चंडीगढ़: हरियाणा में किसानों के द्वारा नेशनल हाईवे जाम करने के मामले में पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. बता दें कि किसानों के रोड जाम को लेकर कुरुक्षेत्र के रणदीप तंवर ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई थी. जिसमें कहा गया था कि किसानों के रोड जाम के चलते आमजन को काफी परेशानी होती है. जिसके चलते हाईवे को खाली करवाया जाना चाहिए. इस मामले में मंगलवार को हुई सुनवाई में हरियाणा सरकार ने अपना जवाब दाखिल किया है.
हरियाणा सरकार की तरफ से हाई कोर्ट में कहा गया कि 6 जून को हाईवे खुलवा दिया गया था, लेकिन बाद में किसान कुरुक्षेत्र के पीपली में किसान फिर से हाईवे पर बैठ गए हैं. सोमवार देर रात तक किसान यूनियन से सरकार की बातचीत जारी थी, लेकिन कोई हल नहीं निकला. सरकार की तरफ से बताया कि पीपली हाईवे पर 2 से ढाई हजार लोग अभी प्रदर्शन वाली जगह मौजूद हैं.
पिछली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि नेशनल हाईवे को जाम करने वाले किसान नेताओं को नोटिस जारी किया जाए, हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद भी किसान नेताओं को नोटिस सर्व नहीं किया गया. जिसके चलते हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.
बता दें कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सूरजमुखी फसल की खरीद की मांग को लेकर किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है. सोमवार से किसान कुरुक्षेत्र के पीपली में नेशनल हाईवे पर धरने पर बैठे हैं. किसानों ने अब वहां पक्का मोर्चा भी लगा लिया है. हालांकि इस मुद्दे पर प्रशासन और स्थानीय नेताओं के द्वारा बनाई गई कमेटी की बैठकों का दौर जारी है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हो पाया है. कमेटी की तरफ से सरकार को सोमवार रात 10 बजे तक का अल्टीमेटम दिया गया था.
किसानों की तरफ से कहा गया था कि अगर सोमवार रात तक गुरनाम चढूनी समेत सभी किसानों को रिहा नहीं किया जाता और सूरजमुखी की खरीद एमएसपी पर नहीं की जाती, तबक तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. जिसके बाद सरकार और प्रशासन का कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने अब इस धरने की कमान संभालने का फैसला किया है. मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा की धरने स्थल पर अहम बैठक होगी. जिसमें इस धरने को देशव्यापी करने का ऐलान किया जा सकता है. इसके अलावा बैठक में आंदोलन की रणनीति भी तैयार हो सकती है.