चंडीगढ़: उम्र पूरी होने से कुछ ही महीने पहले शादी करने के मामले में हाई कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे विवाह जो कि विवाह की उम्र के नियमों का उल्लंघन करते हैं. वो गैर कानूनी जरूरी हैं, लेकिन उनकी शादी अवैध नहीं मानी जाएगी और वो अपनी शादी का पंजीकरण भी कर सकते हैं. हाई कोर्ट ने इसके साथ एक आदेश भी जारी किया है, जिसमें यदि शादी करने के बाद ये पाया जाता है कि लड़के की उम्र छोटी है तो ऐसे में उनसे सुरक्षा लेने का अधिकार नहीं छीना जा सकता. कानून के मुताबिक लड़का 21 साल और लड़की की उम्र 18 साल में शादी कर सकते हैं.
बता दें कि, दीपक कुमार नाम का युवक अपनी शादी को पंजीकृत करवाने के लिए पिछले 6 महीनों से इंतजार कर रहा है जबकि उसकी शादी को 5 साल पूरे हो गए हैं. दीपक के पिता के अनुसार जब उसका विवाह हुआ था, तो उसकी उम्र 21 साल होने में कुछ महीने कम थी. इस मामले को लेकर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. जहां हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि ये विवाह कानूनी तौर पर माना जाएगा और इसका पंजीकरण किया जा सकता है. हालांकि हाई कोर्ट ने ये जरूर कहा कि उम्र कम होना विवाह नियमों के उल्लंघन ना जरूर है लेकिन इससे शादी का वजूद खत्म नहीं होता.
याचिका में याचिकाकर्ता दीपक में बताया कि उसने नवंबर 2015 में शादी की थी. अब उनके दो बच्चे भी हैं. नवंबर 2019 में उन्होंने अपनी शादी का पंजीकरण करवाने के लिए आवेदन किया था. जो अभी तक नहीं हुआ है. उसी को लेकर वो कोर्ट के चक्कर काट रहा था.
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दीपक के वकील ने बताया कि जब उनकी शादी हुई थी, तब वो 21 साल के होने में कुछ महीने कम थे और उस वक्त क्योंकि हिंदू मैरिज एक्ट के तहत उसकी उम्र शादी की नहीं थी, इसलिए शादी को रजिस्टर नहीं करवाया गया. हाई कोर्ट ने कहा कि दोनों पक्षों में से किसी ने भी इस शादी के खिलाफ कुछ नहीं कहा है. इसलिए शादी को कानूनी तौर पर पंजीकृत किया जाता है. हाई कोर्ट ने दो हफ्तों के अंदर दीपक की शादी पंजीकृत करने के आदेश दिए हैं.