चंडीगढ़: टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic) में बुधवार को हरियाणा के पहलवान रवि कुमार दहिया (Ravi Kumar Dahiya) ने इतिहास रच दिया है. उन्होंने पुरुषों के फ्रीस्टाइल 57 किग्रा वर्ग में कजाकिस्तान के सनायव नूरिस्लाम (Nurislam Sanayev) को हराकर फाइनल में जगह बना ली है. जिसके बाद टोक्यो में भारत के लिए एक और पदक पक्का हो गया है.
इसी के साथ उन्होंने भारत के लिए पहलवानी में एक इतिहास भी रच दिया है. रवि दहिया पहलवानी खेल में ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाले केवल दूसरे भारतीय पहलवान हैं. रवि दहिया से पहले पहलवान सुशील कुमार भी ओलंपिक फाइनल में पहुंच चुके हैं. सुशील कुमार ने लंदन ओलंपिक-2012 (london olympics 2012) में फाइनल में प्रवेश किया था. हालांकि सुशील फाइनल हार गए थे और सिल्वर मेडल जीता था.
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इसी के साथ रवि दहिया ओलंपिक में कोई भी पदक जीतने वाले भारत के चौथे पहलवान बने हैं. अब फाइनल में रवि गोल्ड या सिल्वर के लिए दांव लगाएंगे. उनसे पहले सुशील कुमार (2008, 2012), योगेश्वर दत्त (2012) और साक्षी मलिक (2016) पदक जीत चुके हैं. साक्षी और योगेश्वर के नाम कांस्य पदक है.
रवि दहिया का फाइनल मैच गुरुवार को होगा, और अगर वे फाइनल में गोल्ड जीत गए तो भारत को पहलवानी में पहला गोल्ड दिलाने के साथ एक और इतिहास रच देंगे. अब पूरे देश को केवल गुरुवार को होने इस फाइनल का इंतजार है.
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