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चंडीगढ़ः जुलाई में भी हाई कोर्ट नहीं होगा नियमित काम - punjab and haryana high court

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के पूरी तरह से ना खुलने पर बार एसोसिएशन के प्रधान डीपीएस रंधावा ने कोर्ट में प्रस्ताव दिया है. जिसमें कोर्ट को प्रोपर खोलने की मांग की है. उनका कहना है कि कोर्ट ना खुलने से लोगों को बहुत परेशानी हो रही है.

punjab and haryana high court work restricted in july
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट
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Published : Jun 27, 2020, 10:53 PM IST

चंडीगढ़: जुलाई महीने में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में काम प्रतिबंधित रहेगा. कोर्ट में पूरी तरह से काम नहीं होगा. हाई कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए जून-जुलाई के मामलों की सुनवाई की तारीख अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में डाल दी है, यानी जो सुनवाई अर्जेंट नहीं है. उन को स्थगित कर दिया गया.

वहीं पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने जनरल मीटिंग कर प्रस्ताव पारित किया है और हाई कोर्ट को कई सुझाव दिए हैं. हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रधान डीपीएस रंधावा ने कहा कि अभी सिर्फ 15 ही रोटेशन में केस सुन रहे हैं. जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या फिजिकल हियरिंग के जरिए सभी जज मामलों की सुनवाई करें. अगर जज कोर्ट नहीं आ पा रहे हैं, तो वे अपने घर से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी मामलों पर सुनवाई कर सकते हैं.

बार एसोसिएशन का कहना है कि अर्जेंट और नॉन अर्जेंट केस दोनों को सुना जाए. क्योंकि कौन सा मामला याचिकाकर्ता के लिए जरूरी है, वो व्यक्ति और उसका वकील ही जानता है. उनका कहना है कि धार्मिक स्थल खोल दिए गए हैं, लेकिन लोग इंसाफ के मंदिर में इंसाफ पाने से वंचित हैं. बार एसोसिएशन की मांग है कि मामलों में भेदभाव ना करते हुए हर किसी केस की सुनवाई हो ताकि लोगों को इंसाफ मिलने में देरी ना हो.

ये भी पढ़ें:-सोनीपत शराब घोटाला: 'हरियाणा सरकार सिर्फ लीपापोती कर दोषियों को बचा रही है'

बता दे पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के मामलों को डील करती है. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और हिमाचल के कई मामले भी हाई कोर्ट में ट्रांसफर किए जाते हैं. हाई कोर्ट से पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के करीब 70 हजार वकील जुड़े हुए हैं और हाई कोर्ट में चार लाख ज्यादा मामले पेंडिंग हैं.

चंडीगढ़: जुलाई महीने में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में काम प्रतिबंधित रहेगा. कोर्ट में पूरी तरह से काम नहीं होगा. हाई कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए जून-जुलाई के मामलों की सुनवाई की तारीख अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में डाल दी है, यानी जो सुनवाई अर्जेंट नहीं है. उन को स्थगित कर दिया गया.

वहीं पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने जनरल मीटिंग कर प्रस्ताव पारित किया है और हाई कोर्ट को कई सुझाव दिए हैं. हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रधान डीपीएस रंधावा ने कहा कि अभी सिर्फ 15 ही रोटेशन में केस सुन रहे हैं. जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या फिजिकल हियरिंग के जरिए सभी जज मामलों की सुनवाई करें. अगर जज कोर्ट नहीं आ पा रहे हैं, तो वे अपने घर से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी मामलों पर सुनवाई कर सकते हैं.

बार एसोसिएशन का कहना है कि अर्जेंट और नॉन अर्जेंट केस दोनों को सुना जाए. क्योंकि कौन सा मामला याचिकाकर्ता के लिए जरूरी है, वो व्यक्ति और उसका वकील ही जानता है. उनका कहना है कि धार्मिक स्थल खोल दिए गए हैं, लेकिन लोग इंसाफ के मंदिर में इंसाफ पाने से वंचित हैं. बार एसोसिएशन की मांग है कि मामलों में भेदभाव ना करते हुए हर किसी केस की सुनवाई हो ताकि लोगों को इंसाफ मिलने में देरी ना हो.

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बता दे पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के मामलों को डील करती है. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और हिमाचल के कई मामले भी हाई कोर्ट में ट्रांसफर किए जाते हैं. हाई कोर्ट से पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के करीब 70 हजार वकील जुड़े हुए हैं और हाई कोर्ट में चार लाख ज्यादा मामले पेंडिंग हैं.

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