चंडीगढ़: हरियाणा के भिवानी जिले से रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जनसंवाद कार्यक्रम की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने सरकारी योजनाओं को जनता के सामने रखा. सीएम ने कहा कि हरियाणा सरकार ने पिछले आठ सालों में 1 लाख से ज्यादा सरकारी नौकरी प्रदेश के लोगों को दी हैं. उन्होंने कहा कि अकेले भिवानी जिले से 10 हजार लोगों को सरकारी नौकरी दी गई है. इनमें ना तो किसी की सिफारिश लगी और ना ही किसी को रिश्वत देनी पड़ी.
इस दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विवादित बयान दे डाला. सरकारी नौकरियों पर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के स्टे पर सीएम ने कहा कि एक जज के माथे में गड़बड़ है. जल्दी से ठीक करा देंगे. सीएम मनोहर लाल का ये बयान अब तूल पकड़ रहा है. कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. रणदीप सुरजेवाला ने मनोहर लाल की इस टिप्पणी को हाई कोर्ट जज के काम में दखलअंदाजी करते हुए धमकी देना बताया.
उन्होंने कहा कि तत्काल चीफ जस्टिस को कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट का नोटिस सीएम मनोहर लाल को देना चाहिए. उन्होंने सीएम से अपील करते हुए कहा कि वो न्यायपालिका से माफी मांगे. रणदीप ने कहा है कि सीएम की न्यायपालिका के बारे में ये भाषा शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि अगर सीएम अपनी टिप्पणी के लिए मापी नहीं मांगते, तो उन्हें न्यायपालिका पर कही गई इस आपत्तिजनक बात के लिए पद से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए. सुरजेवाला ने कहा कि सीएम की ये भाषा आरएसएस और भाजपा की न्यायपालिका के खिलाफ शर्मनाक प्रमाण है.
सुरजेवाला ने कहा कि देश के कानून मंत्री किरण रिजिजू हर रोज सुप्रीम कोर्ट को कोसते हैं, रिटायर्ड जजों को धमकियां देते हैं. हरियाणा में ये काम सीएम खट्टर ने संभाल लिया है. उन्होंने कहा कि खुद एसएससी के चेयरमैन जब ये मान रहे हैं कि उनके पास पुलिस भर्ती के 833 उम्मीदवारों के बायोमेट्रिक ही नहीं हैं, तो इसके लिए हाई कोर्ट का जज कैसे जिम्मेदार हो सकते हैं. उन्होंने पूछा कि जून 2019 में शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया पौने चार साल में पूरी ना होने के लिए सरकार व आयोग दोषी है या हाई कोर्ट? सुरजेवाला ने कहा कि पूरे प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवा खट्टर सरकार की दोषपूर्ण भर्ती प्रक्रिया का शिकार हैं.