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किसानों के द्वारा बीजेपी-जेजेपी नेताओं का विरोध जारी, अब महिलाएं संभालेंगी कमान, जानिए क्या होगा पार्टी का रूख

हरियाणा में एक बार फिर किसानों ने बीजेपी-जेजेपी नेताओं (haryana farmers protest against bjp jjp) का विरोध शुरू कर दिया है. वहीं सर्वजातीय सर्वखाप की महापंचायत ने बड़ा एलान करते हुए कहा है कि अब महिलाएं भाजपा-जजपा नेताओं के कार्यक्रमों में विरोध की कमान संभालेंगी. किसानों के इस विरोध का अब बीजेपी-जेजेपी क्या जवाब देगी, वहीं इस मामले में विपक्ष का क्या रूख है, जानिए.

women farmers protest against BJP haryana
haryana farmers protest against bjp jjp
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Published : Nov 6, 2021, 7:31 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी के सामने किसानों की चुनौती (haryana farmers protest against bjp) किसी भी तरह से कम नहीं हो रही है. प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में अभी भी बीजेपी और जेजेपी के कार्यक्रमों का किसान विरोध कर रहे हैं. ताजा मामले जो प्रदेश में सामने आए उनमें रोहतक के किलोई में बीजेपी नेता मनीष ग्रोवर और बीजेपी कार्यकर्ताओं को मंदिर में बंधक बनाने का है.

वहीं हिसार में भी राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा की गाड़ी पर हमले के मामले में किसानों पर केस दर्ज हुए हैं. इस सब के बीच सर्वजातिय सर्वखाप द्वारा एक और बड़ा फैसला लिया गया. शुक्रवार को चरखी दादरी में स्वामी दयाल धाम पर सर्वजातीय सर्वखाप की महापंचायत में बीजेपी और जेजेपी के होने वाले कार्यक्रम का महिलाओं की अगुवाई में विरोध (women will oppose the leaders of BJP-JJP) करने का फैसला लिया गया है.

haryana khap panchayat
शुक्रवार को चरखी दादरी में हुई सर्वजातीय सर्वखाप की महापंचायत

इस महापंचायत में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया है कि आने वाली 7 तारीख को चरखी दादरी में अगर बीजेपी -जेजेपी नेताओं का अगर कार्यक्रम रद्द नहीं हुआ महिलाओं की अगुवाई में नेताओं का विरोध किया जाएगा. इस महापंचायत में फोगाट खाप के अलावा सांगवान, सतगामा, श्योराण, हवेली सहित विभिन्न खापों व सामाजिक प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे.

ऐलनाबाद उपचुनाव के बाद बीजेपी को लग रही थी बदली फिजा!

बीजेपी नेता को बंधक बनाने और गाड़ी पर हमले के ये मामले बताने के लिए काफी हैं कि बीजेपी और जेजेपी के लिए प्रदेश में अभी भी माहौल वैसा ही है, जैसा ऐलनाबाद उपचुनाव से पहले था. ऐलनाबाद में हुए चुनाव के बाद एक तरफ जहां बीजेपी और जेजेपी गठबंधन कह रहा था कि प्रदेश में किसान आंदोलन का असर नहीं है, लेकिन ताजा मामलों ने उनके सारे दावों की हवा निकाल दी. हालात देख कर लग रहा है कि अगर तीन कृषि कानूनों पर केंद्र ने कोई फैसला नहीं लिया तो आने वाले दिनों में भी बीजेपी और जेजेपी को किसान किसी भी तरह की रियायत देने के मूड में नहीं है.

manish grover
रोहतक में बीजेपी नेता मनीष ग्रोवर और बीजेपी कार्यकर्ताओं को किसानों ने बनाया था बंधक

ये भी पढ़ें : चरखी दादरी में हुई सर्वजातीय खाप महापंचायत, 17 जनवरी को ट्रैक्टर परेड का फैसला

