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धनखड़ ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा- 'ये विचार बदलू पार्टी' - ओपी धनखड़ कृषि बिल बयान

कृषि बिल को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तो वे ऐसे ही बिल को लेकर आ रहे थे, लेकिन जब हम लेकर आ रहे हैं तो उन्हें दिक्कत हो रही है.

OP Dhankar targeted Congress on agriculture bill
OP Dhankar targeted Congress on agriculture bill
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Published : Sep 24, 2020, 6:24 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में कृषि बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है. विपक्ष लगातार इस बिल को लेकर सरकार को घेर रहा है. इस बीच प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कृषि अध्यदेशों को लेकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. धनखड़ ने कहा कि कृषि बिल को लेकर विपक्ष द्वारा जो वातावरण बनाया जा रहा है वो बहुत सी शंका और भ्रम पैदा करने वाला है.

कांग्रेस पर जमकर बरसे धनखड़

ओपी धनखड़ ने कहा कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र और पुरानी घोषणाओं व अपने द्वारा बनाई कमेटी की रिपोर्ट को दरकिनार करते हुए इसका विरोध करना शुरू किया है. कांग्रेस पार्टी ने जो घोषणा पत्र लिखा उसमे यही बातें लिखी गई हैं. विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए धनखड़ ने कहा कि ये विचार बदलू लोग हैं. केवल दशकों तक परिवर्तन की बातें की मगर परिवर्तन किए नहीं है.

कृषि बिल को लेकर प्रदेश अध्यक्ष ने विपक्ष साधा निशाना, देखें वीडियो

कृषि बिल पर कांग्रेस को बताया ड्रामा

ओपी धनखड़ ने कहा कि झूठ बोलकर आंदोलन खड़ा करने का प्रयास किया है. 1 अक्टूबर से धान की खरीद शुरू होगी. धनखड़ ने कहा कि उनकी मुलाकात बलवान सिंह दौलतपुरिया और परमिंदर ढुल से हुई और कहा कि वे दोनों ही इस बिल का समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि विचार बदलू के कारण ही अब कांग्रेस सिकुड़ती जा रही है.

धनखड़ ने सिब्बल को भी लिया निशाने पर

थनखड़ ने कहा कि आज कपिल सिब्बल कुछ बोलते हैं और जब उनकी सरकार थी कि तो कुछ और बोलते थे. वर्तमान में तीनों कृषि कानूनों से किसानों के हितों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. सरकार ने ये प्रावधान उन किसानों के लिए किया है जो डायरेक्ट मार्केटिंग करते हैं. इससे उन्हें इकठ्ठा होने का रास्ता मिल जाएगा. प्रदेश में डायरेक्ट मार्केटिंग करने वाले किसानों की संख्या करीब एक लाख है.

कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर फैल रही अफवाहों को किया दूर

कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर बोलते हुए धनखड़ ने कहा कि सरकार ने कानून में सुनिश्चित किया है कि कोई भी कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग 5 साल से ज्यादा नहीं होगी. नुकसान होने के हालात में कांट्रेक्टर किसान से ना तो बंधुआ मजदूरी करवा पाएगा और ना ही उसकी जमीन नीलाम कर पाएगा. किसान को सिर्फ लागत ही कांट्रेक्टर को वापस करनी होगी. यदि किसी सूरत में कांट्रेक्टर पलटता है तो उसे लागत का डेढ़ गुना हर्जाना किसान को देना होगा.

ये भी पढ़ें- गोहाना: कृषि मंत्री जेपी दलाल के विरोध में पीटीआई टीचर्स ने दिखाए काले झंडे

चंडीगढ़: हरियाणा में कृषि बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है. विपक्ष लगातार इस बिल को लेकर सरकार को घेर रहा है. इस बीच प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कृषि अध्यदेशों को लेकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. धनखड़ ने कहा कि कृषि बिल को लेकर विपक्ष द्वारा जो वातावरण बनाया जा रहा है वो बहुत सी शंका और भ्रम पैदा करने वाला है.

कांग्रेस पर जमकर बरसे धनखड़

ओपी धनखड़ ने कहा कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र और पुरानी घोषणाओं व अपने द्वारा बनाई कमेटी की रिपोर्ट को दरकिनार करते हुए इसका विरोध करना शुरू किया है. कांग्रेस पार्टी ने जो घोषणा पत्र लिखा उसमे यही बातें लिखी गई हैं. विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए धनखड़ ने कहा कि ये विचार बदलू लोग हैं. केवल दशकों तक परिवर्तन की बातें की मगर परिवर्तन किए नहीं है.

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कृषि बिल पर कांग्रेस को बताया ड्रामा

ओपी धनखड़ ने कहा कि झूठ बोलकर आंदोलन खड़ा करने का प्रयास किया है. 1 अक्टूबर से धान की खरीद शुरू होगी. धनखड़ ने कहा कि उनकी मुलाकात बलवान सिंह दौलतपुरिया और परमिंदर ढुल से हुई और कहा कि वे दोनों ही इस बिल का समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि विचार बदलू के कारण ही अब कांग्रेस सिकुड़ती जा रही है.

धनखड़ ने सिब्बल को भी लिया निशाने पर

थनखड़ ने कहा कि आज कपिल सिब्बल कुछ बोलते हैं और जब उनकी सरकार थी कि तो कुछ और बोलते थे. वर्तमान में तीनों कृषि कानूनों से किसानों के हितों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. सरकार ने ये प्रावधान उन किसानों के लिए किया है जो डायरेक्ट मार्केटिंग करते हैं. इससे उन्हें इकठ्ठा होने का रास्ता मिल जाएगा. प्रदेश में डायरेक्ट मार्केटिंग करने वाले किसानों की संख्या करीब एक लाख है.

कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर फैल रही अफवाहों को किया दूर

कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर बोलते हुए धनखड़ ने कहा कि सरकार ने कानून में सुनिश्चित किया है कि कोई भी कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग 5 साल से ज्यादा नहीं होगी. नुकसान होने के हालात में कांट्रेक्टर किसान से ना तो बंधुआ मजदूरी करवा पाएगा और ना ही उसकी जमीन नीलाम कर पाएगा. किसान को सिर्फ लागत ही कांट्रेक्टर को वापस करनी होगी. यदि किसी सूरत में कांट्रेक्टर पलटता है तो उसे लागत का डेढ़ गुना हर्जाना किसान को देना होगा.

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