चंडीगढ़ः पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा के निजी स्कूलों की संस्था की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इसी के साथ हाई कोर्ट ने सरकार के आदेशों पर भी यथास्थिति बनाए रखने के आदेश जारी किए हैं. यानी स्कूलों को मान्यता के लिए हर दस साल बाद नवीनीकरण कराना पड़ेगा.
हरियाणा के निजी स्कूलों की संस्था नीसा ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए कहा कि उनकी संस्था में 111 स्कूल हैं जो कई दशक से मान्यता प्राप्त हैं. हरियाणा सरकार ने 2 जून को आदेश जारी कर सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों की मान्यता पर पुनर्विचार करने का निर्णय लिया है. याचिकाकर्ता संस्था ने कहा कि हरियाणा सरकार का ये निर्णय सही नहीं है. स्कूलों की मान्यता को लेकर ये शर्त केवल नए स्कूलों पर लगाई जा सकती है.
स्कूलों के साथ अन्याय- याची
हरियाणा सरकार के स्कूल शिक्षा नियम के तहत भी कोई प्रावधान नहीं है कि मान्यता प्राप्त स्कूलों की मान्यता पर दोबारा विचार किया जाए. याचिकाकर्ता ने ये भी कहा कि उनके ज्यादातर स्कूल कई दशक से हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त है. अब मान्यता पर पुनर्विचार करने का निर्णय सीधे तौर पर इन स्कूलों के साथ अन्याय है.
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सरकार को नोटिस जारी
याचिकाकर्ता संस्था का पक्ष सुनने के बाद हाई कोर्ट ने इस मामले में हरियाणा सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है. इसके साथ ही हाई कोर्ट में मान्यता पर पुनर्विचार के आदेश पर आगे कोई कदम न उठाने का आदेश देते हुए यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा है. हाई कोर्ट के जस्टिस बीएस वालिया ने हरियाणा सरकार और शिक्षा विभाग को 22 जुलाई तक इस मामले में जवाब देने का आदेश दिया है.