चंडीगढ़: हरियाणा सरकार प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण व पेट्रोल-डीजल वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन में परिवर्तन करने के लिए एक पॉलिसी बनाएगी. इसके लिए वाहन निर्माताओं व उद्योग क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों से विचार-विमर्श करके सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे.
पॉलिसी निर्माण को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए
शनिवार को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने चंडीगढ़ में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता की और पॉलिसी निर्माण को लेकर दिशा-निर्देश दिए. इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव विजयेंद्र कुमार, महानिदेशक साकेत कुमार के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
ये भी पढ़ें- हरियाणा में रेल की पटरी बिछने से पहले घोटाला? सीएम के आदेश पर इन अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
उपमुख्यमंत्री जिनके पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग का प्रभार भी है, ने बैठक के बाद बताया कि प्रदेश सरकार ने प्रदूषण का कारण बने डीजल-पेट्रोल के वाहनों की जगह पर्यावरण अनुकूल इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रमोट करने के लिए नीति बनाने का निर्णय लिया है.
ये होगी प्रक्रिया
नए इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के अलावा मौजूदा वाहनों का भी समय पूरा होने पर उन्हें इलेक्ट्रिक वाहनों में बदला जाएगा. ये काम चरणबद्ध तरीके से पूरा होगा. वाहन चार्जिंग में कोई दिक्कत ना आए, इसके लिए हर शहर के अलावा मुख्य सड़कों पर भी जगह-जगह चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे.
पंचकूला में प्रदेश के पहले चार्जिंग स्टेशन के उद्घाटन से इसकी शुरुआत हो चुकी है. सरकारी दफ्तरों व बोर्ड-निगमों के अलावा प्राइवेट साइट्स पर भी चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. हरियाणा सरकार सभी नए अपार्टमेंट, हाईराइज बिल्डिंग और टेक्नोलॉजी पार्क में वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने पर बल देगी.
सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी के डिस्पोजल को लेकर विकसित होने वाली मार्केट को भी प्रोत्साहन देगी. इसी तरह क्लीन फ्यूल और अक्षय ऊर्जा आधारित चार्जिंग/बैटरी स्वैपिंग स्टेशन को प्रोत्साहित दिया जाएगा.
ये भी पढ़ें- कोरोना की तीसरी लहर: मुख्यमंत्री ने ली प्रशासनिक सचिवों की बैठक, दिए ये अहम निर्देश