चंडीगढ़: दशहरे के दिन चंडीगढ़ में रावण दहन की अनुमति नहीं दी गई थी. जिस वजह से शहर में रावण दहन के कार्यक्रम नहीं किए गए. हालांकि लोगों की तरफ से एक दो जगह पर छोटे-मोटे रावण दहन के कार्यक्रम जरूर किए गए, लेकिन जिस तरह से हर साल चंडीगढ़ में कई जगह पर रावण दहन के बड़े कार्यक्रम किए जाते थे. वो इस साल नहीं किए गए. जिससे दशहरे के दिन शहर में प्रदूषण में जो वृद्धि होती थी, वो इस बार नहीं हुई.
इस बारे में हमने चंडीगढ़ पर्यावरण विभाग के निदेशक देवेंद्र दलाई से बात की. जिसमें उन्होंने बताया कि जब भी किसी वस्तु को जलाया जाता है तो उससे वायु प्रदूषण होता है. जहां तक रावण दहन की बात है तो इसमें बड़े स्तर पर पटाखे, लकड़ियां और कागज जलाए जाते हैं. जिससे प्रदूषण में वृद्धि होती है, लेकिन इस साल रावण दहन की अनुमति ना होने की वजह से शहर के प्रदूषण में ज्यादा वृद्धि दर्ज नहीं हुई.
चंडीगढ़ का एयर क्वालिटी इंडेक्स पिछले कई दिनों से 100 से 120 के बीच बना हुआ है और दशहरे के दिन भी इतना ही रहा. जबकि पिछले सालों की बात की जाए तो दशहरे के दिन शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 अंक तक पहुंच जाता था.
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हालांकि इसमें कई अन्य कारक भी काम करते हैं. जैसे उस दिन ट्रैफिक कितना था? तापमान कितना था? और कितनी फैक्ट्रियां चल रही थी? इस बार लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी अभी तक सभी फैक्ट्रियां नहीं चली है और ट्रैफिक में भी कमी है. ये भी एक कारण है कि इन दिनों एयर क्वालिटी इंडेक्स पिछले साल के मुकाबले अच्छा है.