चंडीगढ़: आज के समय में भाग दौड़ भरी जिंदगी में इंसान अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर देता है. जिसके कारण हमारा शरीर बहुत सी बीमारियों का शिकार हो जाता है. हाल ही में देश के सभी राज्यों में ICMR यानी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने एक सर्वे रिपोर्ट जारी की है. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा देश का ऐसा राज्य है जहां पर सबसे ज्यादा लोग पेट के मोटापे के शिकार हैं. रिपोर्ट में पाया गया है कि हरियाणा के 60 प्रतिशत से भी ज्यादा लोग पेट की चर्बी से ग्रसित हैं. यह सर्वे इंडिया नेशनल क्रॉस सेक्शनल स्टडी के दौरान सामने आया है. हरियाणा में बढ़ते मोटापे को लेकर ईटीवी भारत ने चंडीगढ़ पीजीआई के एंड्रोक्राइनोलॉजी (Endocrinology) डिपार्टमेंट के हेड आचार्य संजय भदादा से बातचीत की.
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हरियाणा में सबसे ज्यादा लोग मोटापे के शिकार: दरअसल इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के विशेषज्ञों द्वारा पूरे देश में पेट के मोटापे को लेकर सर्वे किया गया था. इस सर्वे को बॉडी बिल्डर ओबेसिटी नाम दिया गया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा में मोटे पेट वाले लोगों की संख्या 60 प्रतिशत है. जबकि 59 प्रतिशत के साथ दूसरे नंबर पर पंजाब है. हिमाचल प्रदेश में मोटे लोग 56 प्रतिशत हैं. इसके अलावा अगर सामान्य तौर पर मोटापे की बात करें तब भी हरियाणा में 39.6 प्रतिशत लोग सामान्य मोटापे का शिकार हैं.
ओबेसिटी क्या है: डॉक्टर संजय भदादा ने बताया कि, ऐसे व्यक्ति जिनका वजन उनकी ऊंचाई के मुताबिक अधिक होता है, उसमें ओबेसिटी की बीमारी सबसे ज्यादा होती है. अगर हम केवल भारत की बात करें तो यहां पर अधिकतम शारीरिक आकार के तहत ना ज्यादा लंबे और न ज्यादा छोटे लोग पाए जाते हैं. ऐसे में एक व्यक्ति की रिपोर्ट अगर 23 बीएमआई- (लंबाई के हिसाब से वजन का अनुपात) तक होती है, तो उसे स्वस्थ व्यक्ति माना जाता है. लेकिन जिस व्यक्ति का बीएमआई 25 तक चला जाता है, उसे ओबेसिटी की बीमारी से ग्रसित मरीज माना जाता है. ज्यादातर डॉक्टर का मानना है कि मोटापे का मुख्य कारण लोगों के खानपान में बैलेंस न होना है.
शहरी और ग्रामीण इलाकों में हुए सर्वे: एब्डोमिनल ओबेसिटी (पेट का मोटापा) नाम की इस बीमारी को लेकर ICMR द्वारा लोगों के लिवर भी चेक किये गए हैं. जिसमें हरियाणा और पंजाब दो ऐसे राज्य हैं, जहां लोग जरूरत से ज्यादा मोटे हैं. आईसीएमआर द्वारा की गई इस रिसर्च में शहरी और ग्रामीण इलाकों को चुना गया है. हर राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में 2800 से ज्यादा लोग शामिल करते हुए ये सर्वे किया गया है. जबकि शहरी क्षेत्रों में 1200 से ज्यादा लोगों को इस सर्वे में रखा गया था. ICMR के आंकड़े बताते हैं कि 30 से 50 वर्ष के पुरुषों और महिलाओं में मोटापा बढ़ा है. पिछले करीब 5 सालों में प्रदेश की आबादी में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में मोटापा ज्यादा बढ़ा है. इस सर्वे की रिपोर्ट चंडीगढ़ पीजीआई में तैयार की जाती है.
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ओबेसिटी बीमारी की जड़: चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टर संजय भदादा कहते हैं कि मोटापे की सबसे बड़ी वजह जीवन शैली है. आज के समय में लोग ज्यादातर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं. जिसके चलते लोग एक ही जगह पर घंटों बैठे होते हैं. इसका हमारे स्वास्थ्य पर तो असर पड़ता ही है, बल्कि इससे आंखों को भी काफी नुकसान पहुंचता है. वहीं दूसरी वजह है लोगों का खानपान. लोगों को पता नहीं है कि वो कितनी कैलोरी ले रहे हैं और कितनी कैलोरी बर्न कर रहे हैं. हमें ये समझने की जरूरत है कि ओबेसिटी एक बीमारी है और ये बाकी बीमारियों की मुख्य वजह है. ओबेसिटी के बाद बॉडी में बहुत सी बीमारियां प्रवेश कर जाती है.
भारी खाने से बढ़ रहा वजन: संजय भदादा ने बताया कि पहले के समय में जब लोग दिनभर मेहनत करते थे, तो खाना आसानी से डाइजेस्ट कर पाते थे. जिससे उनके शरीर को फायदा पहुंचाता था. लेकिन आज के समय में लोग जो खाना खा रहे हैं उसका सीधा नुकसान शरीर के ऑर्गन को पहुंच रहा है. जिसकी वजह से सबसे पहले लीवर और किडनी पर असर पड़ता है. लोगों का खाना हेल्दी, नहीं हैवी होता जा रहा है. जिसमें ज्यादातर लोग तला-भुना और मसालेदार खाने के आदी हो गए हैं. अगर स्वास्थ्य को सही रखना है और मोटापे से बचना है तो ऐसे खाने को नजरअंदाज करना होगा.
मोटापे को रोकने के उपाय: डॉ. आचार्य संजय भदादा ने बताया कि मोटापा एक ऐसी बीमारी है, जिसे एक स्वस्थ खान पान से ठीक किया जा सकता है. इसके लिए कोई दवा नहीं बनी है. अगर लोग बाहर का खाना बंद करें और सिर्फ भूख लगने पर ही खाना खाएं, तो वो इस अनचाहे मोटापे को कम कर सकते हैं. इसके अलावा अपनी ओवर ईटिंग से भी बचना चाहिए. रात के समय बिल्कुल हल्का भोजन खाना चाहिए. दिन में पानी ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पीना चाहिए. इसके अलावा जितना हो सके उतना सिंपल और लाइट भोजन ही करना चाहिए.
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