चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर करनाल से विधायक हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को मिली जीत को चुनौती दी गई है.
क्या सीएम मनोहर लाल का निर्वाचन होगा रद्द?
करनाल से ही निर्दलीय उम्मीदवार की तरफ से पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव के दौरान नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए मनोहर लाल का निर्वाचन रद्द करने की मांग की गई है.
याचिका में कहा गया है कि नियम के अनुसार चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद प्रचार के दौरान प्रतिदिन के खर्च का हिसाब रखना होता है. जिसका ब्यौरा सही तरीके से नहीं रखा गया.
याचिका में कहा गया है कि चुनाव के दौरान सीएम मनोहर लाल ने तय की गई 28 लाख रुपये से ज्यादा की राशि खर्च की. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सीएम मनोहर लाल को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है.
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अधिसूचना जारी होने के बाद नहीं दिया खर्च का हिसाब- याचिका
याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया है कि प्रशासनिक अधिकारी से लेकर बड़े-बड़े नेताओं ने रैलियां की और डोर टू डोर कैंपेन चलाया. साथ ही बड़े-बड़े होटलों में प्रेस वार्ता आयोजित की गई जिसका खर्च भी नहीं दिखाया.
याचिका में कहा गया है कि चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद प्रचार के दौरान प्रतिदिन के खर्च का हिसाब सही तरीके से नहीं रखा गया जो नियमों के खिलाफ है, जबकि मनोहर लाल के प्रचार के लिए स्टार प्रचारक आए उनकी तरफ से बड़ी-बड़ी रैलियां की गई हैं.
याचिका में कहा गया है कि मनोहर लाल ने जनप्रतिनिधि अधिनियम के तहत चुनाव नहीं लड़ा. इसलिए मनोहर लाल के निर्वाचन को रद्द किया जाए. इसके साथ ही अगले 6 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगाए जाने की भी अपील की गई है. पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई-कोर्ट की तरफ से मनोहर लाल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.