चंडीगढ़: केंद्र सरकार ने पूरे देश में 1 जून से 'वन नेशन वन राशन कार्ड' सुविधा को शुरू कर दिया है. केंद्र सरकार का दावा है कि इसके लागू होने से सीधे तौर पर इसका फायदा देश के करोड़ों लोगों को मिलेगा. एक बार राशनकार्ड बनवाने के बाद देश के किसी भी इलाके में उस कार्ड की मदद से अनाज लिया जा सकेगा. विस्थापन के चलते क्षेत्र छोड़ने वाले लोगों को सस्ते राशन के लिए अब परेशान नहीं होना पड़ेगा.
इस संबंध में हरियाणा खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने कहा कि भारत सरकार ने नेशनल पोर्टेबिलिटी की बात की है. अगर एक राज्य में किसी के पास राशन कार्ड है तो वो दूसरे राज्य में राशन डिपो से राशन प्राप्त कर सकता है. 1 जून से हरियाणा इसके लिए तैयार है. अगर दूसरे राज्य का कोई लेबर/मजदूर हरियाणा में काम कर रहा है और उस राज्य में डिजिटलाइजेशन हो चुका है तो वो यहां राशन ले सकता है.
क्या है वन नेशन वन राशन कार्ड योजना ?
1 जून से देश में राशन कार्ड की व्यवस्था बदल गई है. केंद्र सरकार ने पूरे देश में 'वन नेशन, वन राशन कार्ड' की व्यवस्था लागू कर दी है. बीते दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज के तहत इस योजना का जिक्र किया था.
केंद्र सरकार के अनुसार आगामी मार्च, 2021 तक देश के सभी राज्यों में ये व्यवस्था लागू हो जाएगी. 81 करोड़ जनता को रियायती दरों पर अनाज उपलब्ध कराने वाली योजना पीडीएस (जन वितरण प्रणाली) 1 जून को नए आयाम छुएगी.
केंद्र सरकार का दावा है कि पीडीएस की 83% आबादी वाले 23 राज्यों में 67 करोड़ लाभार्थियों को अगस्त 2020 तक राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी द्वारा इस योजना के दायरे में कवर किया जाएगा. इसके लागू होने के बाद सीधे तौर पर इसका फायदा देश के करोड़ों लोगों को मिलेगा.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट (National Food Security Act) के तहत इस योजना के अंतर्गत आने वाले लोग देश की किसी भी उचित मूल्य की दुकान (Fair Price Shop) से एक ही राशन कार्ड की मदद से अनाज ले सकेंगे.