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ओपी चौटाला ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, कृषि कानून वापस लेने की रखी मांग

सोमवार को पूर्व सीएम ओपी चौटाला ने ये पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा है. उन्होंने अपने पत्र के जरिये किसानों के लिए लाए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है.

ओपी चौटाला प्रधानमंत्री मोदी
ओपी चौटाला प्रधानमंत्री मोदी
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Published : Dec 28, 2020, 4:56 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने अपने पत्र के जरिये किसानों के लिए लाए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है.

ओपी चौटाला प्रधानमंत्री मोदी
ओपी चौटाला ने पीएम मोदी को लिखा पत्र.

सोमवार को पूर्व सीएम ओपी चौटाला ने ये पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा है. इससे पहले करीब एक महीने से ज्यादा समय से किसान दिल्ली के बॉर्डरों पर आंदोलन कर रहे हैं. किसान लगातार तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

ये भी पढे़ं- सिरसा: मुलकाना टोल प्लाजा पर ओपी चौटाला और किसान हुए आमने-सामने

किसानों का मानना है कि ये तीन कृषि कानून किसानों के खिलाफ हैं. इससे बड़े व्यावसायियों को लाभ होगा और आम किसान को इससे नुकसान होगा. किसानों का कहना है कि वो इन कानूनों को वापस करवाकर ही दम लेंगे. तब तक उनका आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा.

गौरतलब है कि हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए नगर निकाय चुनाव-2020 का भी बहिष्कार किया. इनेला नेता अभय चौटाला का कहना था कि किसान कड़ाके की ठंड में सड़क पर बैठे हैं. ऐसे में उनका चुनाव लड़ना जायज नहीं है.

चंडीगढ़: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने अपने पत्र के जरिये किसानों के लिए लाए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है.

ओपी चौटाला प्रधानमंत्री मोदी
ओपी चौटाला ने पीएम मोदी को लिखा पत्र.

सोमवार को पूर्व सीएम ओपी चौटाला ने ये पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा है. इससे पहले करीब एक महीने से ज्यादा समय से किसान दिल्ली के बॉर्डरों पर आंदोलन कर रहे हैं. किसान लगातार तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

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किसानों का मानना है कि ये तीन कृषि कानून किसानों के खिलाफ हैं. इससे बड़े व्यावसायियों को लाभ होगा और आम किसान को इससे नुकसान होगा. किसानों का कहना है कि वो इन कानूनों को वापस करवाकर ही दम लेंगे. तब तक उनका आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा.

गौरतलब है कि हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए नगर निकाय चुनाव-2020 का भी बहिष्कार किया. इनेला नेता अभय चौटाला का कहना था कि किसान कड़ाके की ठंड में सड़क पर बैठे हैं. ऐसे में उनका चुनाव लड़ना जायज नहीं है.

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