चंडीगढ़: इनेलो सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला ने बुधवार को चंडीगढ़ में प्रेसवार्ता की. इस दौरान उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा कि अशोक अरोड़ा, रामपाल माजरा सहित कई नेताओं ने उनको मैसेज किया है कि वो वापस इनेलो में आना चाहते हैं.
ओम प्रकाश चौटाला ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि अशोक अरोड़ा, रामपाल माजरा, परमिंदर ढुल, संपत सिंह जैसे कई नेता वापस आना चाहते हैं. जजपा के कई नेता भी वापसी चाहते हैं, लेकिन हम दगाबाज और धोखेबाज लोगों को अब बर्दाश्त नहीं करेंगे. हमारी सोच परिवार तक नहीं है, पूरी पार्टी हमारा परिवार है.
वहीं जेजेपी के साथ आने के सवाल पर ओपी चौटाला ने कहा कि हमें किसी के साथ आने में आपत्ति नहीं है. जब ये लोग छोड़कर गए तो हमने कहा था मिलकर चलो. अगर हमारी पार्टी एकजुट रहती तो सरकार हमार बननी थी. मैं और अजय सीएम नहीं बन सकते थे, अभय ने कहा था मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा. चौथी पीढ़ी के लोगों को मौका मिलना था जो देवीलाल को छोड़कर गौतम को दादा मानते हैं. ऐसी स्थिति थी हमारी पार्टी की सरकार बनती और दुष्यंत ही सीएम बनते, लेकिन उन्हें अपने नफे नुकसान का नहीं पता.
ओपी चौटाला ने कहा कि बरोदा में उपचुनाव के लिए 15 अक्टूबर को उम्मीदवार की घोषणा कर देंगे, जबकि 16 को नामांकन करेंगे. ओपी चौटाला ने कहा कि वो आज भी राजनीति में सक्रिय हैं, आज भी आखिरी फैसला उनकी कलम से होता है. उन्होंने कहा कि मैंने कभी पार्टी की कमान छोड़ी ही नहीं थी.
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वहीं सीएम खट्टर पर निशाना साधते हुए ओपी चौटाला ने कहा कि आज सीएम की खिड़की बन्द है. सीएम के कहने से किसी आम व्यक्ति का काम नहीं होता, मंत्री भी संतुष्ठ नहीं हैं. एक मंत्री जब बीमार थे तो मेरी उनसे मुलाकात हुई थी. मंत्री ने मुझे बताया था कि डीएसपी और एसएचओ की भी बदली सीएम करते हैं मुझे अधिकार नहीं है. सीएम को जनहित के कार्यों में रुचि लेनी चहिए और लोगों की परेशानी को दूर करना चाहिए.
ओपी चौटाला ने कहा कि आज 2 लाख करोड़ से भी अधिक कर्ज हरियाणा पर है. आज देश कर्ज में डूब रहा है, हरियाणा प्रदेश की आज यह हालत है कि कर्मचारियों की तनख्वाह के लिए भी सरकार कर्ज ले रही है. हमसे जब सत्ता गई तब सरकारी खजाना भरा हुआ था. सरकार पढ़ाई करने वाले बच्चों से भी 5 रुपये कोरोना के नाम पर ले रही है. शिक्षण संस्थान बन्द हैं, लेकिन बच्चों से पैसे लिए जा रहे हैं. इस दौरान ओपी चौटाला ने बरोदा उपचुनाव में जीत का दावा किया तो साथ ही आने वाले समय में अकाली दल के उनके साथ चुनाव लड़ने के भी संकेत दिए हैं.
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