चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (punjab and haryana high court) ने यूटी पावर मैन यूनियन की याचिका पर सुनवाई करते हुए बिजली विभाग के निजीकरण पर रोक लगा दी है. बता दें कि जस्टिस जितेंद्र चौहान और जस्टिस विवेक पुरी की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए चंडीगढ़ प्रशासन (chandigarh administration) से इस संबंध में जवाब भी मांगा है.
बता दें कि पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इससे पहले 1 दिसंबर को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए बिजली विभाग के निजीकरण और इसके लिए जारी टेंडर पर रोक लगा दी थी. बता दें कि बाद में चंडीगढ़ प्रशासन (chandigarh administration) ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में चुनौती दी थी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के आदेशों पर रोक लगा दी थी.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को आदेश दिया था कि इस मामले का निपटारा 3 महीने में किया जाना चाहिए. इस पूरे मामले पर यूटी पावर मैन यूनियन का कहना है कि इस मामले का निपटारा 3 महीने में नहीं हो पाया है. इसी का फायदा उठाते हुए चंडीगढ़ प्रशासन बिजली विभाग के निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है.
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बता दें कि यूटी पावर मैन यूनियन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चंडीगढ़ प्रशासन की निजीकरण संबंधी प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अगले आदेश तक बिजली विभाग के निजीकरण पर रोक लगा दी है.
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