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सजा पूरी होते ही ट्विटर पर ट्रेंड करने लगे ओपी चौटाला, चला हैशटैग 'किसानों का मसीहा आया'

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Published : Jun 23, 2021, 8:17 PM IST

जेबीटी भर्ती घोटाले (JBT recruitment case) में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला (Omprakash Chautala) की सजा पूरी हो चुकी है. वहीं उनकी सजा पूरी होने खबर सामने आते ही पूर्व मुख्यमंत्री ट्विटर पर ट्रेंड करने लगे. उनके लिए हैशटैग 'किसानों का मसीहा आया' लगाकर लाखों ट्वीट किए गए.

op chautala trending twitter
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चंडीगढ़: जेबीटी भर्ती घोटाले (JBT recruitment case) में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला (Om prakash Chautala ) की सजा पूरी हो गई है. बीती रात को उनकी सजा पूरी हो गई है. कुछ कागजी कार्रवाई बची हुई है उसे पूरा होते ही आधिकारिक तौर पर रिहाई के आदेश जारी हो जाएंगे.

हालांकि ओम प्रकाश चौटाला अभी पैरोल पर तिहाड़ जेल से बाहर ही हैं. वहीं जैसे ही ओम प्रकाश चौटाला की सजा पूरी होने की खबर सामने आई तो वे ट्विटर पर ट्रेंड करने लगे. लोगों ने उनके लिए हैशटैग 'किसानों का मसीहा आया' लगाकर ट्वीट किए. उनके समर्थकों ने उन्हें किसानों का मसीहा बताते हुए सजा पूरी होने पर उनका स्वागत किया.

क्या था मामला?

गौरतलब है कि हरियाणा में इनेलो की सरकार बनने के बाद साल 1999-2000 में जेबीटी टीचर की भर्ती निकाली गई. चौटाला सरकार ने भर्ती का अधिकार एसएससी से लेकर अपने पास रख लिया और इसके लिए जिला स्तर पर समितियां गठित कर दीं. 3206 जूनियर बेसिक ट्रेंड (जेबीटी) टीचर्स की नियुक्ति में ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया.

ये भी पढ़ें- JBT Recruitment Scam: इनेलो को मिली संजीवनी, जेजेपी के लिए जंजाल? ये हैं 5 बड़ी वजह

नियुक्तियों की दूसरी लिस्ट 18 जिलों की चयन समिति के सदस्यों और अध्यक्षों को हरियाणा भवन और चंडीगढ़ के गेस्ट हाउस में बुलाकर तैयार कराई गई. इसमें जिन अयोग्य उम्मीदवारों से पैसा मिला था उनके नाम योग्य उम्मीदवारों की सूची में डाल दिए गए. जेबीटी भर्ती घोटाले को अंजाम देने के लिए साल 1985 बैच के आईएएस अधिकारी संजीव कुमार को शिक्षा विभाग का निदेशक बनाया गया था.

2013 से जेल में काट रहे थे सजा

मामले के मुताबिक परीक्षा के बाद योग्य उम्मीदवारों की जो सूची बनी उनमें संजीव कुमार के उम्मीदवार भी थे. जब नतीजे घोषित करने की बारी आई तो अजय चौटाला व शेर सिंह बडशामी ने कुमार को धमकाते हुए उनके उम्मीदवारों के नाम सूची से काटकर नई सूची बनवाई और नतीजे घोषित करने को कहा. यहीं से घोटाले का खुलासा होना शुरू हो गया. इस मामले में अजय चौटाला और उनके पिता ओम प्रकाश चौटाला को वर्ष 2013 में 10 साल की सजा सुनाई गई थी.

बाकी बची सजा की गई माफ

दिल्ली की अदालत ने दोनों को 10 साल तिहाड़ जेल में रखने के आदेश दिए थे. जेल में रहने के दौरान ओम प्रकाश चौटाला ने अभी तक 9 साल 9 महीने की सजा पूरी की है. वहीं दिल्ली सरकार, हाई पावर कमेटी और तिहाड़ प्रशासन की बीते माह बैठक हुई थी. इस बैठक में ये तय हुआ था कि जिन कैदियों को 10 साल तक की सजा हुई है और उनकी सजा के छह माह बचे हुए हैं ऐसे कैदियों को सजा में माफी दी जाएगी.