पहले भी निशाने पर रही हैं बीजेपी

प्रदेश में काफी समय से बीजेपी और जेजेपी के कार्यक्रमों का विरोध होता रहा है. बात चाहे मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों की हो या उनके मंत्रियों की, सभी को किसानों के विरोध का हर जगह सामना करना पड़ा है. इसकी बानगी करनाल में भी देखने को मिली थी. जहां बीजेपी के एक कार्यक्रम के दौरान जमकर हंगामा हुआ था. इसके साथ ही एक बार किसानों ने मुख्यमंत्री के लिए बनाए गए हेलीपैड को भी उखाड़ दिया था. इतना ही नहीं हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रणवीर सिंह गंगवा की गाड़ी पर भी कुछ किसान प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया था. इन सभी मामलों के बाद प्रदेश की सियासत गर्म हुई थी. एक तरफ किसान नेता तो दूसरी ओर सरकार खड़ी नजर आई थी. वहीं फिर से इसी तरह के मामले सामने आने के बाद लग रहा है कि बीजेपी के खिलाफ किसानों का रोष अभी थमा नहीं है.

बीजेपी के निशाने पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस

रोहतक के किलोई में बीजेपी नेताओं को मंदिर में बंधक बनाने के मामले के बाद बीजेपी अब कांग्रेस पर हमलावर हो गई है. बीजेपी नेताओं ने रोहतक में कांग्रेस का पुतला फूंका. बीजेपी नेताओं के निशाने पर खास तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा रहे. बीजेपी नेताओं का आरोप है कि वहां जो कुछ हुआ वह सब कांग्रेस की साजिश थी. बीजेपी वैसे भी अक्सर कहती रहती है कि किसान आंदोलन के पीछे कांग्रेस का हाथ है. वहीं कांग्रेस के नेता भी इस बात को कहने से गुरेज नहीं करते कि वे किसानों के साथ खड़े हैं. बीजेपी का कांग्रेस पर हमलावर होना कहीं ना कहीं इस बात की ओर इशारा करता है कि किसानों से ज्यादा अब बीजेपी के निशाने पर कांग्रेस है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा :अब भाजपा-जजपा नेताओं को खदेड़ेंगी महिलाएं, खाप पंचायत में हुआ फैसला

इन सभी मामलों को लेकर क्या कहती है बीजेपी?

बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण अत्रे कहते हैं कि ऐलनाबाद उपचुनाव के नतीजों के बाद विपक्ष में खलबली है. वह इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि बीजेपी के उम्मीदवार को वहां भारी जनसमर्थन मिला. वे कहते हैं कि यह बात जगजाहिर है कि इस आंदोलन के पीछे कई विरोधी दल काम कर रहे हैं, जो भोले भाले लोगों को उकसा रहे हैं. उनका कहना है कि बीजेपी लगातार अपने कार्यक्रम करती रहेगी और ऐसे लोगों को बेनकाब करती रहेगी. वे कहते हैं कि आम जनता को भी अब पता चल चुका है कि कौन लोग इस सब के पीछे हैं. बता दें कि, ऐलनाबाद उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार गोविंड कांडा दूसरे नंबर पर रहे. उन्होंने विजेता प्रत्याशी इनेलो के अभय चौटाला को कड़ी टक्कर दी.

क्या सच में कांग्रेस दे रही है किसानों को शह?

बीजेपी लगातार विरोध के मामले को लेकर कांग्रेस पर निशाना साध रही है. इस सब के पीछे कांग्रेस का हाथ होने की बात कहती रही है. इस पर जब कांग्रेस प्रवक्ता केवल ढींगरा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि किसान तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं और वे उनको निरस्त करने की मांग कर रहे हैं. ये बात बीजेपी को समझनी चाहिए. वह कहते हैं कि कांग्रेस का समर्थन किसानों को है, लेकिन जहां तक किसानों द्वारा बीजेपी के नेताओं के विरोध की बात है तो वह किसान नेताओं के ऐलान के तहत ही कर रहे हैं. उसमें कांग्रेस का कोई भी हाथ नहीं है. बीजेपी किसानों को उकसाने का काम कर रही है. जबकि उन्हें पता है कि किसान उनका विरोध करेंगे, बावजूद इसके वे कार्यक्रम करते रहते हैं. जिससे किसानों का रोष देखने को मिलता है.

