चंडीगढ़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात के 69वें एपिसोड में किसानों पर बात करते हुए हरियाणा के सोनीपत जिले के किसान कंवर चौहान का जिक्र किया. जिसमें पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें किसान कंवर चौहान ने बताया कि कैसे एक समय था, जब मंडी से बाहर अपने फल और सब्जियों को बेचने में परेशानियों का सामना करना पड़ता था. लेकिन 2014 में फल और सब्जियों को APMC Act से बाहर कर दिया गया. इसका उन्हें और आसपास के साथी किसानों को बहुत फायदा हुआ है.
सीएम मनोहर लाल ने किया ट्वीट
मन की बात के दौरान पीएम मोदी द्वारा सोनीपत के किसान कंवर चौहान के बारे में चर्चा करने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ट्वीट कर इस किसान को हुए फायदे का जिक्र किया.
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सोनीपत के किसान श्री कँवर चौहान जी से प्रदेश के अन्य किसानों को सीख और प्रेरणा लेनी चाहिए।
— Manohar Lal (@mlkhattar) September 27, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
समय तेज़ी से बदल रहा है और खेती करने की परम्पराएं भी तेज़ी से बदल रही हैं। अब तकनीकी के माध्यम से खेती कर ज्यादा लाभ कमाया जा सकता है।
भारत इस दिशा में निरंतर अग्रसर है।#MannKiBaat pic.twitter.com/84iTQRaliy
">सोनीपत के किसान श्री कँवर चौहान जी से प्रदेश के अन्य किसानों को सीख और प्रेरणा लेनी चाहिए।
— Manohar Lal (@mlkhattar) September 27, 2020
समय तेज़ी से बदल रहा है और खेती करने की परम्पराएं भी तेज़ी से बदल रही हैं। अब तकनीकी के माध्यम से खेती कर ज्यादा लाभ कमाया जा सकता है।
भारत इस दिशा में निरंतर अग्रसर है।#MannKiBaat pic.twitter.com/84iTQRaliyसोनीपत के किसान श्री कँवर चौहान जी से प्रदेश के अन्य किसानों को सीख और प्रेरणा लेनी चाहिए।
— Manohar Lal (@mlkhattar) September 27, 2020
समय तेज़ी से बदल रहा है और खेती करने की परम्पराएं भी तेज़ी से बदल रही हैं। अब तकनीकी के माध्यम से खेती कर ज्यादा लाभ कमाया जा सकता है।
भारत इस दिशा में निरंतर अग्रसर है।#MannKiBaat pic.twitter.com/84iTQRaliy
ओपी धनखड़ ने दी जानकारी
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की, जिसमें उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसान कंवर चौहान ने 2014 से पहले हो रही दिक्कतों के बारे में बताया है और मोदी सरकार में फल और सब्जियां को एपीएमसी अधिनियम के बाहर करने के बाद किसानों को क्या फायदे हुए इसके बारे में जिक्र किया है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ट्वीट कर लिखा है कि प्रदेश के अन्य किसानों को भी किसान कंवर चौहान से प्रेरणा लेनी चाहिए.
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सोनीपत के किसान भाई ने प्रधानमंत्री @narendramodi जी को बताया कि कैसे एक समय था जब उन्हें मंडी से बाहर अपने फल और सब्जियां बेचने में दिक्कत आती थी।
— Om Prakash Dhankar (@OPDhankar) September 27, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
लेकिन 2014 में फल और सब्जियों को APMC Act से बाहर कर दिया गया,इसका उन्हें और आसपास के साथी किसानों को बहुत फायदा हुआ। #MannKiBaat pic.twitter.com/4rgtsqrOGj
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— Om Prakash Dhankar (@OPDhankar) September 27, 2020
लेकिन 2014 में फल और सब्जियों को APMC Act से बाहर कर दिया गया,इसका उन्हें और आसपास के साथी किसानों को बहुत फायदा हुआ। #MannKiBaat pic.twitter.com/4rgtsqrOGjसोनीपत के किसान भाई ने प्रधानमंत्री @narendramodi जी को बताया कि कैसे एक समय था जब उन्हें मंडी से बाहर अपने फल और सब्जियां बेचने में दिक्कत आती थी।
— Om Prakash Dhankar (@OPDhankar) September 27, 2020
लेकिन 2014 में फल और सब्जियों को APMC Act से बाहर कर दिया गया,इसका उन्हें और आसपास के साथी किसानों को बहुत फायदा हुआ। #MannKiBaat pic.twitter.com/4rgtsqrOGj
सोनीपत के किसान ने पीएम मोदी से की मन की बात
मन की बात के जरिए पीएम मोदी ने बताया कि हरियाणा के सोनीपत जिले के हमारे एक किसान भाई रहते हैं उनका नाम है श्री कंवर चौहान. उन्होंने बताया कि कैसे एक समय था जब मंडी से बाहर अपने फल और सब्जियों बेचने में बहुत दिक्कत आती थी.
अगर वो मंडी से बाहर अपनी फल और सब्जियां बेचते थे, तो कई बार उनके फल, सब्जियां और गाड़ी जब्त कर लिए जाते थे. लेकिन 2014 में फल और सब्जियों को APMC Act से बाहर कर दिया गया,इसका उन्हें और आसपास के साथी किसानों को बहुत फायदा हुआ है.
फल और सब्जियों को एपीएमसी अधिनियम से बाहर करने के फायदे
एपीएमसी अधिनियम (APMC Act) यानी एग्रीकल्चर मार्केटिंग प्रोड्यूस मार्केटिंग कमेटी होने के बाद कृषि बाजारों में व्यवस्था लाने और बिचौलियों के हाथों किसानों का शोषण रोकने की दिशा में लागू किया गया हैं. ये कानून किसानों को अपना उत्पाद सीधे किसी को बेचने की छूट देगा. इससे ख़रीदारों में प्रतियोगिता बढ़ेगी और किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे. अब कानूनी रूप से मान्य बिचौलिये के न होने से किसान सीधे ग्राहकों को अपना उत्पाद बेच सकेंगे। इससे ग्राहकों के लिए खाने-पीने की वस्तुएं सस्ती हो सकती हैं.
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