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SYL का पानी देने से पंजाब ने किया साफ इनकार, अब सुप्रीम कोर्ट पर टिकी निगाहें

आपसी बातचीत और केंद्र की मध्यस्थता से इस मामले के सुलझने की उम्मीद में बैठे हरियाणा सरकार के लिए ये झटका जरूर कहा जा सकता है, लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल दावा करते नजर आ रहे हैं कि पंजाब सरकार की तरफ से जो फैसला लिया गया है उसका निश्चित तौर पर आने वाले समय में फायदा हरियाणा को होने वाला है.

एसवाईएल पर सर्वदलीय बैठक
एसवाईएल पर सर्वदलीय बैठक
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Published : Jan 23, 2020, 9:48 PM IST

Updated : Jan 23, 2020, 10:18 PM IST

चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहा एसवाईएल का लंबा विवाद एक बार फिर गरमा गया है. इस बार पंजाब सरकार की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में लिए गए फैसलों के बाद फिर एसवाईएल के मुद्दे पर राजनीति पूरी तरह से गर्म है. दरअसल, पंजाब सरकार की तरफ से सर्वदलीय बैठक बुलाकर फिर से अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया गया है और पंजाब के पास किसी को भी देने के लिए पर्याप्त पानी ना होने की बात कहकर केंद्र सरकार से इस मामले में ट्रिब्यूनल बनाए जाने की मांग पंजाब की तरफ से की जा रही है.

क्लिक कर देखें रिपोर्ट

आपसी बातचीत और केंद्र की मध्यस्थता से इस मामले के सुलझने की उम्मीद में बैठे हरियाणा सरकार के लिए ये झटका जरूर कहा जा सकता है, लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल दावा करते नजर आ रहे हैं कि पंजाब सरकार की तरफ से जो फैसला लिया गया है उसका निश्चित तौर पर आने वाले समय में फायदा हरियाणा को होने वाला है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सर्वदलीय बैठक में हुए फैसले पर पूछे गए सवाल पर कहा कि आपसी सहमति से इस मुद्दे को सुलझाने की जो बात हो रही थी उसमें से पंजाब बैक आउट कर गया है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट जल्द ही इस विषय पर अपना फैसला सुना देगा. मुख्यमंत्री ये भी कहते नजर आए कि अच्छी बात है कि पंजाब की तरफ से कोई फैसला इस विषय पर ले लिया गया है, जिसका फायदा हरियाणा को जरूर मिलेगा.

हरियाणा और पंजाब के बीच सतलुज यमुना लिंक नहर का विवाद दोनों राज्यों के बीच बंटवारे के बाद से लंबित है. पंजाब और हरियाणा में कई सरकारें आई और गई लेकिन ये विवाद सुलझने कि जगह और उलझता चला गया. हरियाणा के हक में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से फैसला दिए जाने के बाद भी ये मामला सुलझा नहीं. हालांकि, हरियाणा सरकार को उम्मीद थी कि केंद्र की मध्यस्थता से इस मामले को सुलझा लिया जाएगा. जिसमें पंजाब भी उनका साथ दे देगा, लेकिन पंजाब ने अब इस पूरे मामले पर सर्वदलीय बैठक बुलाकर अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया है.

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सर्वदलीय बैठक बुलाई और इस सर्वदलीय बैठक के बाद जो प्रस्ताव सर्वदलीय बैठक में पास किया गया वो सभी के सामने रखा. कैप्टन अमरिंदर सिंह ये भी कहते नजर आए की सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल देश के प्रधानमंत्री से मिलने के लिए समय मांगेगा और उनसे मुलाकात करेगा. पंजाब में पानी की स्थिति और हुए समझौतों को लेकर फिर से ट्रिब्यूनल गठित करने की मांग की गई है.

ये भी पढ़िए: फरीदाबाद में लगा कश्मीरी व्यंजनों का मेला, शेफ लेकर आए स्पेशल 'रिश्ता'

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को आपस में मामला सुलझाने के लिए कहा था, लेकिन पंजाब समाधान से पीछे हट गया है. वहीं मनोहर लाल ने कहा कि अच्छा हुआ पंजाब ने इस पर कोई निर्णय ले लिया है. इसका लाभ हरियाणा को मिलेग. मुख्यमंत्री ने कहा इसका मतलब हुआ कि पंजाब इस मामले को आपस में सुलझाना नही चाहता. इस मामले में पंजाब के नेताओं के बयान का कोई औचित्य नही है, फैसला हमारे पक्ष में है.अब सिर्फ सुप्रीम कोर्ट को एग्जीक्यूशन ऑर्डर देना है.

चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहा एसवाईएल का लंबा विवाद एक बार फिर गरमा गया है. इस बार पंजाब सरकार की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में लिए गए फैसलों के बाद फिर एसवाईएल के मुद्दे पर राजनीति पूरी तरह से गर्म है. दरअसल, पंजाब सरकार की तरफ से सर्वदलीय बैठक बुलाकर फिर से अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया गया है और पंजाब के पास किसी को भी देने के लिए पर्याप्त पानी ना होने की बात कहकर केंद्र सरकार से इस मामले में ट्रिब्यूनल बनाए जाने की मांग पंजाब की तरफ से की जा रही है.

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आपसी बातचीत और केंद्र की मध्यस्थता से इस मामले के सुलझने की उम्मीद में बैठे हरियाणा सरकार के लिए ये झटका जरूर कहा जा सकता है, लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल दावा करते नजर आ रहे हैं कि पंजाब सरकार की तरफ से जो फैसला लिया गया है उसका निश्चित तौर पर आने वाले समय में फायदा हरियाणा को होने वाला है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सर्वदलीय बैठक में हुए फैसले पर पूछे गए सवाल पर कहा कि आपसी सहमति से इस मुद्दे को सुलझाने की जो बात हो रही थी उसमें से पंजाब बैक आउट कर गया है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट जल्द ही इस विषय पर अपना फैसला सुना देगा. मुख्यमंत्री ये भी कहते नजर आए कि अच्छी बात है कि पंजाब की तरफ से कोई फैसला इस विषय पर ले लिया गया है, जिसका फायदा हरियाणा को जरूर मिलेगा.

हरियाणा और पंजाब के बीच सतलुज यमुना लिंक नहर का विवाद दोनों राज्यों के बीच बंटवारे के बाद से लंबित है. पंजाब और हरियाणा में कई सरकारें आई और गई लेकिन ये विवाद सुलझने कि जगह और उलझता चला गया. हरियाणा के हक में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से फैसला दिए जाने के बाद भी ये मामला सुलझा नहीं. हालांकि, हरियाणा सरकार को उम्मीद थी कि केंद्र की मध्यस्थता से इस मामले को सुलझा लिया जाएगा. जिसमें पंजाब भी उनका साथ दे देगा, लेकिन पंजाब ने अब इस पूरे मामले पर सर्वदलीय बैठक बुलाकर अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया है.

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सर्वदलीय बैठक बुलाई और इस सर्वदलीय बैठक के बाद जो प्रस्ताव सर्वदलीय बैठक में पास किया गया वो सभी के सामने रखा. कैप्टन अमरिंदर सिंह ये भी कहते नजर आए की सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल देश के प्रधानमंत्री से मिलने के लिए समय मांगेगा और उनसे मुलाकात करेगा. पंजाब में पानी की स्थिति और हुए समझौतों को लेकर फिर से ट्रिब्यूनल गठित करने की मांग की गई है.

ये भी पढ़िए: फरीदाबाद में लगा कश्मीरी व्यंजनों का मेला, शेफ लेकर आए स्पेशल 'रिश्ता'

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को आपस में मामला सुलझाने के लिए कहा था, लेकिन पंजाब समाधान से पीछे हट गया है. वहीं मनोहर लाल ने कहा कि अच्छा हुआ पंजाब ने इस पर कोई निर्णय ले लिया है. इसका लाभ हरियाणा को मिलेग. मुख्यमंत्री ने कहा इसका मतलब हुआ कि पंजाब इस मामले को आपस में सुलझाना नही चाहता. इस मामले में पंजाब के नेताओं के बयान का कोई औचित्य नही है, फैसला हमारे पक्ष में है.अब सिर्फ सुप्रीम कोर्ट को एग्जीक्यूशन ऑर्डर देना है.

