चंडीगढ़: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाई कोर्ट ने एजेएल प्लॉट आवंटन मामले में सीबीआई कोर्ट की कार्यवाही पर 9 अगस्त तक रोक लगा दी है.
बता दें कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी. हुड्डा ने याचिका में मांग की थी कि सीबीआई ने उनके खिलाफ गलत चार्जेस फ्रेम किए हैं. अब इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सीबीआई कोर्ट की कार्यवाही पर 9 अगस्त तक रोक लगा दी है.
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गौरतलब है कि एजेएल प्लॉट आवंटन मामले में भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित कई लोग आरोपी हैं. इस मामले में पंचकूला स्थित विशेष सीबीआई अदालत की ओर से भूपेंद्र हुड्डा सहित अन्य आरोपियों पर आरोप तय (चार्जेस फ्रेम) तय कर दिए गए हैं. कोर्ट ने मामले में आरोपियों पर धारा 120बी (साजिश रचना), 420 भारतीय दंड संहिता(धोखाधड़ी), 13 (2), 13 1 (डी) (भ्रष्टाचार अधिनियम) के तहत आरोप तय किए हैं. बता दें कि मामले में एक आरोपी मोती लाल वोहरा की मौत हो चुकी है.
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क्या है एजेएल प्लॉट आवंटन मामला?
1982 में पंचकूला सेक्टर-6 में प्लॉट नंबर सी-17 तब के सीएम चौधरी भजनलाल ने एजेएल को अलॉट कराया. कंपनी को इस पर 6 महीने में निर्माण शुरू करके दो साल में काम पूरा करना था, लेकिन कंपनी 10 साल में भी ऐसा नहीं कर पाई. अक्टूबर 1992 को हुड्डा ने अलॉटमेंट कैंसिल करके प्लॉट को रिज्यूम कर लिया. 18 अगस्त 1995 को फ्रेश अलॉटमेंट के लिए आवेदन मांगे गए. इसमें एजेएल कंपनी को भी आवेदन करने की छूट दी गई.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए नेशनल हेराल्ड की सब्सिडी एसोसिएट्स जनरल लिमिटेड (एजेएल) कंपनी को 2005 में 1982 की दरों पर प्लॉट आवंटिक करवाया था. हुड्डा और एजेएल पदाधिकारियों पर 2005 में अवैध तरीके से भूखंड को फिर से आवंटित करने का आरोप है. ये मामला सीबीआई कोर्ट में चल रहा था, जिस पर रोक के लिए हुड्डा ने हाई कोर्ट का रुख किया था.