चंडीगढ़ः हरियाणा में लगातार बढ़ते प्रदूषण के स्तर ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी है. जिसके चलते प्रशासन भी एक्शन मोड में आ गया है. शनिवार को ईपीसीए के चेयरमैन भूरेलाल ने पानीपत सहित हरियाणा के पांच जिलों में पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी लागू कर दी है. इस आदेश में पानीपत के अलावा सोनीपत, फरीदाबाद, गुरुग्राम को शामिल किया गया है. वहीं दिल्ली और यूपी के कुछ जिलों में भी इमरजेंसी लागू रहेगी.
पानी छिड़काव के आदेश
एनवारमेंट पोल्यूशन कंट्रोल अथॉरिटी की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर कार्रवाई की जाएगी. खुले मैदानों में प्रशासन को छिड़काव करना होगा. भवन निर्माण पर अगले आदेश तक पाबंदी लगा दी गई है. ईपीसीए जनरेटर व तंदूर पर पहले ही पाबंदी लगा चुका है, लेकिन प्रशासन ने एपीसीए के निर्देशों पर कोई कार्रवाई नहीं की. आज गुरुग्राम में भी प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए सड़कों और उनके किनारों पर पानी का छिड़काव किया गया.
प्रशासन की हिदायत
ईपीसीए के चेयरमैन ने निर्देश दिए हैं कि खुले में एक्सरसाइज ना करें. खुले में प्रशासन भी किसी भी तरह का आयोजन नहीं करेगा. शुक्रवार को पानीपत शहर का एक्यूआई 421 दर्ज किया गया. उन्होंने बताया कि 15 अक्तूबर को दिल्ली - एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी कि ग्रैप लागू कर दिया गया था.
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इन शहरों में ग्रैप योजना
ग्रैप योजना के तहत दिल्ली समेत गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम, सोनीपत, पानीपत और बहादुरगढ़ में भी डीजल जेनरेटर पर रोक रहेगी. हालांकि इनमें से कई शहरों के अधिकारियों का कहना है कि बैन के आदेश को लागू कराना मुश्किल होगा.
इन पैमानों पर होगा नियंत्रण!
- सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर अंकुश लगाना.
- ठोस कचरा ले जाने वाले वाहनों को पर्याप्त रूप से कवर करवाना.
- निर्माण गतिविधियों को रोकने और पार्किंग फीस बढ़ाना भी शामिल है.
- रबड़ प्लास्टिक और कपड़ा आदि कचरे को जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना.
- सड़क निर्माण, स्ट्रॉम वाटर, ड्रेनेज और सीवरेज लाईन निर्माण में पर्यावरण नियमों का पालन करवाना.
- कचरा जलाने और बायोमास जलाने वालों को रोकने के लिए टीमों का गठन करना.
देश में 11वें नंबर का सबसे प्रदूषित शहर पानीपत
एनजीटी की रिपोर्ट के मुताबिक पानीपत प्रदेश का दूसरा और देश का 11 वे नंबर का सबसे प्रदूषित शहर है. पानीपत में अवैध रूप से 5 हजार से अधिक फैक्टरियां चल रही है. हर रोज यहां से 80 हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं. डाई हाउस में चप्पल और जूते जलाए जाते हैं.