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पंजाब विश्वविद्यालय लॉ प्रवेश परीक्षा कराए जाने पर दोबारा करेगा विचार - punjab university law exam case

हाईकोर्ट के दखल के बाद अब पंजाब विश्वविद्यालय 5 और 3 वर्षीय लॉ कोर्स में दाखिले के लिए प्रवेश प्ररीक्षा कराए जाने पर दोबारा विचार करेगा. पीयू ने ये जानकारी पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट को दी है.

punjab university will re think on law entrance test decision
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Published : Sep 29, 2020, 10:40 PM IST

चंडीगढ़: पंजाब यूनिवर्सिटी पांच और तीन वर्षीय लॉ कोर्स में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा कराए जाने पर दोबारा विचार करेगा. पीयू की तरफ से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में कहा गया कि इस संबंध में गठित की गई कमेटी को इस मामले पर दोबारा विचार करने को कहा गया है.

इस पर चीफ जस्टिस रवि शंकर झा और जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर याचिका का निपटारा कर दिया. इस संबंध में अलग-अलग याचिका दायर कर छात्रों की तरफ से मांग की गई थी कि देशभर में लॉक कोर्स में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की जा रही हैं, तो फिर क्यों ये परीक्षा आयोजित क्यों नहीं कर सकता.

याचिका में हाईकोर्ट के 1 सितंबर के फैसले का हवाला देते हुए कहा गया कि कोर्ट ने पीयू को इस मामले पर नए सिरे से फैसले लेने के निर्देश दिए थे. बावजूद इसके पीयू अपने पहले ही फैसले पर कायम रहा है. ऐसे में पीयू पर अदालत की अवमानना की कार्रवाई की जाए.

ये भी पढ़ें- लॉ कोर्स की प्रवेश परीक्षा का मामला, हाईकोर्ट ने पंजाब यूनिवर्सिटी से किया जवाब तलब

गौरतलब है कि पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा 5 वर्षीय लॉ पाठ्यक्रम में प्रवेश परीक्षा आयोजित ना करने के फैसले पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने दोबारा विचार करने के आदेश दिए थे. उच्च न्यायालय ने कहा था कि 15 दिन के भीतर इसकी जानकारी अपनी वेबसाइट पर विश्वविद्यालय को देनी होगी.

साथ ही कहा था कि ये स्वीकार नहीं किया जा सकता कि 3 वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की जा रही है और 5 वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए इससे इनकार किया जा रहा है.

चंडीगढ़: पंजाब यूनिवर्सिटी पांच और तीन वर्षीय लॉ कोर्स में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा कराए जाने पर दोबारा विचार करेगा. पीयू की तरफ से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में कहा गया कि इस संबंध में गठित की गई कमेटी को इस मामले पर दोबारा विचार करने को कहा गया है.

इस पर चीफ जस्टिस रवि शंकर झा और जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर याचिका का निपटारा कर दिया. इस संबंध में अलग-अलग याचिका दायर कर छात्रों की तरफ से मांग की गई थी कि देशभर में लॉक कोर्स में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की जा रही हैं, तो फिर क्यों ये परीक्षा आयोजित क्यों नहीं कर सकता.

याचिका में हाईकोर्ट के 1 सितंबर के फैसले का हवाला देते हुए कहा गया कि कोर्ट ने पीयू को इस मामले पर नए सिरे से फैसले लेने के निर्देश दिए थे. बावजूद इसके पीयू अपने पहले ही फैसले पर कायम रहा है. ऐसे में पीयू पर अदालत की अवमानना की कार्रवाई की जाए.

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गौरतलब है कि पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा 5 वर्षीय लॉ पाठ्यक्रम में प्रवेश परीक्षा आयोजित ना करने के फैसले पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने दोबारा विचार करने के आदेश दिए थे. उच्च न्यायालय ने कहा था कि 15 दिन के भीतर इसकी जानकारी अपनी वेबसाइट पर विश्वविद्यालय को देनी होगी.

साथ ही कहा था कि ये स्वीकार नहीं किया जा सकता कि 3 वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की जा रही है और 5 वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए इससे इनकार किया जा रहा है.

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