चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले आज चंडीगढ़ में एक ही मंच पर कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला, कुमारी सैलजा और किरण चौधरी नजर आए. इस दौरान तीनों नेताओं ने बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि, आज हरियाणा देश का बेरोजगारी हब बन गया है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल राहगीरी कर प्रदेश के युवाओं को तबाही की राह पर धकेल रहे हैं. भाजपा-जजपा सरकार हरियाणा के युवाओं के लिए अभिशाप बन गई है.
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बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार पर बरसते हुए तीनों नेताओं ने कहा कि, हरियाणा के लाखों युवा दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. प्रदेश में ना तो सरकारी नौकरी है और ना ही प्राइवेट सेक्टर में नौकरी की उम्मीद है. प्रदेश में 40 से अधिक परीक्षाओं के पेपर बेचने वाला पेपर लीक माफिया बचे हैं. कांग्रेस नेताओं से सिलसिलेवार आंकड़ा प्रस्तुत करके बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार पर हमला बोला है.
बीजेपी-जेजेपी सरकार पर कांग्रेस का गंभीर आरोप: बेरोजगारी में हरियाणा देश में लगातार नंबर एक है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के जनवरी 2023 के आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा में बेरोजगारी की दर 37.4 फीसदी है. पिछले कई सालों से बेरोजगारी दर 20 से 25 फीसदी से अधिक है. अकेले सीईटी पेपर के लिए 11,22,000 युवाओं ने फॉर्म भरा. 7,72,000 युवाओं ने कच्ची नौकरी के लिए हरियाणा कौशल रोजगार निगम में रजिस्ट्रेशन करवाया है. इसमें पीएचडी, एमएससी, एमटेक और एमबीए पास बेरोजगार भी शामिल हैं. हरियाणा के सरकारी विभागों, बोर्ड और निगमों में क्लास 3 और क्लास 4 के 60,000 पदों की भर्ती के लिए 10 लाख से ज्यादा युवाओं ने आवेदन किया. आलम यह है कि, हरियाणा में ना तो कच्ची नौकरी है और ना ही पक्की नौकरी.
'CET युवाओं के लिए बना Common Exploitation Test': कांग्रेस नेताओं का कहना है कि, साल 2019 से CET के नाम पर हरियाणा के युवाओं को बेवकूफ बनाने की साजिश रची जा रही है. साल 2019 वाली सारी भर्तियां CET में दे दी गई. साल 2021 में ग्राम सचिव का पेपर लीक हो गया. उसे भी CET में दे दिया गया. रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हरियाणा के 11,22,200 युवाओं ने CET के लिए फॉर्म भरा. इनमें से CET के एग्जाम आखिर में चार शिफ्टों में CET का पेपर 5 और 6 नवंबर, 2022 को लिया गया. इसका रिजल्ट 10 जनवरी, 2023 को आया. लेकिन, उसे पब्लिक डोमेन में जारी नहीं किया गया. हाईकोर्ट के आदेश के बाद 29 जून, 2023 को रिजल्ट पब्लिश किया गया. इस रिजल्ट में 3,59,146 युवा CET पास दिखाए गए हैं. हालांकि हाईकोर्ट ने खट्टर सरकार व HSSC ने सीईटी पास होने वाले युवाओं की संख्या 2,92,000 बताई थी.
'CET रिवाइज्ड रिजल्ट हरियाणा के नौजवानों से एक भद्दा मजाक': चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस नेताओं ने कहा कि, CET का तथाकथित रिवाइज्ड रिजल्ट हरियाणा के नौजवानों से एक भद्दा मजाक है. उन्होंने कहा कि, पहले CET ले लिया गया. अब पास हुए 3 लाख 59 हजार युवाओं को कहा जा रहा है कि केवल एडवरटाइज पोस्ट के 4 गुना उम्मीदवार ही बुलाए जाएंगे तो बाकी कहां जाएंगे? उत्तर प्रदेश में इस प्रकार से बुलाए जाने वाले उम्मीदवारों की संख्या 15 गुना है और राजस्थान में भी 15 गुना है. हालांकि भारत सरकार में CET नहीं होता, लेकिन एसएससी, रेलवे व बैंकिंग इत्यादि के पदों में भी 10 से 12 गुना उम्मीदवार बुलाए जाते हैं. ऐसे में खट्टर सरकार इन्हें चार गुना तक सीमित कर युवाओं की जिंदगी से छल क्यों कर रही है?
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'अलग-अलग योग्यता वाली सारी श्रेणियों के लिए एक ही CET क्यों?': उन्होंने कहा कि, इंजीनियरिंग, जेईई, सिस्टम इंजीनियर और अनेकों ऐसी टेक्निकल पोस्ट हैं, लेकिन उनका अलग CET नहीं लिया गया. इसी प्रकार से 12वीं और ग्रेजुएट्स का CET भी एक ही है. ऐसे में अलग-अलग योग्यता रखने वाले 12वीं से मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग तक योग्यता वाले युवाओं का आकलन एक ही CET से कैसे किया जा सकता है?
