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'इंग्लैंड और कनाडा को भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की जरूरत नहीं'

केंद्रीय राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने किसान आंदोलन पर कहा कि कैनेडा और इंग्लेंड को भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोई जरूरत नहीं है. वहीं उन्होंने ये भी कहा कि किसान आंदोलन में कुछ असामाजिक तत्व घुस आए हैं. जो आंदोलन की छवि खराब कर रहे हैं.

ratanlal kataria
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Published : Dec 17, 2020, 7:35 PM IST

चंडीगढ़: कृषि कानूनों को लेकर केंद्रीय राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने एक बार फिर पंजाब सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों को मोहरा बनाया जा रहा है. कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुखबीर बादल किसानों के कंधे से बंदूर चला रहे हैं.

'इंग्लैंड और कनाडा को भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की जरूरत नहीं'

कटारिया ने ये भी कहा कि कैनेडा और इंग्लेंड को भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने किसान आंदोलन के बहाने राजनीति की जा रही है. इस आंदोलन की छवि खराब की जा रही है. इसके पीछ कई राजनीतिक संगठनों का भी हाथ है.

ये भी पढे़ं- छट रहे MSME पर छाए आर्थिक संकट के बादल, हैंडलूम का क्षेत्र अब भी काफी पीछे

कटारिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानून बनाए जो काफी समय ठंडे बस्ते में थे. जो काम नेहरू, इंद्रा और राजीव गांधी नहीं कर पाए. बाद में मनमोहन सिंह अपने मेनिफेस्टो में लेकर आए लेकिन इसे नरेंद्र मोदी ने लागू किया. पिछले समय में दर्जनों ऐसी योजनाएं चलाईं, ताकि किसान अपने पैरों पर खड़ा हो सके.

एसवाईएल के मामले पर कटारिया ने कहा इस मामले में बैठक बुलाई थी जिसमें हरियाणा व पंजाब के सीएम भी जुड़े थे. अमरिंदर सिंह ने विश्वाश दिलाया था कि चंडीगढ़ में अगली बैठक बुलाएंगे लेकिन अभी तक अगली तारीख तय नहीं हुई है. हमारे सांसदों ने मांग की है कि नहर बनवाई जाए.

चंडीगढ़: कृषि कानूनों को लेकर केंद्रीय राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने एक बार फिर पंजाब सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों को मोहरा बनाया जा रहा है. कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुखबीर बादल किसानों के कंधे से बंदूर चला रहे हैं.

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कटारिया ने ये भी कहा कि कैनेडा और इंग्लेंड को भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने किसान आंदोलन के बहाने राजनीति की जा रही है. इस आंदोलन की छवि खराब की जा रही है. इसके पीछ कई राजनीतिक संगठनों का भी हाथ है.

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कटारिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानून बनाए जो काफी समय ठंडे बस्ते में थे. जो काम नेहरू, इंद्रा और राजीव गांधी नहीं कर पाए. बाद में मनमोहन सिंह अपने मेनिफेस्टो में लेकर आए लेकिन इसे नरेंद्र मोदी ने लागू किया. पिछले समय में दर्जनों ऐसी योजनाएं चलाईं, ताकि किसान अपने पैरों पर खड़ा हो सके.

एसवाईएल के मामले पर कटारिया ने कहा इस मामले में बैठक बुलाई थी जिसमें हरियाणा व पंजाब के सीएम भी जुड़े थे. अमरिंदर सिंह ने विश्वाश दिलाया था कि चंडीगढ़ में अगली बैठक बुलाएंगे लेकिन अभी तक अगली तारीख तय नहीं हुई है. हमारे सांसदों ने मांग की है कि नहर बनवाई जाए.

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