चंडीगढ़: हरियाणा के अलग-अलग विभाग, निगम, बोर्ड के लिए हो रही 4,858 क्लर्क भर्ती मामले में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट का अंतिम फैसला ही बताएगा कि आखिर भर्तियां होंगी या फिर नहीं. हाईकोर्ट में भर्तियों को चुनौती दी गई है कि कट ऑफ से ज्यादा अंक होने पर भी न्युक्ति नहीं दी जा रही है और ऐसे ही कई विभिन्न विभागों, निगमों और बोर्ड के उम्मीदवार हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं.
कोर्ट ने 7 दिन के भीतर कट ऑफ मार्क्स दिखाने के दिए निर्देश
एक्स सर्विसमैन डिसएबल कैटेगरी के तहत एक याचिका दाखिल की गई है जिसमें पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमेटी को 7 दिन के भीतर याचिकाकर्ता के कट ऑफ मार्क्स दिखाने के निर्देश दिए हैं. याचिकाकर्ता के वकील शौकीन सिंह वर्मा ने बताया कि 20 जून 2019 को हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमेटी द्वारा एक विज्ञापन जारी किया गया और अलग-अलग विभागों की भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए, जिसमें बीसीए विकलांग एक्स सर्विसमैन कोटे के हिसाब से भर्तियां निकाली गई. याचिकाकर्ता प्रवीण एक्स सर्विसमैन डिसएबल कैटेगरी में आते हैं. उन्होंने फॉर्म भरा जिसके कट ऑफ अंक सिलेक्शन कमीशन के अनुसार 35 घोषित कए गए और याचिकाकर्ता के नंबर 43 आए.
कट ऑफ से ज्यादा अंक होने पर भी नहीं दी गई नियुक्ति
वकील शौकीन सिंह वर्मा ने बताया कि ये वो उम्मीदवार है जो जंग के दौरान घायल हुए हैं, सरकार ने उन्हें अलग से सुविधा देने के लिए कोटा रखा हुआ है, खासकर उनके लिए जिनके शरीर का कोई अंग खराब है और बाद में प्रीमेच्योर रिटायरमेंट ले लेता है. याचिकाकर्ता ने जब अपने अंक देखें तो उसके अंक 43 थे जबकि कट ऑफ 35 है.
याचिकाकर्ता ने एक रिप्रेजेंटेशन हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन को दी और खुद फिजिकली अपीयर भी हुए. उन्होंने बताया कि उनके इतने अंक बनते हैं लेकिन फिर भी उसका चयन नहीं किया गया. स्टाफ सिलेक्शन कमीशन द्वारा भी उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई. जिसके बाद मजबूरन उन्होंने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की. अब हाई कोर्ट ने कहा है कि 7 दिन के अंदर याचिकाकर्ता को बुलाकर उसे बताया जाए कि उसके नंबर 35 है, 43 है या फिर 36 है और यदि उसके नंबर 35 से ज्यादा है तो उसका सिलेक्शन किया जाए.
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