो जाती थी.
उन्होंने कहा कि इसमें भी कई ऐसे कारण बन गए. जिनमें एनओसी ना लेना. इसमें जो डेवलेपमेंट होते थे वो प्लान्ड ना होकर वो अनप्लान्ड होने लगे. इससे इलीगल कंस्ट्रकशन बढ़ गए. इसको रोकने के लिए प्लान किया गया है. उसके रोकने के लिए ये प्रावधान किया गया है. बहुत जल्द ही रजिस्ट्रियां शूरू कर दी जाएंगी.
ये भी पढे़ं:-'रजिस्ट्री घोटाले में बड़े नेताओं का हाथ, जांच का महज दिखावा कर रही सरकार'
बता दें कि रजिस्ट्रियों में गड़बड़ी को लेकर गुरुग्राम, फरीदाबाद, हिसार, अंबाला और करनाल की सबसे ज्यादा शिकायतें आ रही थीं. शिकायतों में सरकार को बताया गया कि अधिकारियों से मिलीभगत कर अवैध कॉलोनियां काट दी गई और फिर इन संपत्तियों की रजिस्ट्री की गई. कई जिलों में अनाधिकृत कॉलोनियों के प्लाटों और मकानों की रजिस्ट्री अधिकारियों ने कर दी है. शिकायत मिलने के बाद हरियाणा सरकार ने 15 अगस्त तक प्रदेश में जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी.