चंडीगढ़: सेक्टर-16 स्थित कला भवन में द टोबोविमान इनिशिएटिव की ओर से तीन दिवसीय कला और फोटोग्राफी की प्रदर्शनी लगाई गई है. कोलकाता से आए संस्थापक सोखो सुभ्रो के साथ-साथ 39 कलाकारों के साथ चंडीगढ़ पहुंचे. वहीं, भारत के 11 अलग-अलग राज्यों से युवा कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया. वहीं, इन युवा कलाकारों में अधिकतर ऐसे थे जो किसी और पेशे में होने के बावजूद कला में गहरी रुचि रखते हैं. इसमें फोटोग्राफी, कैलीग्राफी, पेंटिंग, स्कल्पचर आदि तरह की कला का प्रदर्शन किया गया है. (Painting Exhibition in Chandigarh)
द टोबोविमान इनिशिएटिव सोशल मीडिया पर बनाया गया एक समूह है जो कला में रूचि रखने वाले लोगों को साथ जोड़ता है. इसे कोलकाता के रहने वाले सोखो सुभ्रो चलाते हैं. वह इस संस्था के संस्थापक भी हैं. उनका मानना है कि देश के विभिन्न राज्यों को एक मंच पर लाना चुनौती भरा है. उन्होंने कहा कि कलाकारों की कला को देश के हर कोने में पहुंचाना हमारा काम है. ऐसे में पंजाब और हरियाणा के लोगों के लिए हमने चंडीगढ़ को ही चुना क्योंकि यहां दोनों राज्यों के लोगों का मेल है. ये कलाकार सोशल मीडिया के माध्यम से जुड़े हैं. इनमें हरियाणा, पंजाब, बंगाल, तेलंगाना, नई दिल्ली, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश के कलाकार शामिल हैं. (art exhibition for youth artist in chandigarh)
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प्रदर्शनी में हिसार से आई नीलिमा ब्याहुत ने चिड़ियों की फोटो बखूबी प्रदर्शित किया. वहीं, कुछ कलाकारों द्वारा नारी शक्ति को दिखाते हुए अपने कला को दर्शया. तेलंगाना से आई सुषमा रापोल ने पेंटिंग में रानी और राजा को बनाया है. इसमें दिखाया गया है कि राजा के न रहने पर रानी भी फैसला ले सकती है. वहीं, लखनऊ से आई अनुषा झा की पेंटिंग सबसे चर्चित रही, जिसमें उन्होंने अकालोलिक रंगों को इस्तेमाल करते हुए लखनऊ पतझड़ की पेंटिंग बनाई है. इसमें दिखाया गया है कि सब खत्म हो रहा है, लेकिन अंत के बाद शुरुआत भी है. इसमें निराश न होने का संदेश दिया गया है.
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वहीं, अनुषा झा की पांच पेटिंग में तीन प्रदर्शनी के दौरान बीक गई. अनुषा ने बताया कि वह कोऑपरेटिव वकील थीं, लेकिन बचपन से ही उन्हें पेंटिंग को शौक था. उन्होंने कहा कि एक साल पहले ही उन्होंने वकालत छोड़ कर, फुल टाइम आर्ट्स के तौर पर सफर शुरुआत की है. वहीं, इन तीन दिवसीय प्रदर्शनी में वे अपनी मां के साथ लखनऊ से आईं थीं. अनुषा की मां ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनकी बेटी की पांच में से तीन पेंटिंग बिक गई.
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वहीं, दूसरी ओर लखनऊ से ही आए अमनदीप भी कला के क्षेत्र में 2002 से जुड़े हुए हैं. कला उनके पूर्वजों की देन है, जिसे उन्होंने जारी रखा है. चंडीगढ़ की प्रदर्शनी में वे अपनी दो पेटिंग के साथ पहुंचे थे. चंडीगढ़ के कई दर्शकों ने दोनों पेटिंग की जमकर तारीफ भी की. उन्होंने बताया कि उनकी पेंटिंग को समझने के लिए कुछ वक्त चाहिए होता है. लोग एक झलक में उनकी पेंटिंग नहीं समझ सकते. अमनदीप ने कहा कि, वे हमेशा अपने कला को लेकर आते रहेंगे.
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