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रोहतक जेल से बाहर आकर ये काम करना चाहता है राम रहीम, इसलिए मांगी पैरोल

सिरसा प्रशासन की रिपोर्ट के बाद ही रोहतक जेल प्रशासन गुरमीत राम रहीम को पैरोल देने पर फैसला लेगा.

गुरमीत राम रहीम
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Published : Jun 21, 2019, 11:57 AM IST

चंडीगढ़: पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या और दो साध्वियों के साथ दुष्कर्म मामले में सजायाफ्ता डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने पैरोल की मांग की है. मीडिया में चल रही ख़बरों के मुताबिक इस बारे में रोहतक जेल प्रशासन ने सिरसा जिला प्रशासन को एक खत लिखा है. बताया जा रहा है कि राम रहीम कृषि कार्य करना चाहता है.

बता दें कि डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह सीबीआई कोर्ट द्वारा यौन शोषण और हत्या के मामले में सजा काट रहे हैं. कैदी अपनी सजा का एक साल पूरा कर चुका है और उसने अपनी हिस्ट्री टिकट भी हासिल कर ली है. कैदी गुरमीत राम रहीम सिंह हरियाणा राज्य का है. इसलिए वह संशोधित पैरोल अधिनियम 2012 व 2013 के तहत हार्डकोर श्रेणी में नहीं आता.

पैरोल के बारे में मांगी गई सिफारिश में डेरा प्रमुख पर सीबीआई कोर्ट द्वारा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में भी दोषी करार दिए जाने के अलावा दो अन्य मामले लंबित होने का भी उल्लेख किया गया है. सिरसा प्रशासन की रिपोर्ट के बाद ही रोहतक जेल प्रशासन गुरमीत राम रहीम को पैरोल देने पर फैसला लेगा.

ये भी पढ़ें- अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: गृह मंत्री अमित शाह ने किया 'नॉन पॉलिटिकल' योगासन

वैसे प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो गुरमीत राम रहीम को पैरोल देने की सिफारिश नहीं की जाएगी. इसके लिए कानून व्यवस्था का हवाला दिया जाएगा. गुरमीत के जेल से बाहर आने पर सिरसा में कानून व्यवस्था कायम रखने में दिक्कत पेश आएगी. साथ ही 24 घंटे उसकी निगरानी रखना प्रशासन के लिए बहुत मुश्किल होगा. पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को 24 अक्टूबर 2002 को गोली मारी गई थी और 21 नवंबर को अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी.

चंडीगढ़: पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या और दो साध्वियों के साथ दुष्कर्म मामले में सजायाफ्ता डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने पैरोल की मांग की है. मीडिया में चल रही ख़बरों के मुताबिक इस बारे में रोहतक जेल प्रशासन ने सिरसा जिला प्रशासन को एक खत लिखा है. बताया जा रहा है कि राम रहीम कृषि कार्य करना चाहता है.

बता दें कि डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह सीबीआई कोर्ट द्वारा यौन शोषण और हत्या के मामले में सजा काट रहे हैं. कैदी अपनी सजा का एक साल पूरा कर चुका है और उसने अपनी हिस्ट्री टिकट भी हासिल कर ली है. कैदी गुरमीत राम रहीम सिंह हरियाणा राज्य का है. इसलिए वह संशोधित पैरोल अधिनियम 2012 व 2013 के तहत हार्डकोर श्रेणी में नहीं आता.

पैरोल के बारे में मांगी गई सिफारिश में डेरा प्रमुख पर सीबीआई कोर्ट द्वारा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में भी दोषी करार दिए जाने के अलावा दो अन्य मामले लंबित होने का भी उल्लेख किया गया है. सिरसा प्रशासन की रिपोर्ट के बाद ही रोहतक जेल प्रशासन गुरमीत राम रहीम को पैरोल देने पर फैसला लेगा.

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वैसे प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो गुरमीत राम रहीम को पैरोल देने की सिफारिश नहीं की जाएगी. इसके लिए कानून व्यवस्था का हवाला दिया जाएगा. गुरमीत के जेल से बाहर आने पर सिरसा में कानून व्यवस्था कायम रखने में दिक्कत पेश आएगी. साथ ही 24 घंटे उसकी निगरानी रखना प्रशासन के लिए बहुत मुश्किल होगा. पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को 24 अक्टूबर 2002 को गोली मारी गई थी और 21 नवंबर को अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी.

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