Intro:एंकर -
पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहे एसवाईएल के लंबे लंबा विवाद एक बार फिर गरमा गया है इस बार पंजाब सरकार की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में लिए गए फैसलों के बाद फिर एसवाईएल के मुद्दे पर राजनीति पूरी तरह से गर्म है । दरअसल पंजाब सरकार की तरफ से सर्वदलीय बैठक बुलाकर फिर से अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया गया है और पंजाब के पास किसी को भी देने के लिए पर्याप्त पानी ना होने की बात कहकर केंद्र सरकार से इस मामले में ट्रिब्यूनल बनाए जाने की मांग पंजाब की तरफ से की जा रही है । हालांकि आपसी बातचीत और केंद्र की मध्यस्थता से इस मामले के सुलझने की उम्मीद में बैठे हरियाणा सरकार के लिए से झटका जरूर कहा जा सकता है मगर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल दावा करते नजर आ रहे हैं कि पंजाब सरकार की तरफ से जो फैसला लिया गया है उसका निश्चित तौर पर आने वाले समय में फायदा हरियाणा को होने वाला है। हरियाणा के मुख्यमंत्री सर्वदलीय बैठक में हुए फैसले पर पूछे गए सवाल पर कहते नजर आए कि आपसी सहमति से इस मुद्दे को सुलझाने की जो बात हो रही थी उसमें से पंजाब बैक आउट कर क्या है ऐसे में सुप्रीम कोर्ट जल्द ही इस विषय पर अपना फैसला सुना देगा । मुख्यमंत्री यह भी कहते नजर आए किए अच्छी बात है कि पंजाब की तरफ से कोई फैसला इस विषय पर ले लिया गया है जिसका फायदा हरियाणा को जरूर मिलेगा ।
Body:वीओ -
हरियाणा और पंजाब के बीच सतलुज यमुना लिंक नहर का विवाद दोनों राज्यों के बंटवारे के बाद से लंबित है । पंजाब और हरियाणा में कई सरकारें आई और गई मगर यह विवाद सुलझने कि जगह उलझता रहा है । हरियाणा के हक में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से फैसला दिए जाने के बाद भी यह मामला सुलझा नहीं । हालांकि हरियाणा सरकार को उम्मीद थी कि केंद्र की मध्यस्थता से इस मामले को सुलझा लिया जाएगा जिसमें पंजाब भी उनका साथ दे देगा । लेकिन पंजाब ने अब इस पूरे मामले पर सर्वदलीय बैठक बुलाकर अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया है ।
बाइट - कैप्टन अमरेंद्र सिंह , मुख्यमंत्री पंजाब
वीओ -
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सर्वदलीय बैठक बुलाई और इस सर्वदलीय बैठक के बाद जो प्रस्ताव सर्वदलीय बैठक में पास किया गया वह सभी के सामने रखा । कैप्टन अमरिंदर सिंह यह भी कहते नजर आए की सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल देश के प्रधानमंत्री से मिलने के लिए समय मांगेगा और उनसे मुलाकात करेगा । पंजाब में पानी की स्थिति और हुए समझौतों को लेकर फिर से ट्रिब्यूनल गठित करने की मांग की गई है ।
बाइट - कैप्टेन अमरेंद्र सिंह , मुख्यमंत्री पंजाब
वीओ -
पंजाब में जाएं इस पूरे मामले में हरियाणा से आगे बढ़ते हुए सर्वदलीय बैठक बुलाकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बाट जो रही हरियाणा सरकार का अगला कदम क्या रहने वाला है इज़्पर जब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बात की गई तो उन्होंने पंजाब सरकार की तरफ से लिए गए इस फैसले पर कहा कि इससे हरियाणा को फायदा होगा । उन्होंने कहा की पंजाब की आज आल पार्टी मीटिंग से हरियाणा को मिलेगा लाभ जो समय बर्बाद हो रहा था वो अब बचेगा ।
सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को आपस में मामला सुलझाने के लिए कहा था लेकिन पंजाब समाधान से पीछे हट गया है । उन्होंने कहा अच्छा हुआ पंजाब ने इस पर कोई निर्णय ले लिया है इसका लाभ हरियाणा को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा इसका मतलब हुआ कि पंजाब इस मामले को आपस मे सुलझाना नही चाहता । इस मामले में पंजाब के नेताओं के बयान का कोई औचित्य नही है , फैसला हमारे पक्ष में है अब सिर्फ सुप्रीम कोर्ट को एग्जीक्यूशन ऑर्डर देना है ।
बाइट - मनोहर लाल , मुख्यमंत्री हरियाणा Conclusion:वीओ -
फिलहाल हरियाणा के मुख्यमंत्री यह भी कहतें नजर आ रहे है कि पंजाब आपसी सहमति से मानने को तैयार नही है तो केंद्र अपनी तरफ सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट देगा जिसके बाद फैसला पहले से सुप्रीम कोर्ट हमारे पक्ष में कर चुका है अब सिर्फ सुप्रीम कोर्ट को एग्जीक्यूशन ऑर्डर देना है । ऐसे में देखना ये होगा कि पंजाब की सहमति न होने के चलते अभी तक लटका ये विवाद कब सुलझेगा ।
Last Updated : Jan 23, 2020, 10:18 PM IST
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