ये भी पढ़ें- हिसार लाठीचार्ज: किसान महापंचायत में हुए कई बड़े फैसले, 8 नवंबर को होगा डीसी-एसपी दफ्तर का घेराव

इन घटनाक्रमों को कैसे देखती है इनेलो?

इनेलो प्रवक्ता राकेश कहते हैं कि बीजेपी को जब पता है कि किसानों ने उनके कार्यक्रमों के विरोध की बात पहले ही कह रखी है तो ऐसे में भी क्यों बार-बार कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं और किसानों को क्यों भड़काने का काम करते हैं. साथ ही वे कहते हैं कि किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हैं और वे इसी की वजह से अभी लगातार आंदोलनरत हैं, ऐसे में बीजेपी को चाहिए कि वे इस तरीके से कार्यक्रम ना करें जिससे किसानों में और रोष पैदा हो. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता उकसाने वाले बयान देकर प्रदेश में हंगामा करने की फिराक में हैं. उनके नेताओं के बयान आग में घी डालने का काम कर रहे हैं.

इन मामलों पर राजनीतिक विश्लेषक का है ये कहना

वहीं बीजेपी और जेजेपी के विरोध के मामले को लेकर राजनीतिक विश्लेषक डॉक्टर सुरिंदर धीमान कहते हैं कि किसान नेताओं ने पहले ही आह्वान कर रखा है कि जब तक तीन कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते प्रदेश में सरकार के कार्यक्रमों का और मंत्रियों का विरोध करते रहेंगे. ऐसे में किसान अभी भी यह जारी रखे हुए हैं. वे कहते हैं कि बीजेपी अक्सर इस मामले में कांग्रेस पर निशाना साधती रही है और इसको पीछे से समर्थन देने की बातें करती रहती है, लेकिन किसान 3 कृषि कानूनों के खिलाफ अभी भी जमीन पर लड़ाई लड़ रहे हैं. अब खाप ने भी महिलाओं की अगुवाई में विरोध करने का फैसला लिया गया है. ऐसे में बीजेपी-जेजेपी के लिए चुनौतियां कम होने वाली नहीं हैं.

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चंडीगढ़: हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी के सामने किसानों की चुनौती (haryana farmers protest against bjp) किसी भी तरह से कम नहीं हो रही है. प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में अभी भी बीजेपी और जेजेपी के कार्यक्रमों का किसान विरोध कर रहे हैं. ताजा मामले जो प्रदेश में सामने आए उनमें रोहतक के किलोई में बीजेपी नेता मनीष ग्रोवर और बीजेपी कार्यकर्ताओं को मंदिर में बंधक बनाने का है.

वहीं हिसार में भी राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा की गाड़ी पर हमले के मामले में किसानों पर केस दर्ज हुए हैं. इस सब के बीच सर्वजातिय सर्वखाप द्वारा एक और बड़ा फैसला लिया गया. शुक्रवार को चरखी दादरी में स्वामी दयाल धाम पर सर्वजातीय सर्वखाप की महापंचायत में बीजेपी और जेजेपी के होने वाले कार्यक्रम का महिलाओं की अगुवाई में विरोध (women will oppose the leaders of BJP-JJP) करने का फैसला लिया गया है.

haryana khap panchayat
शुक्रवार को चरखी दादरी में हुई सर्वजातीय सर्वखाप की महापंचायत

इस महापंचायत में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया है कि आने वाली 7 तारीख को चरखी दादरी में अगर बीजेपी -जेजेपी नेताओं का अगर कार्यक्रम रद्द नहीं हुआ महिलाओं की अगुवाई में नेताओं का विरोध किया जाएगा. इस महापंचायत में फोगाट खाप के अलावा सांगवान, सतगामा, श्योराण, हवेली सहित विभिन्न खापों व सामाजिक प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे.

