चंडीगढ़: हरियाणा में चतुर्थ श्रेणी (ग्रुप-डी) की 18,218 पदों की भर्तियों में उच्च शिक्षित युवाओं को राज्य सरकार ने सम्मान देने का फैसला किया है. विभिन्न विभागों में नियुक्त इन युवाओं से चपरासी टैग हटेगा.
बदलेंगे कर्मचारियों के विभाग और पदनाम
इन युवाओं से चपरासी का काम लेने को विपक्षी दल मुद्दा बना रहे थे. इसके जवाब में सरकार ने उक्त कर्मचारियों के विभाग और पदनाम बदलने का अहम फैसला किया है.
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर किया फैसला?
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समने ये बात आई थी कि पीएचडी और एमफिल पास युवाओं से चपरासी, पानी पिलाने और बेलदार का काम लिया जा रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला और हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक तंवर ने बार-बार ये मुद्दा उठाते हुए कई मौकों पर सरकार की घेराबंदी की.
विपक्ष बना रहा था सरकार पर दबाव!
शायद सरकार को ये आशंका थी विधानसभा चुनाव में भी इसको मुद्दा बनाया जा सकता है. लिहाजा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस बड़ी विसंगति को दूर करने का अहम फैसला किया है. ऐसा इसलिए भी हुआ कि प्रभावित युवाओं ने भी अपने सांसदों-मंत्रियों और विधायकों के जरिए मुख्यमंत्री तक इस समस्या को पहुंचाया है.
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26 जून से कर सकते हैं आवेदन
मुख्यमंत्री के निर्देश पर इन कर्मचारियों को अन्य विभाग में स्थानांतरण आधार पर नियुक्ति का मौका दिया जाएगा. संबंधित कर्मचारी 26 जून से हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की वेबसाइट पर निर्धारित प्रोफोर्मा में अपना आवेदन ऑनलाइन इस शर्त पर दे सकते हैं.
आवेदन करने से पहले ये जरूर पढ़ें
इसमें शर्त ये है कि उन्हें पिछली सेवा का लाभ नए पद या विभाग में वरिष्ठता के प्रति नहीं दिया जाएगा. इसके अलावा उनके द्वारा चुने गए चतुर्थ श्रेणी के पद या विभाग में तभी नियुक्ति दी जाएगी, बशर्ते संबंधित विभाग में संबंधित पद होगा.