चंडीगढ़: लॉकडाउन का असर हर जगह पड़ा है, चाहे नौकरियां हो, इंडस्ट्री हो या व्यापार हो. हर जगह लॉक डाउन का प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. लेकिन इस वक्त रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी देखी जा रही है. लोगों में घर खरीदने के प्रति क्रेज बढ़ रहा है. ये कहना है देश की जानी मानी हाउसिंग कंपनी मोतिया डेवेलपर्स के निदेशक एलसी मित्तल का.
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ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर अच्छी स्थिति में है. लॉक डाउन के बाद यह जरूर लग रहा था कि रियल एस्टेट सेक्टर काफी नुकसान में जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. लॉक डाउन के बाद लोगों में अपना घर खरीदने की इच्छा तेज हुई है.
हालांकि लोगों के सामने वित्तीय संकट तो है, लेकिन लोग अभी चाहते हैं कि किसी भी तरह थोड़े बहुत पैसे का इंतजाम कर और बैंक से लोन लेकर अपना घर खरीदा जाए. लोग किराए के घरों में किराया देकर पैसे की बर्बादी नहीं करना चाहते. लोग ये सोचते हैं कि जिस रकम वो किराया दे रहे हैं. उतनी रकम को किश्तों में इस्तेमाल की जाए. कोरोना के बाद से मकान मालिक अपने घरों को किराए पर नहीं देना चाहते.
क्योंकि उन्हें भी इस बात का डर है कि किरायेदारों की वजह से उनके घर में संक्रमण का खतरा ना बढ़ जाए. इसलिए कोई भी व्यक्ति दूसरे लोगों को किराए पर ध्यान नहीं दे रहा. जो लोग किराए पर रह रहे थे. उनमें से बहुत से लोगों ने अपने घर खाली करवा लिए हैं. यह भी कारण है कि जो लोग किराए पर रहते थे अब से अपना घर खरीदना चाहते हैं. दूसरी ओर बैंकों ने भी हाउस लोन की दर को काफी कम कर दिया है.
हाउस लोन पर ब्याज दर हुई कम
एक वक्त था जब हाउस लोन की ब्याज दर 10% से ज्यादा थी, लेकिन अब वह घटकर 7% रह गई है. जिससे लोगों को लोन पर कम ब्याज देना पड़ेगा. इसके अलावा कंपनियां भी उसी हिसाब से घरों का निर्माण कर रही है. घरों को पहले के मुकाबले ज्यादा खुला बनाया जा रहा है. जिसमें जगह ज्यादा हो और हवा के वेंटिलेशन की भी पूरी व्यवस्था हो. ताकि घर के अंदर भी कोरोना जैसी महामारी से बचा जा सके.
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मित्तल ने कहा कि उनकी सरकार से कुछ मांगे हैं. अगर सरकार उन मांगों पर ध्यान दें तो घरों के रेट कम की जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि पहले घर खरीदने पर 12% जीएसटी लगता था, जो बिल्डर को रिफंड हो जाता था, लेकिन अब जीएसटी की दर को घटाकर 5% तो कर दिया गया है, लेकिन वह बिल्डर को रिफंड नहीं होता. जिससे घरों के रेट कुछ हद तक बड़े हैं. अगर सरकार उस जीएसटी को रिफंड करने की व्यवस्था कर दे तो घरों के रेट को कम करने में मदद मिलेगी.