ऐलनाबाद उपचुनाव के बाद बीजेपी को लग रही थी बदली फिजा!

बीजेपी नेता को बंधक बनाने और गाड़ी पर हमले के ये मामले बताने के लिए काफी हैं कि बीजेपी और जेजेपी के लिए प्रदेश में अभी भी माहौल वैसा ही है, जैसा ऐलनाबाद उपचुनाव से पहले था. ऐलनाबाद में हुए चुनाव के बाद एक तरफ जहां बीजेपी और जेजेपी गठबंधन कह रहा था कि प्रदेश में किसान आंदोलन का असर नहीं है, लेकिन ताजा मामलों ने उनके सारे दावों की हवा निकाल दी. हालात देख कर लग रहा है कि अगर तीन कृषि कानूनों पर केंद्र ने कोई फैसला नहीं लिया तो आने वाले दिनों में भी बीजेपी और जेजेपी को किसान किसी भी तरह की रियायत देने के मूड में नहीं है.

manish grover
रोहतक में बीजेपी नेता मनीष ग्रोवर और बीजेपी कार्यकर्ताओं को किसानों ने बनाया था बंधक

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पहले भी निशाने पर रही हैं बीजेपी

प्रदेश में काफी समय से बीजेपी और जेजेपी के कार्यक्रमों का विरोध होता रहा है. बात चाहे मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों की हो या उनके मंत्रियों की, सभी को किसानों के विरोध का हर जगह सामना करना पड़ा है. इसकी बानगी करनाल में भी देखने को मिली थी. जहां बीजेपी के एक कार्यक्रम के दौरान जमकर हंगामा हुआ था. इसके साथ ही एक बार किसानों ने मुख्यमंत्री के लिए बनाए गए हेलीपैड को भी उखाड़ दिया था. इतना ही नहीं हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रणवीर सिंह गंगवा की गाड़ी पर भी कुछ किसान प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया था. इन सभी मामलों के बाद प्रदेश की सियासत गर्म हुई थी. एक तरफ किसान नेता तो दूसरी ओर सरकार खड़ी नजर आई थी. वहीं फिर से इसी तरह के मामले सामने आने के बाद लग रहा है कि बीजेपी के खिलाफ किसानों का रोष अभी थमा नहीं है.

बीजेपी के निशाने पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस

रोहतक के किलोई में बीजेपी नेताओं को मंदिर में बंधक बनाने के मामले के बाद बीजेपी अब कांग्रेस पर हमलावर हो गई है. बीजेपी नेताओं ने रोहतक में कांग्रेस का पुतला फूंका. बीजेपी नेताओं के निशाने पर खास तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा रहे. बीजेपी नेताओं का आरोप है कि वहां जो कुछ हुआ वह सब कांग्रेस की साजिश थी. बीजेपी वैसे भी अक्सर कहती रहती है कि किसान आंदोलन के पीछे कांग्रेस का हाथ है. वहीं कांग्रेस के नेता भी इस बात को कहने से गुरेज नहीं करते कि वे किसानों के साथ खड़े हैं. बीजेपी का कांग्रेस पर हमलावर होना कहीं ना कहीं इस बात की ओर इशारा करता है कि किसानों से ज्यादा अब बीजेपी के निशाने पर कांग्रेस है.

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इन सभी मामलों को लेकर क्या कहती है बीजेपी?

बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण अत्रे कहते हैं कि ऐलनाबाद उपचुनाव के नतीजों के बाद विपक्ष में खलबली है. वह इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि बीजेपी के उम्मीदवार को वहां भारी जनसमर्थन मिला. वे कहते हैं कि यह बात जगजाहिर है कि इस आंदोलन के पीछे कई विरोधी दल काम कर रहे हैं, जो भोले भाले लोगों को उकसा रहे हैं. उनका कहना है कि बीजेपी लगातार अपने कार्यक्रम करती रहेगी और ऐसे लोगों को बेनकाब करती रहेगी. वे कहते हैं कि आम जनता को भी अब पता चल चुका है कि कौन लोग इस सब के पीछे हैं. बता दें कि, ऐलनाबाद उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार गोविंड कांडा दूसरे नंबर पर रहे. उन्होंने विजेता प्रत्याशी इनेलो के अभय चौटाला को कड़ी टक्कर दी.

क्या सच में कांग्रेस दे रही है किसानों को शह?

बीजेपी लगातार विरोध के मामले को लेकर कांग्रेस पर निशाना साध रही है. इस सब के पीछे कांग्रेस का हाथ होने की बात कहती रही है. इस पर जब कांग्रेस प्रवक्ता केवल ढींगरा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि किसान तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं और वे उनको निरस्त करने की मांग कर रहे हैं. ये बात बीजेपी को समझनी चाहिए. वह कहते हैं कि कांग्रेस का समर्थन किसानों को है, लेकिन जहां तक किसानों द्वारा बीजेपी के नेताओं के विरोध की बात है तो वह किसान नेताओं के ऐलान के तहत ही कर रहे हैं. उसमें कांग्रेस का कोई भी हाथ नहीं है. बीजेपी किसानों को उकसाने का काम कर रही है. जबकि उन्हें पता है कि किसान उनका विरोध करेंगे, बावजूद इसके वे कार्यक्रम करते रहते हैं. जिससे किसानों का रोष देखने को मिलता है.

ये भी पढ़ें- हिसार लाठीचार्ज: किसान महापंचायत में हुए कई बड़े फैसले, 8 नवंबर को होगा डीसी-एसपी दफ्तर का घेराव

इन घटनाक्रमों को कैसे देखती है इनेलो?

इनेलो प्रवक्ता राकेश कहते हैं कि बीजेपी को जब पता है कि किसानों ने उनके कार्यक्रमों के विरोध की बात पहले ही कह रखी है तो ऐसे में भी क्यों बार-बार कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं और किसानों को क्यों भड़काने का काम करते हैं. साथ ही वे कहते हैं कि किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हैं और वे इसी की वजह से अभी लगातार आंदोलनरत हैं, ऐसे में बीजेपी को चाहिए कि वे इस तरीके से कार्यक्रम ना करें जिससे किसानों में और रोष पैदा हो. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता उकसाने वाले बयान देकर प्रदेश में हंगामा करने की फिराक में हैं. उनके नेताओं के बयान आग में घी डालने का काम कर रहे हैं.

इन मामलों पर राजनीतिक विश्लेषक का है ये कहना

वहीं बीजेपी और जेजेपी के विरोध के मामले को लेकर राजनीतिक विश्लेषक डॉक्टर सुरिंदर धीमान कहते हैं कि किसान नेताओं ने पहले ही आह्वान कर रखा है कि जब तक तीन कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते प्रदेश में सरकार के कार्यक्रमों का और मंत्रियों का विरोध करते रहेंगे. ऐसे में किसान अभी भी यह जारी रखे हुए हैं. वे कहते हैं कि बीजेपी अक्सर इस मामले में कांग्रेस पर निशाना साधती रही है और इसको पीछे से समर्थन देने की बातें करती रहती है, लेकिन किसान 3 कृषि कानूनों के खिलाफ अभी भी जमीन पर लड़ाई लड़ रहे हैं. अब खाप ने भी महिलाओं की अगुवाई में विरोध करने का फैसला लिया गया है. ऐसे में बीजेपी-जेजेपी के लिए चुनौतियां कम होने वाली नहीं हैं.

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