चंडीगढ़:पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 21 अप्रैल को घोषित राष्ट्रीय कोविएशन नीति को रद्द करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. बता दें कि याचिका में कंपनियों द्वारा कोविशील्ड और को-वैक्सीन की कीमत को रद्द करने और केंद्र सरकार से नि:शुल्क टीकाकरण की मांग की गई थी.
पंजाब विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई कर रहे अभिषेक मल्होत्रा द्वारा दायर याचिका में एक रिपोर्ट का हवाला देकर बताया गया कि कोविशील्ड ने प्राइवेट अस्पतालों के लिए जो रेट तय किया है. वह दुनिया में सबसे अधिक है. इसलिए टीकाकरण का पूरा काम केंद्र नि:शुल्क करे. जिसके तहत 18 से 45 वर्ष की आयु के लोगों को वैक्सीन का काम राज्य सरकार का हो. केंद्र सरकार को इसके लिए राज्य को नि:शुल्क वैक्सीन उपलब्ध करानी चाहिए.
याचिका में कहा गया कि केंद्र सरकार उम्र के आधार पर लोगों के साथ कैसे भेदभाव कर सकती है. जब 45 साल से ज्यादा की उम्र वालों को नि:शुल्क वैक्सीन लगाई गई तो बाकी को राज्यों की इच्छा पर कैसे छोड़ा जा सकता है. याचिका में बताया गया कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में भारत बायोटेक द्वारा राज्य सरकार और निजी अस्पतालों के लिए निर्धारित मूल्य काफी अधिक है. मध्यम वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों पर खर्च डालना उचित नहीं है.
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पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि इस मामले में पहले ही सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट में यह मामला विचाराधीन है ऐसे में यदि याचिकाकर्ता चाहे तो सुप्रीम कोर्ट में जा सकता है.
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