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राकेश टिकैत की सरकार को चेतावनी, 'सरकार मानने वाली नहीं है, इलाज तो करना पड़ेगा'

किसान नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर सरकार को चेतावनी दे दी है. कृषि कानूनों को किसानों का डेथ वारंट बताने वाले राकेश टिकैत ने किसानों को तैयार रहने के लिए कहा है. टिकैत ने अपने इस बयान से किसान आंदोलन की दिशा को काफी हद तक साफ कर दिया है.

rakesh tikat
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Published : Jun 21, 2021, 7:24 AM IST

चंडीगढ़: केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों (new farm laws) के खिलाफ किसान बीते 7 महीनों से लामबंद हैं. किसान कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी के कानून की मांग कर रहे हैं. वहीं बीते दिनों जब ईटीवी भारत ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (narendra singh tomar) से बात की, तो उन्होंने साफ कहा था कि सरकार कानूनों को रद्द करने के बारे में नहीं सोच रही है. अगर किसान चाहें तो सरकार बातचीत के लिए तैयार है.

rakesh tikat tweet
राकेश टिकैत का ट्वीट.

केंद्रीय कृषि मंत्री के इस बयान के बाद अब भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (rakesh tikait) की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है. राकेश टिकैत ने ट्वीट कर सरकार को एक तरह से खुली चेतावनी दे दी है. टिकैत ने ट्वीट में लिखा, 'सरकार मानने वाली नहीं है. इलाज तो करना पड़ेगा. ट्रैक्टरों के साथ अपनी तैयारी रखो. जमीन बचाने के लिए आंदोलन तेज करना होगा.'

ये भी पढे़ं- चढ़ूनी Vs टिकैत हुआ किसान आंदोलन? क्या राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई में फंस गए दोनों नेता

किसान आंदोलन (farmers protest) का प्रतिनिधित्व कर रहे राकेश टिकैत ने इससे पहले भी कहा था कि सरकार गलतफहमी में ना रहे कि किसान वापस चला जाएगा. किसान दिल्ली छोड़कर तभी वापस जाएंगे, जब मांगें पूरी हो जाएंगी. हमारी मांग है कि तीनों कृषि कानून रद्द हों और एमएसपी की गारंटी का कानून बनाया जाए.

rakesh tikat tweet
राकेश टिकैत का ट्वीट.

गौरतलब है कि 26 नवंबर 2020 से शुरू हुआ किसान आंदोलन अभी तक थमा नहीं है. कड़ाके की सर्दी, फिर गर्मी और अब बारिश में भी किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. किसानों ने बीते 7 महीनों में अपने इरादे साफ कर दिए हैं कि वो कानूनों को रद्द करवाकर ही जाएंगे. ये भी बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा (sanyukt kisan morcha) और केंद्र सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक किसी भी मुद्दे पर सहमति नहीं बनी है.

ये भी पढ़ें- आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश में सरकार, लेकिन किसान बना रहे हैं खास रणनीति: दर्शनपाल

चंडीगढ़: केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों (new farm laws) के खिलाफ किसान बीते 7 महीनों से लामबंद हैं. किसान कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी के कानून की मांग कर रहे हैं. वहीं बीते दिनों जब ईटीवी भारत ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (narendra singh tomar) से बात की, तो उन्होंने साफ कहा था कि सरकार कानूनों को रद्द करने के बारे में नहीं सोच रही है. अगर किसान चाहें तो सरकार बातचीत के लिए तैयार है.

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राकेश टिकैत का ट्वीट.

केंद्रीय कृषि मंत्री के इस बयान के बाद अब भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (rakesh tikait) की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है. राकेश टिकैत ने ट्वीट कर सरकार को एक तरह से खुली चेतावनी दे दी है. टिकैत ने ट्वीट में लिखा, 'सरकार मानने वाली नहीं है. इलाज तो करना पड़ेगा. ट्रैक्टरों के साथ अपनी तैयारी रखो. जमीन बचाने के लिए आंदोलन तेज करना होगा.'

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किसान आंदोलन (farmers protest) का प्रतिनिधित्व कर रहे राकेश टिकैत ने इससे पहले भी कहा था कि सरकार गलतफहमी में ना रहे कि किसान वापस चला जाएगा. किसान दिल्ली छोड़कर तभी वापस जाएंगे, जब मांगें पूरी हो जाएंगी. हमारी मांग है कि तीनों कृषि कानून रद्द हों और एमएसपी की गारंटी का कानून बनाया जाए.

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राकेश टिकैत का ट्वीट.

गौरतलब है कि 26 नवंबर 2020 से शुरू हुआ किसान आंदोलन अभी तक थमा नहीं है. कड़ाके की सर्दी, फिर गर्मी और अब बारिश में भी किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. किसानों ने बीते 7 महीनों में अपने इरादे साफ कर दिए हैं कि वो कानूनों को रद्द करवाकर ही जाएंगे. ये भी बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा (sanyukt kisan morcha) और केंद्र सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक किसी भी मुद्दे पर सहमति नहीं बनी है.

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