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सहारनपुर मोतियाबिंद ऑपरेशन मामला: चंडीगढ़ रेफर हुए मरीजों ने बताई लापरवाही की कहानी, गलत ऑपरेशन के बाद भी झूठ बोलकर इलाज करते रहे डॉक्टर

सहारनपुर में 27 मरीजों का मोतियाबिंद के ऑपरेशन (Saharanpur Cataract Operation Cases) के दौरान लापरवाही की खबर सामने आई है. मरीजों का आरोप है कि गलत ऑपरेशन के बाद भी झूठ बोलकर डॉक्टोर इलाज करते रहे. जब मामला हाथ से निकल गया तो उन्हें चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया गया.

patients lost eye sight saharanpur hospital
सहारनपुर मोतियाबिंद ऑपरेशन मामला: चंडीगढ़ रेफर हुए मरीजों ने बताई लापरवाही की कहानी
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Published : Dec 29, 2021, 4:06 PM IST

Updated : Dec 29, 2021, 6:29 PM IST

चंडीगढ़: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते 27 मरीजों की आंखों की रोशनी (Patients Lost Eye Sight in Saharanpur Hospital) चली गई. इन मरीजों ने सहारनपुर जिला अस्पताल में मोतियाबिंद का इलाज करवाया था. मरीजों के परिजनों ने जहां डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग आंखों की रोशनी जाने की वजह इंफेक्शन बता रहे हैं. इनमें से कई मरीजों को आगे के इलाज के लिए चंडीगढ़ पीजीआई रेफर किया गया है.

ईटीवी भारत की टीम ने चंडीगढ़ पीजीआई (chandigarh pgi) में इन मरीजों और उनके परिजनों से बात की. मरीजों के परिजनों ने बताया कि कई दिन पहले उनके मरीजों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन सहारनपुर के सरकारी अस्पताल में हुआ था. जिसके बाद आंखों में इंफेक्शन हो गया और ऑपरेशन के बाद से कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था, जिसके बाद उन्होंने फिर से डॉक्टर से संपर्क किया जहां से उन्हें दूसरे अस्पताल के पास भेज दिया गया.

सहारनपुर मोतियाबिंद ऑपरेशन मामले में चंडीगढ़ रेफर हुए मरीजों ने बताई लापरवाही की कहानी, देखिए वीडियो

'केस हाथ से निकलने के बाद किया रेफर'

मरीजों के परिजनों के मुताबिक कई दिन इलाज कराने के बाद जब कुछ सुधार नहीं हुआ तो उन्हें पीजीआई में इलाज करने के लिए भेजा गया है. यहां पर कई मरीजों के ऑपरेशन हो चुके हैं, जबकि कई मरीजों के ऑपरेशन होने बाकी हैं. परिजनों के मुताबिक डॉक्टर ने उन्हें साफ तौर पर कह दिया है कि आंख की रोशनी वापस आना लगभग नामुमकिन है. कोशिश है कि आंख निकालनी ना पड़े, लेकिन आंखों की रोशनी वापस नहीं आ पाएगी.

ये पढ़ें- सहारनपुर में बड़ी लापरवाही: मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद 27 लोगों ने गंवाई रोशनी

ऑपरेशन करवाने वाली बुजुर्ग मरीज सुदेश की बहू ज्योति ने बताया कि 2-3 दिसंबर को उनकी आंखों का ऑपरेशन सहारनपुर के सरकारी अस्पताल में हुआ था. ऑपरेशन के अगले दिन जब पट्टी खोली गई तो उन्हें कुछ भी दिखाई नहीं दिया. इसके बावजूद डॉक्टरों ने उन्हें हरी पट्टी लगाकर घर भेज दिया. उसके बाद से उनकी आंखों में दर्द रहने लगा और कुछ दिन बाद आंखों में इंफेक्शन हो गई, आंखों में पस पड़ गई.

