चंडीगढ़: पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरुग्राम की ग्राम पंचायत सिकंदरपुर घोसी की शामलात देह की तीन हजार वर्ग गज जमीन जनता फिलिग स्टेशन को बेचने के खिलाफ एक याचिका पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश जारी किए हैं.
सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान प्रतिवादी पक्ष ने इस मामले में जवाब देने के लिए समय की मांग की. इस पर बेंच ने सभी पक्षों को समय देते हुए मामले की सुनवाई 20 जुलाई तक स्थगित कर दी. हाई कोर्ट ने इस मामले में हरियाणा के मुख्य सचिव, पंचायत विभाग के महानिदेशक, डीसी गुरुग्राम व नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया हुआ है.
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हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवी शंकर झा और जस्टिस अरुण पल्ली पर आधारित बेंच ने ये नोटिस गुरुग्राम निवासी हरेंद्र ढींगरा की ओर से दायर कि एक जनहित याचिका पर जारी किया. ढींगरा ने पंचायत विभाग और सरकार की ओर से ग्राम पंचायत सिकंदरपुर घोसी की शामलात देह की 3000 वर्ग गज जमीन जनता फिलिंग स्टेशन को बेचने के मामले को चुनौती दी थी.
क्या कहा गया याचिका में?
याचिकाकर्ता के वकील ने बेंच को बताया कि शामलात देह जमीन और पंचायती जमीन किसी भी सूरत में बेची नहीं जा सकती. इस बाबत सुप्रीम कोर्ट भी कई फैसले देखकर ये स्पष्ट कर चुका है, लेकिन पंचायत विभाग ने सिकंदरपुर घोसी पंचायती शामलात देह की जमीन मात्र 90 लाख में बेच दी है. इस सौदे को लेकर पंचायत से लेकर ऊपर तक सभी ने सहमति भी दे दी. इतना ही नहीं अब सरकार ने जनता फिलिंग स्टेशन को इस जमीन के लिए सीएलयू भी जारी कर दिया है.