चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से जेल में बंद राम रहीम को बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट में राम रहीम की पत्नी हरजीत कौर ने हाई कोर्ट में राम रहीम की पैरोल की याचिका दायर की थी. हाई कोर्ट ने इस याचिका को वापस लेने की छूट देते हुए खारिज कर दिया है.
इसके साथ ही हाई कोर्ट ने सवाल पूछा है कि राम रहीम खुद जीवित हैं. ऐसे में उन्होंने किस हैसियत से याचिका दायर की है. इससे पहले सुनारिया जेल सुपरिटेडेंट ने भी इस खारिज कर दिया था.
हाईकोर्ट ने राम रहीम की पत्नी हरजीत कौर की तरफ से दायर राम रहीम की पैरोल याचिका को खारिज कर दिया है. इससे पहले हाईकोर्ट की तरफ से कई सवाल भी पैरोल की याचिका को लेकर उठाए गए.
मामले की जानकारी देते हुए वकील मोहिंदर जोशी ने बताया कि राम रहीम पत्नी हरजीत कौर ने याचिका दायर कर कहा था कि राम रहीम की माता नसीब कौर जो करीब 85 साल की हैं, उनकी हालत ठीक नहीं है, ऐसे में राम रहीम उनके इकलौते बेटे हैं. नसीब कौर की देखभाल के लिए राम रहीम को पैरोल दी जाए.
इस पैरोल याचिका को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. इससे पहले एक रिप्रेजेंटेशन सुनारिया जेल प्रशासन को दी गई थी. उसमें भी कहा गया था कि राम रहीम की माता की तबीयत खराब है. जिसके चलते राम रहीम को पैरोल दी जाए. रोहतक प्रशासन ने सिरसा प्रशासन से रिपोर्ट मांगी थी कि राम रहीम की बेल से कोई परेशानी तो नहीं होगी ?
मेडिकल टीम ने किया था नसीब कौर का चेकअप
सिरसा प्रशासन ने एक मेडिकल टीम का गठन किया था, जिसने नसीब कौर का मेडिकल किया. जिसमें सामने आया कि हालत बेहद ज्यादा गंभीर नहीं है और नसीब कौर की देखरेख करने के लिए बाकी परिवार के लोग भी हैं.
सिरसा जिला प्रशासन ने भी रिपोर्ट दी थी कि राम रहीम को अगर पैरोल पर छोड़ा जाता है तो कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है. इसके बाद सुनारिया जेल प्रशासन ने पैरोल की याचिका को खारिज कर दिया था.
जेल प्रशासन की तरफ से याचिका खारिज होने के बाद राम रहीम की पत्नी ने हाईकोर्ट में पैरोल की याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए आज हाईकोर्ट ने वापस देने की छूट देते हुए याचिका खारिज कर दी. मोहिंदर जोशी के अनुसार अभी तक 5 बार जमानत के लिए याचिका राम रहीम की तरफ से दायर की जा चुकी है.
गौरतलब है कि इससे पहले भी राम रहीम की तरफ से अंतरिम राहत के लिए अपनी मुंह बोली बेटी की शादी को लेकर याचिका दायर की थी. जिसे हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए खारिज कर दिया था.
हाईकोर्ट ने कहा था कि जेल से बाहर जाने पर फिर कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है. इस बार हाई कोर्ट ने सवाल पूछा कि राम रहीम की पत्नी का पैरोल याचिका दायर करने का क्या औचित्य है. खुद राम रहीम भी याचिका दायर कर सकता है.