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गेहूं MSP पर कटौती कर सरकार ने लिखा काला अध्याय- सुरजेवाला - गेहूं एमएसपी कटौती पर रणदीप सुरजेवाला

सुरजेवाला ने आरोप लगाते हुए कहा कि 6 मई, 2020 को मोदी सरकार ने फरमान जारी कर खट्टर सरकार को गेहूं की एमएसपी से 15 रुपये प्रति क्विंटल काटने का फरमान दिया है. जिसके बाद खट्टर सरकार ने भी किसानों के हितों को दरकिनार करते हुए केंद्र के इस फैसले को मान लिया.

randeep surjewala
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला
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Published : May 9, 2020, 6:23 PM IST

चंडीगढ़: कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश सरकार पर कई आरोप लगाए हैं. सुरजेवाला ने प्रदेश की बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार पर हमला करते हुए सरकार पर किसान हितों की दिनदहाड़े हत्या करने का आरोप लगाया है. सुरजेवाला ने डिजिटल पत्रकार वार्ता आयोजित कर सरकार पर गेहूं के एमएसपी पर 15 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती करने का आरोप लगाया और इसे किसान की आर्थिक तबाही का रास्ता करार दिया.

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी और खट्टर सरकार ने मिलकर अब किसानों के शोषण का नया काला अध्याय लिख दिया है. सुरजेवाला ने आरोप लगाते हुए कहा कि 6 मई, 2020 को मोदी सरकार ने फरमान जारी कर खट्टर सरकार को गेहूं की एमएसपी से 15 रुपये प्रति क्विंटल काटने का फरमान दिया है. जिसके बाद खट्टर सरकार ने भी किसानों के हितों को दरकिनार करते हुए केंद्र के इस फैसले को मान लिया.

गेहूं MSP पर 15 रुपये प्रति क्विंटल कटौती कर लिखा गया काला अध्याय- सुरजेवाला

ये भी पढ़िए: पंजाब से आए प्रवासी मजदूरों के लिए अंबाला में बनाए जाएंगे शेल्टर होम- विज

सुरजेवाला ने आगे कहा कि आदेश में ये साफ लिखा है कि अगर गेहूं के दाने में नमी की मात्रा 4% से 8% तक होगी तो गेहूं के एमएसपी से 4.81 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से काटे जाएंगे. इसके अलावा अगर गेहूं के दाने में नमी 8% से 10% होगी तो 9 .62 रुपये प्रति क्विंटल काट लिए जाएंगे. वहीं 10% से ज्यादा नमी की मात्रा होगी तो किसान की गेहूं की खरीद एमएसपी पर की ही नहीं जाएगी.

इस दौरान रणदीप सुरजेवाला ने सरकार से 5 सवाल भी पूछे

  1. किसान के 1925 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं एमएसपी में 14 . 43 रुपए प्रति क्विंटल की कटौती क्यों?
  2. क्या प्रदेश सरकार गेहूं एमएसपी से 14 . 43 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती ना कर, सरकार इस राशि का भुगतान करेगी?
  3. किसान की ओर से बेची गई गेहूं के हजारों करोड़ का भुगतान क्यों नहीं किया गया और कब तक होगा? 25 अप्रैल 2020 के बाद बेची गई गेहूं का भुगतान ना करने का व्हाट्सएप के जरिए आदेश जारी क्यों किया गया?
  4. 125 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं एमएसपी के अतिरिक्त बोनस देने के प्रदेश सरकार के वादे का क्या हुआ?
  5. किसान को लगातार आर्थिक बर्बादी की ओर धकेलने का कारण बताएं प्रदेश सरकार?

इस मौके पर रणदीप सिंह सुरजेवाला ने 3 मांगे भी प्रदेश सरकार के सामने रखी

  1. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, मोदी सरकार के आगे दंडवत ना होकर फॉर्म 6 मई 2020 के भारत सरकार के आदेश को खारिज करवाए.
  2. अगर खट्टर सरकार ऐसा नहीं कर सकती तो फौरन घोषणा करे कि गेहूं एमएसपी में 14.48 रुपये कटौती का भुगतान किसान नहीं हरियाणा सरकार करेगी.
  3. किसान से खरीदी गई हजारों करोड़ की गेहूं और सरसों की पाई पाई का 24 घंटे में भुगतान हो. किसान को 125 रुपये क्विंटल गेहूं एमएसपी पर बोनस दिया जाए.

