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विधायकों को गुरुग्राम में मनोहर लाल की मेज़बानी में कैद किया गया है- रणदीप सुरजेवाला

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Published : Jul 14, 2020, 4:52 PM IST

कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सुरेजवाला ने मानेसर के होटल में सचिन पायलट और समर्थक विधायकों के रोके जाने को लेकर हरियाणा सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार पायलट के विधायकों को संरक्षण दे रही है.

randeep surjewala comments on sachin pilot stay in manesar itc grand hotel
कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सुरेजवाला

चंडीगढ़/जयपुर: राजस्थान की सियासत में बड़ी उठा-पटक जारी है. कांग्रेस में चल रहे घमासान के बीच पार्टी ने सचिन पायलट की कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से छुट्टी कर दी है. साथ ही पायलट समर्थक मंत्रियों की भी छुट्टी कर दी गई है. इसके बाद कांग्रेस ने बड़ा निर्णय लेते हुए सचिन पायलट को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर गोविंद सिंह डोटासरा को नया अध्यक्ष बना दिया है.

बैठक के बाद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मीडिया के सामने आकर पार्टी की ओर से लिए गए निर्णय से अवगत करवाया. उन्होंने कहा कि सचिन पायलट को बीते 72 घंटे में कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया. पायलट ही नहीं दोनों मंत्रियों और बाकी विधायकों से भी संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनकी ओर से कोई उत्तर नहीं मिला.

मानेसर के होटल में पायलट के होने पर सुरजेवाला ने हरियाणा सरकार को घेरा

हरियाणा सरकार पर बरसे सुरजेवाला

वहीं भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हुए रणदीप सुरेजवाला ने कहा कि उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, कुछ विधायक और मंत्री भाजपा के जाल में उलझकर कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश में शामिल हो गए. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से पायलट, मंत्री और विधायकों को मानेसर के एक पांच तारा होटल में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली सरकार की पुलिस ने कैद करके रखा है. उससे षड्यंत्र का साफ पता चलता है.

साथ ही भाजपा पर षड्यंत्र रचने के आरोप लगाते हुए सुरजेवाला ने कहा कि इन विधायक और मंत्रियों कैद करके रखना भाजपा की षड्यंत्रकारी नीति को दिखाता है. भाजपा ने ये षड्यंत्र चुनी हुई कांग्रेस सरकार को गिराने और 8 करोड़ राजस्थानियों के स्वाभिमान को चुनौती देने का काम किया है.

ये भी पढे़ं:-3 दिन तक लगातार सचिन पायलट से बात करने का प्रयास किया गयाः रणदीप सिंह सुरजेवाला

पायलट की उप मुख्यमंत्री पद से छुट्टी

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इसी के चलते बीते 4 दिनों से ये प्रयास हो रहा था कि अगर कोई परिवार का सदस्य रास्ता भटक जाए तो उसे वापस लाने का प्रयास होना चाहिए, लेकिन वे इनमें सफल नहीं हुए तो ऐसे में उन्हें मजबूरी में ये निर्णय लेना पड़ा. इसके साथ ही पायलट के करीबी विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी मंत्री पदों से हटा दिया गया है.

चंडीगढ़/जयपुर: राजस्थान की सियासत में बड़ी उठा-पटक जारी है. कांग्रेस में चल रहे घमासान के बीच पार्टी ने सचिन पायलट की कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से छुट्टी कर दी है. साथ ही पायलट समर्थक मंत्रियों की भी छुट्टी कर दी गई है. इसके बाद कांग्रेस ने बड़ा निर्णय लेते हुए सचिन पायलट को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर गोविंद सिंह डोटासरा को नया अध्यक्ष बना दिया है.

बैठक के बाद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मीडिया के सामने आकर पार्टी की ओर से लिए गए निर्णय से अवगत करवाया. उन्होंने कहा कि सचिन पायलट को बीते 72 घंटे में कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया. पायलट ही नहीं दोनों मंत्रियों और बाकी विधायकों से भी संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनकी ओर से कोई उत्तर नहीं मिला.

मानेसर के होटल में पायलट के होने पर सुरजेवाला ने हरियाणा सरकार को घेरा

हरियाणा सरकार पर बरसे सुरजेवाला

वहीं भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हुए रणदीप सुरेजवाला ने कहा कि उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, कुछ विधायक और मंत्री भाजपा के जाल में उलझकर कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश में शामिल हो गए. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से पायलट, मंत्री और विधायकों को मानेसर के एक पांच तारा होटल में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली सरकार की पुलिस ने कैद करके रखा है. उससे षड्यंत्र का साफ पता चलता है.

साथ ही भाजपा पर षड्यंत्र रचने के आरोप लगाते हुए सुरजेवाला ने कहा कि इन विधायक और मंत्रियों कैद करके रखना भाजपा की षड्यंत्रकारी नीति को दिखाता है. भाजपा ने ये षड्यंत्र चुनी हुई कांग्रेस सरकार को गिराने और 8 करोड़ राजस्थानियों के स्वाभिमान को चुनौती देने का काम किया है.

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पायलट की उप मुख्यमंत्री पद से छुट्टी

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इसी के चलते बीते 4 दिनों से ये प्रयास हो रहा था कि अगर कोई परिवार का सदस्य रास्ता भटक जाए तो उसे वापस लाने का प्रयास होना चाहिए, लेकिन वे इनमें सफल नहीं हुए तो ऐसे में उन्हें मजबूरी में ये निर्णय लेना पड़ा. इसके साथ ही पायलट के करीबी विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी मंत्री पदों से हटा दिया गया है.

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