'आंख निकालने की आ सकती है नौबत'

ज्योति के मुताबिक जब मरीजों ने डॉक्टर को अपनी आंखें दिखाई तो उन्होंने हमें एक अन्य डॉक्टर के पास भेज दिया. उन्होंने कई दिन वहां पर भी इलाज कराया, लेकिन जब कुछ फर्क नहीं पड़ा तो चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया गया. अब वो लोग चंडीगढ़ पीजीआई पहुंचे हैं. जहां पर डॉक्टरों का कहना है कि आंखों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि अब आंखों की रोशनी वापस नहीं आ सकती. हालात के ऑपरेशन कर इन्फेक्शन को ठीक करने की कोशिश की जाएगी ताकि आप बाहर ना निकालनी पड़े.

हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv Bharat APP

चंडीगढ़: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते 27 मरीजों की आंखों की रोशनी (Patients Lost Eye Sight in Saharanpur Hospital) चली गई. इन मरीजों ने सहारनपुर जिला अस्पताल में मोतियाबिंद का इलाज करवाया था. मरीजों के परिजनों ने जहां डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग आंखों की रोशनी जाने की वजह इंफेक्शन बता रहे हैं. इनमें से कई मरीजों को आगे के इलाज के लिए चंडीगढ़ पीजीआई रेफर किया गया है.

ईटीवी भारत की टीम ने चंडीगढ़ पीजीआई (chandigarh pgi) में इन मरीजों और उनके परिजनों से बात की. मरीजों के परिजनों ने बताया कि कई दिन पहले उनके मरीजों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन सहारनपुर के सरकारी अस्पताल में हुआ था. जिसके बाद आंखों में इंफेक्शन हो गया और ऑपरेशन के बाद से कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था, जिसके बाद उन्होंने फिर से डॉक्टर से संपर्क किया जहां से उन्हें दूसरे अस्पताल के पास भेज दिया गया.

सहारनपुर मोतियाबिंद ऑपरेशन मामले में चंडीगढ़ रेफर हुए मरीजों ने बताई लापरवाही की कहानी, देखिए वीडियो

'केस हाथ से निकलने के बाद किया रेफर'

मरीजों के परिजनों के मुताबिक कई दिन इलाज कराने के बाद जब कुछ सुधार नहीं हुआ तो उन्हें पीजीआई में इलाज करने के लिए भेजा गया है. यहां पर कई मरीजों के ऑपरेशन हो चुके हैं, जबकि कई मरीजों के ऑपरेशन होने बाकी हैं. परिजनों के मुताबिक डॉक्टर ने उन्हें साफ तौर पर कह दिया है कि आंख की रोशनी वापस आना लगभग नामुमकिन है. कोशिश है कि आंख निकालनी ना पड़े, लेकिन आंखों की रोशनी वापस नहीं आ पाएगी.

ये पढ़ें- सहारनपुर में बड़ी लापरवाही: मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद 27 लोगों ने गंवाई रोशनी

ऑपरेशन करवाने वाली बुजुर्ग मरीज सुदेश की बहू ज्योति ने बताया कि 2-3 दिसंबर को उनकी आंखों का ऑपरेशन सहारनपुर के सरकारी अस्पताल में हुआ था. ऑपरेशन के अगले दिन जब पट्टी खोली गई तो उन्हें कुछ भी दिखाई नहीं दिया. इसके बावजूद डॉक्टरों ने उन्हें हरी पट्टी लगाकर घर भेज दिया. उसके बाद से उनकी आंखों में दर्द रहने लगा और कुछ दिन बाद आंखों में इंफेक्शन हो गई, आंखों में पस पड़ गई.

'आंख निकालने की आ सकती है नौबत'

ज्योति के मुताबिक जब मरीजों ने डॉक्टर को अपनी आंखें दिखाई तो उन्होंने हमें एक अन्य डॉक्टर के पास भेज दिया. उन्होंने कई दिन वहां पर भी इलाज कराया, लेकिन जब कुछ फर्क नहीं पड़ा तो चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया गया. अब वो लोग चंडीगढ़ पीजीआई पहुंचे हैं. जहां पर डॉक्टरों का कहना है कि आंखों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि अब आंखों की रोशनी वापस नहीं आ सकती. हालात के ऑपरेशन कर इन्फेक्शन को ठीक करने की कोशिश की जाएगी ताकि आप बाहर ना निकालनी पड़े.

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Last Updated : Dec 29, 2021, 6:29 PM IST
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