नोएडा/ चंडीगढ़: मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर पर एतिहासिक फैसला लिया है. गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने का संकल्प राज्यसभा में पेश किया है. इसके अलावा राज्यसभा में अमित शाह ने राज्य पुनर्गठन विधेयक को पेश किया है. इसके तहत जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया है. लद्दाख को बिना विधानसभा केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है, जबकि जम्मू-कश्मीर को भी केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है.
कश्मीरी पंडितों में खुशी की लहर
मोदी सरकार के इस फैसले से जहां विपक्षी विरोध कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कश्मीरी पंडितों ने सरकार के इस फैसले का दिल खोलकर स्वागत किया है. आज कश्मीरी पंडितों के चेहरे खुशी से खिले दिखाई दे रहे हैं. उनकी माने तो इतने साल बाद उन्हें इंसाफ मिला है.
'सालों बाद कश्मीर पर लगा बदनुमा दाग हटा'
ईटीवी भारत ने नोएडा के शाहबेरी में रहने वाले कश्मीरी पंडितो से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने सरकार के इस फैसले को एतिहासिक बताया. उन्होंने कहा कि आजतक कोई भी राजनीति पार्टी ऐसा नहीं कर पाई थी. इतने सालों बाद उन्हें ऐसा लग रहा है कि कश्मीर पर लगे बदनुमा दाग को खत्म कर दिया गया है.
छलके कश्मीरी पंडितों के आंसू
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कश्मीरी पंडितों की आंख भी भर आई. उन्होंने कहा कि ये फैसला सही मायनों में कश्मीरियों के लिए आजादी लेकर आया है. उन्हें 1990 में कश्मीर ना चाहते हुए भी छोड़ना पड़ा था. आज उन्हें गर्व और खुशी महसूस हो रही है.