चंडीगढ़: देश के उम्रदराज नेताओं में पढ़ाई का क्रेज बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है. बढ़ती उम्र में भी इन नेताओं का पढ़ाई का और इतना रूझान देखना काफी प्रेरणादायक है. कोई बोर्ड की परीक्षा दे रहा है था कोई विश्वविद्यालय में दाखिला ले रहा है. बीते बुधवार को ही हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री 86 वर्षीय ओपी चौटाला (Op chautala board exam) ने 10वीं कक्षा का पेपर दिया था.वहीं अब खबर ये है कि 65 साल के सीएम मनोहर लाल (CM Manohar Lal) जल्द ही कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी (Kurukshetra University) में एडमिशन लेने जा रहे हैं.
उन्होंने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में जापानी भाषा (Japanese Language) के सर्टिफिकेट एंड डिप्लोमा कोर्स में दाखिला लेने की इच्छा जताई है. गुरुवार को मुख्यमंत्री कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के एल्युमनी एसोसिएशन द्वारा आयोजित ऑनलाइन/ऑफलाइन एल्युमनी मीट प्रतिस्मृति: पूर्व छात्र पुनर्मिलन 2021 कार्यक्रम से जुड़े थे. जिसमें यह रोचक बात भी सामने आई. बता दें कि परिवार में मनोहर लाल पहले सदस्य थे, जिन्होंने 10वीं के बाद भी अपनी शिक्षा जारी रखी.
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इससे पहले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने भी अभी हाल ही में तिहाड़ जेल में रहते हुए पहले 10वीं और उसके बाद 12वीं की परीक्षा दी थी, लेकिन उनका 12वीं की परीक्षा का रिजल्ट होल्ड कर दिया गया था. हालांकि ओमप्रकाश चौटाला 10वीं कक्षा पास कर चुके हैं, लेकिन उनका 12वीं का रिजल्ट होल्ड पर है. क्योंकि 10वीं में वो अंग्रेजी में फेल हो गए थे, इसीलिए बुधवार को दोबारा उन्होंने अंग्रेजी का पेपर दिया. 86 साल के ओम प्रकाश चौटाला का पेपर लिखने के लिए 9वीं की छात्रा मलकीत भी पहुंची थी, क्योंकि ओपी चौटाला की उम्र काफी हो चुकी है और उनके हाथ में भी चोट लगी थी तो उन्होंने बोर्ड से एक राइटर देने की मांग की थी.
9वीं की 14 साल की छात्रा मलकीत ने उनका पेपर लिखा था. ओपी चौटाला ने 82 साल की उम्र में 2017 में NIOS (नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ओपन स्कूल) से उर्दू, साइंस, सोशल स्टडीज और इंडियन कल्चर एंड हेरिटेज विषय में 53.40% अंक हासिल कर 10वीं पास की थी. वहीं सीएम मनोहर लाल की बात करें तो वे कभी डॉक्टर बनना चाहते थे. बताया जाता है कि पढ़ने में खास रुचि रखने वाले मनोहर लाल का सपना डॉक्टर बनने का था, लेकिन पारिवारिक परिस्थितियों की वजह से उनका यह सपना पूरा नहीं हो पाया. मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के एग्जाम की तैयारी के लिए वह दिल्ली पहुंचे, लेकिन हालात ऐसे बने कि वो मेडिकल कॉलेज में एडमिशन नहीं ले पाए.
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दिल्ली के सदर बाजार में कपड़े की दुकान, संघ की पाठशाला और साथ में दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और संघ की गतिविधियों से हरियाणा के मुख्यमंत्री के पद तक का रास्ता उन्होंने कई तरह के उतार-चढ़ाव के साथ तय किया. हालांकि अब एक बार फिर से उन्होंने पढ़ने का मन बनाया है. डॉक्टरी न सही लेकिन सीएम खट्टर जापानी भाषा का ज्ञान जरूर प्राप्त कर पाएंगे. इन दोनों नेताओं के अलावा भी देश में कई और ऐसे नेता और मंत्री हैं जिन्होंने उम्रदराज होते हुए भी पढ़ाई की है.