चंडीगढ़: तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के नए रेट (Petrol Diesel new Rate) जारी कर दिए हैं. सरकारी तेल कंपनियों ने आज यानी 17 सितंबर को पेट्रोल-डीजल दोनों ही ईंधन की खुदरा कीमतों में कटौती (Fuel Price Stable Crude Oil) की है. हरियाणा में आज पेट्रोल और डीजल की कीमतों (Petrol Diesel Price Today) में बदलाव देखने को मिला है. आज हरियाणा में पेट्रोल की कीमत (Petrol Price today) में 0.37 पैसे की कटौती हुई है.
जिसके बाद पेट्रोल की कीमत 98.32 रुपये हो गई है. वहीं डीजल (Diesel price today) आज 0.34 पैसे सस्ता हुआ है. जिसके बाद हरियाणा में डीजल की कीमत 88.74 रुपये प्रति लीटर हो गई है. हरियाणा का सिरसा एकलौता ऐसा जिला है जहां पेट्रोल की कीमत 100 रुपये के पार है. सिरसा में आज पेट्रोल की कीमत में 29 पैसे की बढ़ोतरी हुई है. जिसके बाद जिले में पेट्रोल की कीमत 100.57 रुपये प्रति लीटर है.
अगर बात राजधानी चंडीगढ़ की करें तो यहां भी पेट्रोल की कीमत (Chandigarh Petrol Price Today) में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला. चंडीगढ़ में पेट्रोल के दाम 97.40 रुपये प्रति लीटर हैं. वहीं चंडीगढ़ में डीजल की कीमत (Chandigarh Diesel Price Today) में कोई बदलाव नहीं हुआ, चंडीगढ़ में डीजल अब भी 88.35 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है.
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बता दें कि देश में पेट्रोल की कीमतों में रोजाना बदलाव होता है और इसलिए इसे नियमित आधार पर संशोधित किया जाता है. पेट्रोल की दरों में हर रोज सुबह 6 बजे बदलाव किया जाता है. विदेशी मुद्रा के अंतर के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतें क्या हैं. इस आधार पर रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है. इन्हीं मानकों के आधार पर रोज पेट्रोल रेट और डीजल रेट तय करने का काम तेल कंपनियां करती हैं.
पेट्रोल की कीमत को कई कारक निर्धारित करते हैं- जैसे रुपये से अमेरिकी डॉलर विनिमय दर, कच्चे तेल की लागत, वैश्विक संकेत, ईंधन की मांग, आदि. जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो भारत में ईंधन की कीमत बढ़ जाती है. पेट्रोल दर रिफाइनरियों, उत्पाद शुल्क, डीलर कमीशन और मूल्य वर्धित कर या वैट में भुगतान जोड़कर तय की जाती है. इन्हें जोड़ने के बाद पेट्रोल का खुदरा बिक्री मूल्य लगभग दोगुना हो जाता है.
आज माल एवं सेवा कर (जीएसटी) (Goods And Service Tax) परिषद की बैठक होगी. इस बैठक में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने पर विचार हो सकता है. ये एक ऐसा कदम होगा जिसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों को राजस्व के मोर्चे पर जबर्दस्त समझौता करना होगा. केंद्र और राज्य दोनों को इन उत्पादों पर कर के जरिये भारी राजस्व मिलता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई वाली जीएसटी परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हैं. परिषद की बैठक शुक्रवार को लखनऊ में हो रही है.