ये भी पढ़ें- क्या है जेबीटी भर्ती घोटाला, जिसमें ओपी चौटाला को हुई थी 10 साल की सजा

इसके बाद ऐसे कैदियों की सूची तैयार कर उसे दिल्ली सरकार के पास भेजा गया था. इसमें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला का नाम शामिल था, जिसके बाद अब उनकी बाकी बची सजा को माफ कर दिया है. हालांकि उनके बेटे अजय चौटाला को जेल में ही रहना पड़ेगा क्योंकि अजय चौटाला ने अभी तक 9 साल दो महीने की सजा ही पूरी की है. इसके चलते उनकी सजा के 10 महीने बचे हुए हैं जो उन्हें तिहाड़ जेल में काटने पड़ेंगे.

ये भी पढ़ें- जेबीटी भर्ती घोटाले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला की सजा पूरी

चंडीगढ़: जेबीटी भर्ती घोटाले (JBT recruitment case) में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला (Om prakash Chautala ) की सजा पूरी हो गई है. बीती रात को उनकी सजा पूरी हो गई है. कुछ कागजी कार्रवाई बची हुई है उसे पूरा होते ही आधिकारिक तौर पर रिहाई के आदेश जारी हो जाएंगे.

हालांकि ओम प्रकाश चौटाला अभी पैरोल पर तिहाड़ जेल से बाहर ही हैं. वहीं जैसे ही ओम प्रकाश चौटाला की सजा पूरी होने की खबर सामने आई तो वे ट्विटर पर ट्रेंड करने लगे. लोगों ने उनके लिए हैशटैग 'किसानों का मसीहा आया' लगाकर ट्वीट किए. उनके समर्थकों ने उन्हें किसानों का मसीहा बताते हुए सजा पूरी होने पर उनका स्वागत किया.

क्या था मामला?

गौरतलब है कि हरियाणा में इनेलो की सरकार बनने के बाद साल 1999-2000 में जेबीटी टीचर की भर्ती निकाली गई. चौटाला सरकार ने भर्ती का अधिकार एसएससी से लेकर अपने पास रख लिया और इसके लिए जिला स्तर पर समितियां गठित कर दीं. 3206 जूनियर बेसिक ट्रेंड (जेबीटी) टीचर्स की नियुक्ति में ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया.

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नियुक्तियों की दूसरी लिस्ट 18 जिलों की चयन समिति के सदस्यों और अध्यक्षों को हरियाणा भवन और चंडीगढ़ के गेस्ट हाउस में बुलाकर तैयार कराई गई. इसमें जिन अयोग्य उम्मीदवारों से पैसा मिला था उनके नाम योग्य उम्मीदवारों की सूची में डाल दिए गए. जेबीटी भर्ती घोटाले को अंजाम देने के लिए साल 1985 बैच के आईएएस अधिकारी संजीव कुमार को शिक्षा विभाग का निदेशक बनाया गया था.

2013 से जेल में काट रहे थे सजा

मामले के मुताबिक परीक्षा के बाद योग्य उम्मीदवारों की जो सूची बनी उनमें संजीव कुमार के उम्मीदवार भी थे. जब नतीजे घोषित करने की बारी आई तो अजय चौटाला व शेर सिंह बडशामी ने कुमार को धमकाते हुए उनके उम्मीदवारों के नाम सूची से काटकर नई सूची बनवाई और नतीजे घोषित करने को कहा. यहीं से घोटाले का खुलासा होना शुरू हो गया. इस मामले में अजय चौटाला और उनके पिता ओम प्रकाश चौटाला को वर्ष 2013 में 10 साल की सजा सुनाई गई थी.

बाकी बची सजा की गई माफ

दिल्ली की अदालत ने दोनों को 10 साल तिहाड़ जेल में रखने के आदेश दिए थे. जेल में रहने के दौरान ओम प्रकाश चौटाला ने अभी तक 9 साल 9 महीने की सजा पूरी की है. वहीं दिल्ली सरकार, हाई पावर कमेटी और तिहाड़ प्रशासन की बीते माह बैठक हुई थी. इस बैठक में ये तय हुआ था कि जिन कैदियों को 10 साल तक की सजा हुई है और उनकी सजा के छह माह बचे हुए हैं ऐसे कैदियों को सजा में माफी दी जाएगी.

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इसके बाद ऐसे कैदियों की सूची तैयार कर उसे दिल्ली सरकार के पास भेजा गया था. इसमें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला का नाम शामिल था, जिसके बाद अब उनकी बाकी बची सजा को माफ कर दिया है. हालांकि उनके बेटे अजय चौटाला को जेल में ही रहना पड़ेगा क्योंकि अजय चौटाला ने अभी तक 9 साल दो महीने की सजा ही पूरी की है. इसके चलते उनकी सजा के 10 महीने बचे हुए हैं जो उन्हें तिहाड़ जेल में काटने पड़ेंगे.

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