चंडीगढ़: एक तरफ जहां हरियाणा के कई मंत्री और विधायक कोरोना की चपेट में हैं तो वहीं दूसरी तरफ कोरोना से खौफजदा छात्र लगातार परिक्षाएं रद्द करने की मांग कर रहे हैं. फाइनल ईयर की परिक्षाएं रद्द करने की मांग को लेकर हरियाणा एनएसयूआई के छात्रों ने विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया.
एनएसयूआई के नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष देवांशु बुद्धिराजा ने किया. मीडिया से बात करते हुए बुद्धिराजा ने कहा कि एक तरफ तो सरकार सरकारी खर्च पर सभी विधायकों के कोरोना का टेस्ट करा रही है और टेस्ट नेगेटिव आने के बाद ही उन्हें सत्र में आने की अनुमति दी जा रही है, जबकि फाइनल ईयर का एग्जाम देने वाले छात्रों की सिर्फ थर्मल स्कैनिंग ही की जाएगी. ऐसे में सरकार छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.
देवांशु बुद्धिराजा ने कहा कि आज जिस तरीके से पूरी दुनिया में कोरोना वायरस फैल रहा है. उसे देखकर परिक्षाएं रद्द करनी चाहिए, क्योंकि मंत्रियों की तरह हरियाणा के छात्र सरकारी खर्चे पर अपना इलाज नहीं करा सकते हैं. कोरोना काल में फाइनल ईयर की परिक्षाएं कराकर सरकार बच्चों को मौत के मुंह में ढकेलने का काम कर रही है.
वहीं अगर बात हरियाणा में कोरोना वायरस की करें तो प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अब हरियाणा मंत्रिमंडल भी कोरोना की चपेट में आ चुका है. सीएम, विधायक, सांसद, प्रवक्ता सहित कई कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. विधानसभा सत्र से पहले मंत्रियों, विधायकों और कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट कराया गया था, जिसमें से करीब 40 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.
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हरियाणा में मंगलवार को रिकॉर्ड 1148 कोरोना संक्रमित मरीज मिले. इन मरीजों के मिलने से प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या 9 हजार 489 हो गई. वहीं अब तक प्रदेश में 56 हजार से अधिक मरीज मिले हैं. वहीं मंगलवार को प्रदेश में दस लोगों की कोरोना से मौत भी हुई है.