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सामूहिक दुष्कर्म के पीड़ितों का चंडीगढ़ पीजीआई में होगा इलाज: HC - Sonipat gang rape case

सोनीपत में पुलिसकर्मियों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाने वाले पीड़ितों को हाईकोर्ट के आदेशानुसार मेडिकल ट्रीटमेंट दिया जाएगा. पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की जस्टिस अर्चना पुरी ने ये फैसला सुनाया है.

punjab haryana highcourt gave the decision to allow rape victim medical treatment in pgi
punjab haryana highcourt gave the decision to allow rape victim medical treatment in pgi
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Published : Nov 24, 2020, 9:41 PM IST

सोनीपत: बरोदा पुलिस स्टेशन में पुलिस कर्मियों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाने वाले दोनों पीड़ितों को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ पीजीआई में मेडिकल ट्रीटमेंट दिए जाने के आदेश दिए हैं.

जस्टिस अर्चना पुरी ने फैसले में कहा कि करनाल सेंट्रल जेल सुपरिटेंडेंट और करनाल ऑब्जर्वेशन होम के इंचार्ज सोनीपत डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी के सेक्रेटरी का सहयोग कर दोनों पीड़ितों को चंडीगढ़ पीजीआई में मेडिकल ट्रीटमेंट दिए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें.

पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने साथ ही कोविड-19 के चलते जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक पीड़ितों को याची और उनके परिजनों से मिलने दिए जाने के भी निर्देश दिए.

ये है पूरा मामला

पीड़ित लड़की की मां की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया कि उनकी बेटी और भतीजे के साथ थाने में पुलिस कर्मियों ने सामूहिक दुष्कर्म किया. इसके बाद उन पर 30 जून 2020 को आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया. याचिका में कहा गया कि पुलिस ने झूठी कहानी गढ़ते हुए दोनों लड़कियों पर दो पुलिसकर्मियों की हत्या का केस दर्ज किया, उन्हें तत्काल मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत है.

इस संबंध में अलग-अलग अथॉरिटी को रिप्रेजेंटेशन भी दी गई है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. ऐसे में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मेडिकल ट्रीटमेंट दिए जाने की मांग की गई.

सोनीपत: बरोदा पुलिस स्टेशन में पुलिस कर्मियों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाने वाले दोनों पीड़ितों को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ पीजीआई में मेडिकल ट्रीटमेंट दिए जाने के आदेश दिए हैं.

जस्टिस अर्चना पुरी ने फैसले में कहा कि करनाल सेंट्रल जेल सुपरिटेंडेंट और करनाल ऑब्जर्वेशन होम के इंचार्ज सोनीपत डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी के सेक्रेटरी का सहयोग कर दोनों पीड़ितों को चंडीगढ़ पीजीआई में मेडिकल ट्रीटमेंट दिए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें.

पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने साथ ही कोविड-19 के चलते जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक पीड़ितों को याची और उनके परिजनों से मिलने दिए जाने के भी निर्देश दिए.

ये है पूरा मामला

पीड़ित लड़की की मां की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया कि उनकी बेटी और भतीजे के साथ थाने में पुलिस कर्मियों ने सामूहिक दुष्कर्म किया. इसके बाद उन पर 30 जून 2020 को आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया. याचिका में कहा गया कि पुलिस ने झूठी कहानी गढ़ते हुए दोनों लड़कियों पर दो पुलिसकर्मियों की हत्या का केस दर्ज किया, उन्हें तत्काल मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत है.

इस संबंध में अलग-अलग अथॉरिटी को रिप्रेजेंटेशन भी दी गई है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. ऐसे में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मेडिकल ट्रीटमेंट दिए जाने की मांग की गई.

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