चंडीगढ़: नूंह में हुई हिंसा को लेकर एक तरफ जहां विपक्ष सरकार पर हमलावर है, वहीं सरकार के अंदर ही घमासान चल रहा है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल और अनिल विज को अपने ही सहयोगी दल से विरोध का सामना करना पड़ रहा है. बीजेपी सरकार के लिए सबसे बड़ी मुसीबत उसी के गठबंधन सहयोगी जेजेपी ने खड़ी कर दी है. खुद डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला लगातार नूंह में हुई लापरवाही का मुद्दा उठा रहे हैं. चंडीगढ़ में एक बार फिर उन्होंने नूंह में हुई लापरवाही को लेकर कई सवाल खड़े किए.
नूंह में समय पर नहीं तैनात की गई फोर्स- दुष्यंत चौटाला ने कहा कि नूंह हिंसा में समय रहते फोर्स तैनात नहीं की गई. सूचना समय पर क्यों नहीं मिली इसकी भी जांच की जाएगी. ब्रज मंडल यात्रा में 3200 श्रद्धालुओं के शामिल होने का परमिशन था, इससे ऊपर लोग कैसे इकठा हुए. यदि हुए तो अतिरिक्त पुलिस बल क्यों नहीं तैनात किया गया. इसकी भी जांच की जायेगी. नूंह में जो हिंसा हुई वह पहले अच्छे से असेस नहीं की गई. एसपी छुट्टी पर थे. जिस एसपी के पास अतिरिक्त कार्यभार था, उसने भी अच्छे से सिचुएशन को असेस नहीं किया.
बुलडोजर पर रोक का स्वागत- डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हाइकोर्ट द्वारा तोड़-फोड़ पर लागई गई रोक का स्वागत करता हूं. किसी भी प्रॉपर्टी को तोड़ने से पहले नोटिस दिया जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि नूंह में हुई हिंसा मामले में 141 के ऊपर एफआईआर दर्ज हो चुकी है. जो लोग भी इसमें शामिल हैं उन्हें बख्शा नहीं जायेगा. चाहे कोई माइनर हो या बड़ा. यह एक सुनियिजित घटनाक्रम था. अगर सुरक्षा में लापरवाही का कोई मामला होगा तो उस पर एक्शन लिया जायेगा.
आपको बता दें कि दुष्यंत चौटाला इससे पहले भी नूंह में हुई हिंसा के मामले पर अपनी ही सरकार को घेर चुके हैं. सबसे पहले दुष्यंत चौटाला ने 2 अगस्त को कहा था कि ब्रज मंडल यात्रा के आयोजकों ने पूरी जानकारी नहीं दी थी, जिसके चलते ये हिंसा हुई. इसके बाद 5 अगस्त को दुष्यंत चौटाला ने मेवात में हुई हिंसा के लिए कथित गौरक्षकों पर उकसाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मेवात में पिछले 600 साल में हिंसा नहीं हुई. गौरक्षा के नाम पर कुछ लोग समाज का माहौल खराब कर रहे हैं.
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