चंडीगढ़: कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश सरकार पर कई आरोप लगाए हैं. सुरजेवाला ने प्रदेश की बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार पर हमला करते हुए सरकार पर किसान हितों की दिनदहाड़े हत्या करने का आरोप लगाया है. सुरजेवाला ने डिजिटल पत्रकार वार्ता आयोजित कर सरकार पर गेहूं के एमएसपी पर 15 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती करने का आरोप लगाया और इसे किसान की आर्थिक तबाही का रास्ता करार दिया.

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी और खट्टर सरकार ने मिलकर अब किसानों के शोषण का नया काला अध्याय लिख दिया है. सुरजेवाला ने आरोप लगाते हुए कहा कि 6 मई, 2020 को मोदी सरकार ने फरमान जारी कर खट्टर सरकार को गेहूं की एमएसपी से 15 रुपये प्रति क्विंटल काटने का फरमान दिया है. जिसके बाद खट्टर सरकार ने भी किसानों के हितों को दरकिनार करते हुए केंद्र के इस फैसले को मान लिया.

गेहूं MSP पर 15 रुपये प्रति क्विंटल कटौती कर लिखा गया काला अध्याय- सुरजेवाला

ये भी पढ़िए: पंजाब से आए प्रवासी मजदूरों के लिए अंबाला में बनाए जाएंगे शेल्टर होम- विज

सुरजेवाला ने आगे कहा कि आदेश में ये साफ लिखा है कि अगर गेहूं के दाने में नमी की मात्रा 4% से 8% तक होगी तो गेहूं के एमएसपी से 4.81 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से काटे जाएंगे. इसके अलावा अगर गेहूं के दाने में नमी 8% से 10% होगी तो 9 .62 रुपये प्रति क्विंटल काट लिए जाएंगे. वहीं 10% से ज्यादा नमी की मात्रा होगी तो किसान की गेहूं की खरीद एमएसपी पर की ही नहीं जाएगी.

इस दौरान रणदीप सुरजेवाला ने सरकार से 5 सवाल भी पूछे

  1. किसान के 1925 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं एमएसपी में 14 . 43 रुपए प्रति क्विंटल की कटौती क्यों?
  2. क्या प्रदेश सरकार गेहूं एमएसपी से 14 . 43 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती ना कर, सरकार इस राशि का भुगतान करेगी?
  3. किसान की ओर से बेची गई गेहूं के हजारों करोड़ का भुगतान क्यों नहीं किया गया और कब तक होगा? 25 अप्रैल 2020 के बाद बेची गई गेहूं का भुगतान ना करने का व्हाट्सएप के जरिए आदेश जारी क्यों किया गया?
  4. 125 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं एमएसपी के अतिरिक्त बोनस देने के प्रदेश सरकार के वादे का क्या हुआ?
  5. किसान को लगातार आर्थिक बर्बादी की ओर धकेलने का कारण बताएं प्रदेश सरकार?

इस मौके पर रणदीप सिंह सुरजेवाला ने 3 मांगे भी प्रदेश सरकार के सामने रखी

  1. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, मोदी सरकार के आगे दंडवत ना होकर फॉर्म 6 मई 2020 के भारत सरकार के आदेश को खारिज करवाए.
  2. अगर खट्टर सरकार ऐसा नहीं कर सकती तो फौरन घोषणा करे कि गेहूं एमएसपी में 14.48 रुपये कटौती का भुगतान किसान नहीं हरियाणा सरकार करेगी.
  3. किसान से खरीदी गई हजारों करोड़ की गेहूं और सरसों की पाई पाई का 24 घंटे में भुगतान हो. किसान को 125 रुपये क्विंटल गेहूं एमएसपी पर बोनस दिया जाए.
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