CET पेपर में 63 ग्रुप्स (12वीं पास, ग्रेजुएट, इंजीनियर आदि) और 401 कैटेगरी (ALM, JEE, JSC) इत्यादि हैं. जब 63 ग्रुप्स और 401 कैटेगरी का CET रिजल्ट कॉमन है, तो फिर इनकी अलग-अलग छंटनी कर 4 गुना उम्मीदवार खट्टर सरकार कैसे बुलाएगी? जब रिजल्ट की प्रक्रिया में ही सालों लग गए, तो इस छंटनी और पेचीदगी में तो कई महीने और साल और लगेंगे. उन्होंने कहा कि, CET का रिजल्ट अपने आप में त्रुटिपूर्ण है. CET के रिजल्ट में सैकड़ों-हजारों EWS, एक्स सर्विसमैन कैटेगरी के उम्मीदवारों को जनरल कैटेगरी में दिखा गया गया है. हैरानी की बात है कि उसे सही भी नहीं किया जा रहा है. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि, CET के प्रश्नों के ही अनेकों जवाब गलत थे.
'हरियाणा में करीब 2 लाख पद खाली': कांग्रेस नेताओं का कहना है कि, हरियाणा सरकार में करीब 200,000 पद खाली पड़े हैं, पर साल 2019 से 2023 के बीच कोई बड़ी भर्ती नहीं की गई. युवा दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं और बीजेपी-जेजेपी सत्ता की मलाई उड़ा रही है. साल 2018, HSIIDC, सीनियर मैनेजर (Estate) और सीनियर मैनेजर (Utility) की डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन साल 2021 में हुई. लेकिन, आज तक ना तो इंटरव्यू हुआ और ना ही नतीजा आया.
साल 2019, एचआरसीओ बैंक पोस्ट संख्या 978, क्लर्क व जूनियर अकाउंटेंट इत्यादि का नतीजा भी नहीं निकल पाया. साल 2019 में विधानसभा चुनाव से पहले 6,500 पुलिस कॉन्स्टेबल की भर्तियां निकाली गई. विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें रद्द कर दिया गया. साल 2020 में फिर 6600 पुलिस कॉन्स्टेबल की भर्ती निकाली गई और अगस्त 2021 में भर्ती पेपर लीक हो गया. फिर नवंबर-दिसंबर 2021 में दोबारा पेपर लिया गया. मामला हाईकोर्ट में गया और 2413 पुरुष पुलिस कॉन्स्टेबल और 1100 महिला पुलिस कॉन्स्टेबल की भर्ती पर रोक लग गई. साल 2019, आरोही स्कूलों में टीचिंग/नॉन टीचिंग पोस्ट पर सालों तक भर्ती लटकी रही और फिर रद्द कर दिया गया.
हाल में ही 2 दिसंबर, 2022 को PGT और TGT श्रेणी में 2,069 अध्यापकों की भर्ती हुई. अब उसे भी बिना कारण बताए खारिज कर दिया गया. PGT अध्यापकों के 4600 पदों पर भर्ती करने के बदले लगातार खिलवाड़ हो रहा है. साल 2019 में PGT अध्यापकों की पोस्ट HSSC के माध्यम से निकाली गई. बाद में उस भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर साल 2022 में HPSC को ट्रांसफर कर दिया गया.
गठबंधन सरकार पर बरसे कांग्रेस नेता: कांग्रेस नेताओं ने कहा कि, खट्टर सरकार की मनमानी का आलम यह है कि जहां भर्ती हो पाती है, वहां हरियाणा से बाहर के युवाओं को ही रोजगार दिया जाता है. हरियाणा के युवा ठगा हुआ महसूस करते रहते हैं. उन्होंने कहा कि, साल 2019 SDO बिजली विभाग भर्ती में 80 पदों में मात्र 2 उम्मीदवार ही हरियाणा के भर्ती हुए. फिर वह भर्ती रद्द करनी पड़ी. साल 2019 HCS भर्ती में एक तिहाई उम्मीदवार हरियाणा से बाहर के भर्ती हुए. साल 2020-21 में SDO के 180 पदों में मात्र 22 हरियाणा के युवाओं की ही भर्ती हो पाई. फिर उस भर्ती को भी कैंसल करनी पड़ी.
साल 2019 में असिस्टेंट प्रोफेसर पॉलिटिकल साइंस की भर्ती में 18 में से 11 उम्मीदवार बाहरी थे और 7 हरियाणा के थे. एग्रीकल्चर डेवलपमेंट ऑफिसर की जनरल कैटेगरी के 23 पदों में 16 बाहरी और केवल 7 हरियाणा के युवाओं की ही भर्ती हो पाई थी. साल 2021 में टेक्निकल एजुकेशन लेक्चरर के पदों में जनरल कैटेगरी की श्रेणी में 157 पदों में 106 बाहरी व्यक्तियों की भर्ती हुई. इसमें केवल 51 हरियाणा के युवाओं को मौका मिल पाया.
उन्होंने कहा कि, हरियाणा अकेला ऐसा प्रांत है जहां स्टाफ नर्स और वेटनरी पोस्ट के लिए हरियाणा नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल व हरियाणा वेटनरी रजिस्ट्रेशन काउंसिल का पंजीकरण अनिवार्य नहीं है. जबकि, दूसरे प्रदेशों में प्रांतीय काउंसिल का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है. यही वजह है कि बाहर के युवा हरियाणा में नर्सिंग और वेटेनरी में भर्ती हो रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि, इसके चलते हरियाणा के युवाओं को ना हरियाणा में जगह मिलती है और ना ही बाहर. अब हरियाणा के युवाओं के सामने प्रदेश से भाजपा-जजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का ही विकल्प बचा है. अब युवाओं के सामने आमूलचूल सत्ता परिवर्तन का संघर्ष ही बचा है.
(प्रेस नोट)