चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के एसकेके-दिल्ली पानीपत कॉरिडोर को करनाल तक विस्तार करने का निर्णय लिया है. इस निर्णय से करनाल सहित पूरे एनसीआर में परिवहन सुविधाओं में वृद्धि होगी. इस कॉरिडोर के निर्माण में हरियाणा की हिस्सेदारी लगभग 5 हजार करोड़, यानी कुल लागत का 16 प्रतिशत है.
इन जिलों को होगा फायदा
ये निर्णय हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में एसकेके-दिल्ली पानीपत कॉरिडोर ऑफ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के बारे में हुई बैठक में लिया गया. इन कॉरिडोर के पूरा होने के बाद गुरुग्राम, रेवाड़ी, सोनीपत, पानीपत और करनाल के यात्रियों को बहुत फायदा होगा. इस कॉरिडोर का उद्देश्य दिल्ली को सोनीपत, गन्नौर, समालखा, पानीपत और करनाल से जोड़ना है.
ये भी पढ़ें- कैथल में रोडवेज कर्मचारियों ने निकला मशाल जुलूस, 8 जनवरी को होगी देशव्यापी हड़ताल
बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया कि परिवहन कार्यात्मक योजना एनसीआर-2032 के तहत, आरआरटीएस के आठ कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा. रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के तहत पहले चरण में, तीन कॉरिडोर दिल्ली-मेरठ, दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-एसएनबी का निर्माण किया जाएगा.
करनाल तक होगा कॉरिडोर का विस्तार
बैठक में बताया गया कि 103 किलोमीटर लंबे दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 17 आरआरटीएस स्टेशन (सराय काले खां सहित) होंगे. इस प्रस्तावित परियोजना के तहत, पहले पानीपत नॉर्थ स्टेशन आखिरी स्टेशन था, लेकिन मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस कॉरिडोर का करनाल तक विस्तार किया जाए.
बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि इन तीन आरआरटीएस कॉरिडोर का कुल मार्ग रेखा (अलाइनमेंट) 291.67 किलोमीटर है, जिसमें से 50 प्रतिशत यानी 149.31 किलोमीटर से अधिक हरियाणा में पड़ता है. इसलिए इन कॉरिडोर के पूरा होने के बाद गुरुग्राम, रेवाड़ी, सोनीपत, पानीपत और करनाल के यात्रियों को बहुत फायदा होगा.